राजनीति राष्ट्रवाद के नव प्रणेता -मोदी May 30, 2019 / May 30, 2019 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment चुनाव २०१९ में नब्बे करोड़ मतदाताओं में से साठ करोड़ मतदाताओं का मतदान मोदी द्वारा प्राप्त करने के बाद, ख़याल आया कि – वामपंथ ने कैसे कैसे वैश्विक भ्रमजालों का निर्माण किया है. लियो टालस्टाय का एक उपन्यास हुआ है “वार एंड पीस” फ्रांसीसी विचार लेखक रोमां रोलां ने इस पुस्तक को “19वीं शताब्दी का भव्य […] Read more » modi an epitome of nationalism Narendra Modi राष्ट्रवाद
राजनीति राष्ट्रवाद ने किया नामुमकिन को मुमकिन May 29, 2019 / May 29, 2019 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव सत्रहवीं लोकसभा के आम चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को मिला प्रचंड बहुमत प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रवादी राजनीति का प्रतिफल है। इसी राष्ट्रवाद के देशव्यापी परचम ने भाजपा को 303 और अपने सहयोगी दलों को मिलाकर कुल 353 संसदीय क्षेत्रों में उल्लेखनीय विजय दिलाई है। चूंकि इस चुनावी विजयश्री की […] Read more » BJPwins 2019 nationalism favoured bjp राष्ट्रवाद
राजनीति ‘बिहार’ क्यों ढो रहा है आतताई ‘बख्तियार’ को ! October 24, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment शिवशरण त्रिपाठी आखिर हम कब तक उन विधर्मी आक्रांताओं को ढोते रहेंगे जिन्होने न केवल हमारी अकूत धन दौलत को जमकर लूटा खसोटा वरन् हमारी महान संस्कृति को नष्ट करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। खून की नदियां बहाने वाले इन आक्रांताओं द्वारा हमारे धार्मिक स्थलों को नेस्तनाबूद करने दृष्टि से तोड़ा व ढहाया गया। […] Read more » 'बख्तियारपुर नालंदा विश्व विद्यालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रवाद
राजनीति अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करता संघ September 21, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव देश के सबसे बड़े और प्रभावशाली सांस्कृतिक संगठन ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ‘ ने ‘भविष्य का भारत-संघ का दृश्टिकोण‘ विषय के तारतम्य में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट पारदर्शिता के साथ प्रस्तुत किया है। किसी देषव्यापी संगठन द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों और अनुत्तरित प्रश्नों पर अपना नजरिया जनता के सामने उजागर करना एक बड़ी पहल है। […] Read more » इस्लाम उमर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री फारूक महबूबा और ओवैसी यहूदी राष्ट्रवाद हिंदू धर्म
राजनीति आंखों से बोलते थे अटल जी August 17, 2018 / August 17, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुगनानी प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात ने कहा था कि “जिस देश का राजा कवि होगा उस देश में कोई दुखी न होगा” – अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में यह बात चरितार्थ हो रही थी. स्वातंत्र्योत्तर भारत के नेताओं में कुछ ही ऐसे नेता हुए हैं जो विपक्षियों से भी सम्मान पातें हों. और ऐसे जननेता तो […] Read more » Featured अटल बिहारी वाजपेयी आंखों से बोलते थे अटल जी ग्वालियर नागपुर परमाणु परीक्षण राजनैतिक अवधारणा राष्ट्रधर्म पाञ्चजन्य राष्ट्रवाद
राजनीति राजनीति परिचर्चा का मुख्य विषय बने… July 5, 2018 / July 5, 2018 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment विनोद कुमार सर्वोदय लोकतांत्रिक प्रणाली को अधिक सार्थक करने के लिये हमारे नीतिनियन्ताओं को राजनीति पर चर्चा को मुख्य विषय बना कर देशवासियों को उनके कर्तव्य के प्रति सजग करना होगा। अन्यथा राजनीति के वर्तमान नकारात्मक स्वरूप से अधिकांश प्रबुद्ध वर्ग धीरे धीरे उदासीन होने को विवश होता जा रहा हैं। जबकि 2014 के चुनावों […] Read more » Featured अत्याचार अन्याय देशद्रोहियों व धर्मांधों धर्मभूमि नक्सलवाद व आतंकवादरूपी पितृभूमि भ्रष्टाचार मातृभूमि राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक प्रणाली व कर्मभूमि विदेशियों
