राजनीति एक बवाल, कई सवाल…? July 4, 2020 / July 4, 2020 by सज्जाद हैदर | 4 Comments on एक बवाल, कई सवाल…? एक बहुत बड़ा सवाल है कि आखिर विकास का कैसे हुआ विकास…? सिर पर है किसका हाथ? किसके साए में यह अपराधी अब तक फला-फूला। यह एक बड़ा एवं अनसुलझा सा सवाल है। जिसे समझने की जरूरत है। इस सवाल को नजर अंदाज करने की कदापि जरूरत नहीं। आज का समय एवं आज की परिस्थिति […] Read more » Notorious Kanpur gangster policemen death by vikas policemen mass encounter in UP Vikas Dubey विकास
राजनीति समाज भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों है? August 7, 2018 / August 7, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणि राजेन्द्र विजय अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं, बल्कि आदिवासी अस्तित्व, संघर्ष, हक-अधिकारों और इतिहास को याद करने के साथ-साथ जिम्मेदारियों और कर्तव्यों की समीक्षा करने का भी दिन है। आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराकरण, भाषा संस्कृति, इतिहास आदि के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ […] Read more » Featured अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस आदिवासी कनाडा कल्याण कांग्रेसी एवं भाजपा बिरसा मुंडा भारत में आदिवासी उपेक्षित क्यों है? भाषा मेक्सिको और रूस विकास शिक्षा संसाधनों संस्कृति स्वरोजगार एवं विकास स्वास्थ्य
पर्यावरण विकास के नाम पर पर्यावरण की उपेक्षा क्यों? March 22, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- ‘सबका साथ, सबका विकास’ वर्तमान सरकार का नारा है, यह नारा जितना लुभावना है उतना ही भ्रामक एवं विडम्बनापूर्ण भी है। यह सही है कि आम आदमी की जरूरतें चरम अवस्था में पहुंच चुकी हैं। हम उन जरूरतों को पूरा करने के लिए विकास की कीमत पर्यावरण के विनाश से चुकाने जा रहे […] Read more » environmental devastation Featured पर्यावरण की उपेक्षा विकास
टेक्नोलॉजी मीडिया ये कैसा विकास है June 7, 2017 by संचित पुरोहित | Leave a Comment भारत में मोबाईल के उपयोगकर्त्ताआंे की संख्या में लगातार बढोतरी हो रही है । जून, 2017 तक भारत में 42 करोड से भी अधिक मोबाईल उपभोक्ता हो चुके हैं । प्राथमिक तौर पर देखने और सुनने में ऐसा लगता है कि हमारे वतन में एक संचार क्रांति जन्म ले चुकी है और उसका निरंतर विकास […] Read more » kids in social media विकास
राजनीति सुशासन के कीर्तिमान गढ़ने का समय March 14, 2017 / March 14, 2017 by डा रवि प्रभात | 1 Comment on सुशासन के कीर्तिमान गढ़ने का समय अब समय आ गया है जब भाजपा को प्रत्येक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के लिए विशिष्ट आचार संहिता का प्रावधान करना चाहिए , जिसमें नैतिकता , सदाचार , इमानदारी, संवेदनशीलता और सहृदयता जैसे उच्च मानक हो जिनके पालन को सुनिश्चित कराया जाए । क्योंकि भले ही जनता ने मोदी जी और पार्टी की विचारधारा पर विश्वास करके भाजपा को वोट दिया हो परंतु रोजमर्रा की समस्याओं के लिए कार्यकर्ताओं जनता का साबका पार्षद , विधायको और सांसदों से ही पड़ता है ।अगर इन लोगों का आचरण विपरीत किस्म का होगा तो जनता का विश्वास टूटेगा और उसे दूसरे विकल्प की तरफ देखना पड़ेगा । Read more » bjp bjp major party Featured अंत्योदय राष्ट्रवाद विकास सर्वधर्म समभाव सुशासन सुशासन के कीर्तिमान गढ़ने का समय हिंदुत्व
