जन-जागरण विविधा जल की शुद्धता और उपलब्धता पर संकट March 22, 2018 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक विज्ञान पत्रिका नेचर जियोसाइंस की मानें तो सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का 60 प्रतिशत भूजल पूरी तरह दूषित हो चुका है। कहीं यह सीमा से अधिक खारा है तो कहीं उसमें आर्सेनिक की मात्रा बहुत अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक 200 मीटर की गहराई पर मौजूद भूजल का बड़ा हिस्सा […] Read more » availability of water- crisis for availability of water- Crisis on the purity Crisis on the purity of water Featured water जल जल की उपलब्धता पर संकट जल की शुद्धता पर संकट
पर्यावरण जल, जंगल, जमीन और हमारे बुद्घिजीवी June 10, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य ‘जमीन से जुड़े रहने’ का मुहावरा बड़ा प्रसिद्घ है। इस मुहावरे का एक अर्थ ये भी है कि अपनी भारतमाता, गौमाता और जननीमाता से जुड़े रहना। कोई देश या संप्रदाय माने या न माने पर यह सच है कि उसके देश के लोगों में पारस्परिक सदभाव और समभाव, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक […] Read more » Featured जंगल जमीन जल हमारे बुद्घिजीवी
जन-जागरण विविधा जल संकट से कैसे उबरे देश April 16, 2016 / April 17, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सूखे से देश के लोगों की स्थिति बड़ी ही दयनीय बन चुकी है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के सर्वोच्च न्यायालय को सक्रिय होकर सरकार को उसका कत्र्तव्य बोध कराया गया है। देश के नौ राज्य इस समय भयंकर सूखे की चपेट में हैं। लोगों के लिए इस सबके बीच यह एक अच्छी […] Read more » Featured how to get rid of water crisis जल
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, माता-पिता, आचार्य, वायु, जल व अन्न आदि देवताओं का ऋणी मनुष्य October 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस संसार में पूर्व जन्म के प्रारब्ध को लेकर जन्म लेता है। माता-पिता सन्तान को जन्म देने व पालन करने वाले होने से सभी सन्तानें इन दो चेतन मूर्तिमान देवताओं की ऋणी हैं। माता अपनी सन्तान को दस महीनों तक गर्भ में रखकर उसे जन्म देने योग्य बनाती है, इससे उसे […] Read more » Featured अन्न आचार्य ईश्वर जल देवताओं का ऋणी मनुष्य माता पिता वायु
विविधा भारत में पानी के बाजार को बेचैन दुनिया ? May 29, 2015 / May 30, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on भारत में पानी के बाजार को बेचैन दुनिया ? -प्रमोद भार्गव- -संदर्भः संयुक्त राष्ट्र एवं ईए वाटर के अध्ययन की रिपोर्ट- हाल ही में भारत में बढ़ती जल समस्या के परिप्रेक्ष्य में भयभीत करने वाली रिपोर्ट आई है। जल क्षेत्र की एक प्रमुख परामर्शदाता संस्था ईए वाटर की अध्ययन रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10 साल के भीतर जल समस्या इतनी भीषण […] Read more » Featured जल पानी पानी का बाज़ार भारत में पानी के बाजार को बेचैन दुनिया ?
विविधा सबके साथ सबका विनाश (भा १) May 11, 2015 / May 11, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on सबके साथ सबका विनाश (भा १) –डॉ. मधुसूदन – (एक) क्या, शीर्षक गलत है? नहीं; चौंकिए नहीं, शीर्षक गलत नहीं है। अति अति गंभीर समस्या हैं। भारत की जल समस्या मात्र गंभीर नहीं, अति गम्भीर ही नहीं, पर, अति अति गंभीर हैं। विश्वके जल विशेषज्ञ भी यही कहते हैं। वैश्विक विशेषज्ञों की सामूहिक चर्चाओं, आयोजित गोष्ठियों, और वृत्तपत्रों के समाचारों के […] Read more » Featured जल जल समस्या पानी पानी समस्या भारत में जल समस्या भारत में पानी सबके साथ सबका विनाश (भा १)
प्रवक्ता न्यूज़ समाज जल संरक्षण – धरा संरक्षण June 19, 2014 / October 8, 2014 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- जब भी दुनिया जल संरक्षण दिवस मनाती है या फिर जिन दिनों में धरती गर्मी के भीषण प्रकोप का सामना करती है प्राय: उन्हीं दिनों में हम जैसे तमाम लेखकों, समीक्षकों व टिप्पणीकारों को जल संरक्षण हेतु कुछ कहने, सुनने व लिखने का ख्याल आता है। हमारा देश एक बार फिर गर्मी की […] Read more » जल जल संरक्षण धरा संरक्षण
पर्यावरण पानी रे पानी तू हर जगह, लेकिन पीने को एक बूंद नहीं November 2, 2011 / December 5, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment स्टाजिंग कुजांग आंग्मो लेह की सड़कों पर चलते हुए जैसे-जैसे मैं पुरानी बातों को याद करती हूं, तो बचपन की यादें किसी फूल की तरह ताजा हो जाती हैं। ऐसा लगता है कि जैसे कल की ही बात हो जब मैं अपने साथियों के साथ इन हरे भरे चारागाहों, सुंदर और भव्य इलाकों और हीरे […] Read more » water जल पानी
पर्यावरण जल की उपलब्धता और भारतीय ग्राम July 9, 2010 / December 23, 2011 by आलोक कुमार यादव | 2 Comments on जल की उपलब्धता और भारतीय ग्राम -आलोक कुमार यादव भूमंडलीकरण के इस दौर में भारत के ग्रामीण जन जिन मुख्य समस्याओं से रू-ब-रू होना पड़ रहा है उनमें से एक भूजल स्तर का गिरना भी है। जल जीवन की अनिवार्यता है इतिहास इस बात का साक्षी है कि अधिकतर आदि सम्यताएं विभिन्न नदी-घाटियों में जन्मी और फली-फूली है। अनेक महत्वपूर्ण नगर, […] Read more » water जल