विश्ववार्ता मोदी की नेपाल यात्रा : बदलती दृष्टि का संकेत May 22, 2018 by कुमार सच्चिदानन्द | 1 Comment on मोदी की नेपाल यात्रा : बदलती दृष्टि का संकेत कुमार सच्चिदानन्द पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेपाल की महत्वपूर्ण यात्रा सम्पन्न हुई । प्रधानमंत्री के रूप में यह मोदीजी की तीसरी नेपाल यात्रा थी । यूँ तो नेपाल राजनैतिक संरचना ही ऐसी है कि यहाँ भारत का नाम लेते ही एक विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इसलिए मोदीजी की […] Read more » Featured द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद नेपाल प्रधानमंत्री ओली बदलती दृष्टि का संकेत भारतीय राजनीति माओ माक्र्स मोदी की नेपाल यात्रा राष्ट्रवाद लेनिन वर्ग संघर्ष और सर्वहारा वामपंथी पार्टियाँ स्टालिन
मनोरंजन बॉलीवुड के स्टीरियोटाइप को तोड़ती फिल्म “राजी” May 21, 2018 by जावेद अनीस | 1 Comment on बॉलीवुड के स्टीरियोटाइप को तोड़ती फिल्म “राजी” जावेद अनीस “राजी” एक खास समय में आई स्पेशल फिल्म है और इसके स्पेशल होने के एक नहीं अनेकों कारण हैं. एक ऐसे दौर में जहां कश्मीर और मुसलमान जैसे शब्द नकारात्मक छवि पेश करते हैं. मेघना गुलज़ार एक ऐसी अनोखी फिल्म लेकर आई हैं जो एक मुस्लिम कश्मीरी लड़की की कहानी कहती है […] Read more » Featured कश्मीर और मुसलमान तोड़ती फिल्म “राजी” पाकिस्तान बॉलीवुड के स्टीरियोटाइप भारत राष्ट्रवाद
पुस्तक समीक्षा राष्ट्रवाद से जुड़े विमर्शों को रेखांकित करती ” राष्ट्रवाद, भारतीयता और पत्रकारिता” किताब April 30, 2018 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment पुस्तक समीक्षा राष्ट्रवाद से जुड़े विमर्शों को रेखांकित करती एक किताब : राष्ट्रवाद, भारतीयता और पत्रकारिता लोकेन्द्र सिंह देश में राष्ट्रवाद से जुड़ी बहस इन दिनों चरम पर है। राष्ट्रवाद की स्वीकार्यता बढ़ी है। उसके प्रति लोगों की समझ बढ़ी है। राष्ट्रवाद के प्रति बनाई गई नकारात्मक धारणा टूट रही है। भारत में बुद्धिजीवियों का एक वर्ग […] Read more » भारतीयता और पत्रकारिता राष्ट्रवाद
समाज ” राष्ट्रवाद मेरी नजर में “ April 14, 2018 by जालाराम चौधरी | Leave a Comment जालाराम चौधरी राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा हैं जिसमें राष्ट्र सर्वोपरि होता है। एक सूत्र में पिरोने का कार्य राष्ट्रवाद की भावना ही करती है। राष्ट्रवाद अर्थात् राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना। जो देशहित में खड़े होने की प्रेरणा देता है। आज के इस दौर में देश जिस मोड़ पर खड़ा है इनकी अपेक्षा देश […] Read more » 'सर्वजन हिताय Featured देशहित राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक वर्तमान राष्ट्र सरकार सर्वजन सुखाय
राजनीति व्यक्तिवाद , राष्ट्रवाद और राजनीति January 18, 2018 by विनोद कुमार सर्वोदय | 1 Comment on व्यक्तिवाद , राष्ट्रवाद और राजनीति व्यक्तिवाद विश्व के एकमात्र विशाल संगठन “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ” की राष्ट्रवाद , सनातन वैदिक धर्म व संस्कृति की रक्षार्थ डॉ हेडगेवार जी ने कुछ समर्पित महान विभूतियों के साथ अपने अथक पराक्रम से स्थापना की थी। भारतीय संस्कृति व सभ्यता की रक्षार्थ अपने अनेक आनुषांगिक संस्थाओं द्वारा इस विश्वव्यापी संगठन के दशकों से चल […] Read more » Featured Individualism Nationalism politics राजनीति राष्ट्रवाद व्यक्तिवाद
विविधा विश्व गुरु के रुप में भारत -15 September 2, 2017 / September 2, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  भारत का राष्ट्रवाद और विश्व भारत का राष्ट्रवाद आज के अंतर्राष्ट्रवाद से ऊंची सोच वाला रहा है। आज के विश्व मंचों पर भी राजनीतिज्ञ अपने-अपने देशों के हितों के लिए लड़ते-झगड़ते हैं, और ‘संयुक्त राष्ट्र’ जैसी विश्व संस्था का भी या तो उपहास उड़ा रहे हैं या फिर उसे असहाय बनाने […] Read more » Featured भारत भारत का राष्ट्रवाद राष्ट्रवाद विश्व