विविधा विकास का संदर्भ और स्वरूप September 15, 2012 / September 15, 2012 by के. एन. गोविंदाचार्य | Leave a Comment के एन गोविंदाचार्य भारतीय संदर्भ में विकास के साथ कुछ बुनियादी शर्त जुड़ी हैं। यहां वास्तविक विकास कार्य उसी को कहा जा सकता है जिसमें अंतिम व्यक्ति का हित सर्वोपरि रहे। जबकि आज हो रहा है इसके ठीक उलटा। आज जो नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें आम आदमी की बजाए पूंजीपतियों एवं प्रभावशाली समूहों […] Read more » विकास
राजनीति विकास बिहार का : कितनी हक़ीक़त कितना फ़साना May 25, 2012 / May 25, 2012 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी कल तक देश का सबसे $गरीब व पिछड़ा राज्य कहा जाने वाला बिहार इन दिनों अपने विकास व प्रगति के लिए चर्चा में है। जहां बिहार के पूर्व शासकों को निठल्ला, भ्रष्ट, गैरजि़म्मेदार तथा राज्य के विकास को लेकर गंभीरता न बरतने वाला कहा जाता था वहीं आज के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को […] Read more » नीतिश कुमार बिहार विकास
प्रवक्ता न्यूज़ जिले के विकास में सभी सहयोगियों और अधिकारी का सहयोग आवश्यक है-मोहन चंदेल March 2, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment जिले के विकास में सभी सहयोगियों और अधिकारी का सहयोग आवश्यक है-मोहन चंदेल सिवनी -:जिला पंचायत के समस्त निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों द्वारा बिना किसी गति अवरोध के जिला पंचायत के आधीन कार्यो को जिले के ग्रामीण विकास में सहयोगात्मक भावना से कार्यो को अंजाम दिया जा रहा है। पंचायत राज की जो मूल भावना […] Read more » Development विकास
विविधा विकास के नाम पर भुखमरी भुगतते लोग February 15, 2011 / December 15, 2011 by राखी रघुवंशी | 4 Comments on विकास के नाम पर भुखमरी भुगतते लोग -राखी रघुवंशी बिसाली गांव के पूनमसिंह ने जीवन जीने के लिए कड़ा संघर्ष किया। बचपन से ही मजदूरी की, बंधुआ मजदूर रहा और अभावों में पला। किन्तु उसने हिम्मत नहीं हारी और कठोर परिश्रम, सूझबूझ तथा पाई-पाई की बचत से गांव के आटा चक्की लगाई। जिससे वह हर रोज 50-60 रूपए कमा लेता। इस तरह […] Read more » Famine भुखमरी विकास
विविधा विकास का संदर्भ और स्वरूप January 23, 2011 / January 23, 2011 by के. एन. गोविंदाचार्य | 3 Comments on विकास का संदर्भ और स्वरूप के. एन. गोविन्दाचार्य भारतीय संदर्भ में विकास के साथ कुछ बुनियादी शर्त जुड़ी हैं। यहां वास्तविक विकास कार्य उसी को कहा जा सकता है जिसमें अंतिम व्यक्ति का हित सर्वोपरि रहे। जबकि आज हो रहा है इसके ठीक उलटा। आज जो नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें आम आदमी की बजाए पूंजीपतियों एवं प्रभावशाली समूहों […] Read more » विकास
विविधा विकास का पहिया विस्थापन के लिए ही क्यों घूमता है? December 11, 2010 / December 19, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु केंद्र सरकार पिछले कई सालों से विस्थापितों के पुनर्वास की एक मुक्कमल नीति बनाने की बात कहती रही है। लेकिन आजादी के 63 साल बाद भी अंग्रेजों द्वारा बनाया गया 1894 का भूमि अधिग्रहण कानून कुछ संशोधनों के साथ आज भी पूरे देश में लागू है। जो संशोधन किए गए, वे विस्थापितों के […] Read more » Developement विकास विस्थापन
विविधा विकास की विडम्बना झेलते लोग October 14, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on विकास की विडम्बना झेलते लोग -राखी रघुवंशी यह जरूरी नहीं कि सरकारी विकास योजनाएं हमेशा लोगों के लिए फायदेमंद ही हो। बल्कि कई बार ये उन्हीं लोगों को संकट में डाल देती है, जिनके हित में बनाई गई है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस तरह की कुछ घटनाएं सामने आई है, जो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के तरीकों और नीतियों […] Read more » Developement विकास