राजनीति चोर की मां को मारिये पहले – पंकज झा

चोर की मां को मारिये पहले – पंकज झा

झारखंड प्रकरण पर ..  आपने चोर और उसकी मां की कहानी सुनी होगी. ये उस ज़माने की बात है जब चोरी-डकैती के लिए मृत्युदंड का प्रावधान…

Read more
लेख पत्रकारिता के कुमार गंधर्व थे जोशीजी – अजीत कुमार

पत्रकारिता के कुमार गंधर्व थे जोशीजी – अजीत कुमार

मुझसे मेरे मित्र ने कहा कि अजीत प्रभाष जी पर कुछ लिख दो। लेकिन उसके कहने के तकरीबन 12 घंटे बीत जाने के बाद भी…

Read more
राजनीति शिव बनने लगे हैं ‘राज’ – लिमटी खरे

शिव बनने लगे हैं ‘राज’ – लिमटी खरे

मध्य प्रदेश के सूबेदार शिवराज सिंह चौहान अब राज ठाकरे और शीला दीक्षित के नक्शे कदम पर चलते दिख रहे हैं। सूबाई हुकूमत को बरकरार…

Read more
कविता प्रोफेशनल

प्रोफेशनल

कुछ भी दिल से नहीं लगाते इसलिए हैं अपने काम के प्रति बहुत ही प्रतिबध्द। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किसी भी हद को पार…

Read more
टॉप स्टोरी भारतीय क्रांति परम्परा की यात्रा – जयप्रकाश सिंह

भारतीय क्रांति परम्परा की यात्रा – जयप्रकाश सिंह

भारत में व्यवस्था परिवर्तन की विशेष वैचारिक-सांस्कृतिक परम्परा रही है। यह ऐसी परम्परा है जिसमें व्यवस्था परिवर्तन का मतलब सत्ता परिवर्तन नहीं होता अपितु शाश्वत…

Read more
टॉप स्टोरी महंगाई पर हायतौबा न मचायें

महंगाई पर हायतौबा न मचायें

मंहगाई प्रति दिन बढ़ रही है। फिर भी योज़ना आयोग के अध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह आहूलवालिया साहब का कहना है कि महंगाई को लेकर आम…

Read more
टॉप स्टोरी इसी दिन गोलियों से भून दिए गए थे गो-भक्त – गिरीश पंकज

इसी दिन गोलियों से भून दिए गए थे गो-भक्त – गिरीश पंकज

७ नवम्बर ऐसी मनहूस तारीख है, जिसे याद कर के आखें भर आती है. यही वह दिन है जिस दिन दिल्ली में गो-भक्तों पर गोलियाँ…

Read more
कविता सहजीवन

सहजीवन

पत्नी नहीं है वह पर स्वेछा से करती है अपना सर्वस्व न्यौछावर     एक अपार्टमेन्ट की बीसवीं मंजिल पर है उनका एक छोटा सा…

Read more
जब-तक सूरज चाँद रहेगा, प्रभाष जोशी का नाम रहेगा – गिरीश पंकज

जब-तक सूरज चाँद रहेगा, प्रभाष जोशी का नाम रहेगा – गिरीश पंकज

प्रभाष जोशी का अचानक ऐसे चला जाना उन लोगों के लिए दुखद घटना है जो पत्रकारिता को मिशन की तरह लेते थे और वैसा व्यवहार…

Read more
राजनीति राष्टभक्ति पर विवाद! – लिमटी खरे

राष्टभक्ति पर विवाद! – लिमटी खरे

देश से बढकर कोई चीज नहीं है, मां से बढकर कोई नहीं है, सच्चाई और ईमान की राह पर चलना चाहिए, इस तरह की बातें…

Read more
धर्म-अध्यात्म श्री रामचरितमानस पर मची है : महाभारत – एस.ए. अस्थाना

श्री रामचरितमानस पर मची है : महाभारत – एस.ए. अस्थाना

देश से बाहर कौन कहे भारत भूमि पर ही आज सनातन धर्म, सनातन संस्कृति हर दिन, हर क्षण तेजी के साथ पतनोन्मुखी हो रही है…

Read more
समाज क्यों बनते हैं किन्नर – राजकुमार सोनी

क्यों बनते हैं किन्नर – राजकुमार सोनी

प्राइम एंट्रो: किन्नर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों में एका कौतूहल का विषय हैं। इनके नाजो-नखरे देख अक्सर लोग हंस पड़ते हैं, तो की…

Read more