लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-4 November 18, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वैदिक गीता-सार सत्य डा. देसाई को अपने लक्ष्य की खोज थी और वह अपने लक्ष्य पर पहुंच भी गये थे, परन्तु अभी वास्तविक लक्ष्य (पण्डा और राजा से मिलना) कुछ दूर था। उन्होंने अपने साथ एक मुसलमान पथप्रदर्शक रख लिया था। यह पथप्रदर्शक वहां के लोगों को यह भी बताता जा रहा था कि देखो […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व कर्मयोग गीता गीता का कर्मयोग
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-3 November 16, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वैदिक गीता-सार सत्य : मानव जीवन की ऊहापोह हमारा सारा जीवन इस ऊहापोह में व्यतीत हो जाता है कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? मेरे लिए क्या उचित है? और क्या अनुचित है? महाभारत के युद्ध के समय अर्जुन के समक्ष भी यही प्रश्न आ उपस्थित हुआ था। तब उसे कृष्णजी ने […] Read more » Featured गीता गीता का कर्मयोग मानव जीवन की ऊहापोह विश्व वैदिक गीता-सार सत्य
लेख गीता का कर्मयोग और आज का विश्व भाग-2 November 16, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वैदिक गीता-सार सत्य गीता की उपयोगिता इसलिए भी है कि यह ग्रन्थ हमें अपना कार्य कत्र्तव्य भाव से प्रेरित होकर करते जाने की शिक्षा देती है। गीता का निष्काम-भाव सम्पूर्ण संसार को आज भी दु:खों से मुक्ति दिला सकता है। परन्तु जिन लोगों ने गीता ज्ञान को साम्प्रदायिकता का प्रतीक मान लिया, उनके स्वयं के […] Read more » Featured geeta karmayoga गीता गीता का कर्मयोग विश्व
विविधा संपूर्ण स्वतन्त्रता : सांस्कृतिक स्वतंत्रता की ओर भारतीय समाज March 27, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment क्यों नहीं हम फिर से उस स्थान पर अवस्थित हो सकते जो स्थान हमारा था । हमें पूरा अधिकार है उसे प्राप्त करने का एवं इसी में विश्व का भला है। हमने फिर से उस सांस्कृतिक विरासत को प्राप्त करना है जहाँ स्वय के धर्म, संस्कृति, भाषा साहित्य का सम्मान हो उन पर गर्व हो। जगत यह जान सके कि धर्म प्रतिष्ठा धर्म पर चल कर होती है न कि जिहाद का भय दिखा कर या सेवा के आड़ में धर्म परिवर्तन करा कर भारतीय संस्कृति की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रत्येक भारतीय कटिबद्ध है । Read more » cultural independence Featured India towards cultural independence गंगा गीता गौ भारतीय समाज संपूर्ण स्वतन्त्रता सांस्कृतिक स्वतंत्रता सांस्कृतिक स्वतंत्रता की ओर भारतीय समाज
समाज गीता के विविध भाष्य-ग्रंथ और ‘आसमानी किताबियों’ के षड्यंत्र February 28, 2017 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला महाभारत नामक प्राचीन भारतीय महाकाव्य-ग्रंथ से संकलित महज सात सौ श्लोकों वाली ‘गीता’ आसमान से टपकी हुई खुदाई कुरान और ईसाई बाइबिल की तरह छुई-मुई आसमानी किताब नहीं है , जो टीका-टिप्पणी और व्याख्या-विश्लेषण से नापाक व नष्ट-भ्रष्ट हो जाए ; बल्कि यह तो ज्ञान की गंगा है गंगा, जिसमें कोई भी डुबकी […] Read more » ‘गीता रहस्य’ Featured आसमानी किताबियों के षड्यंत्र इस्लामीकरण ईसाईकरण गीता लोकमान्य तिलक विविध भाष्य-ग्रंथ
धर्म-अध्यात्म कर्म की प्रेरणा देने वाले- योगेश्वर श्रीकृष्ण August 27, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पर्व है श्री कृष्णजन्माष्टमी। महाभारत युद्ध के दौरान श्रीमद्भवद्गीता के रचयिता श्रीकृष्ण। योगेश्वर श्रीकृष्ण के गीता के उपदेश अनादिकाल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते हैं। जन्माष्टमी का पर्व भारत मंे ही नहीं अपितु विदेशों में बसे भारतीय भी इस पर्व को पूरे भक्तिभाव व उल्लास के […] Read more » Featured Shri Krishna कर्म की प्रेरणा देने वाले गीता भविष्य पुराण योगेश्वर श्रीकृष्ण विष्णुरहस्यादि ग्रंथ स्कंद पुराण
धर्म-अध्यात्म निःस्वार्थ भाव से कर्म करने की प्रेरणा देती है गीता December 22, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on निःस्वार्थ भाव से कर्म करने की प्रेरणा देती है गीता अशोक “प्रवृद्ध” महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण ने अपने कर्तव्य से विमुख अर्जुन को उसके कर्तव्य का भान कराने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता का प्रवचन किया था । श्रीमद्भगवद्गीता वैराग्य अर्थात भक्तिप्रधान अवतारवाद का ग्रन्थ नहीं अपितु कर्मयोग का ग्रन्थ है , हाँ इसमें अध्यात्म का समावेश अवश्य है । कलियुग के प्रारंभ होने के […] Read more » holy book gita गीता
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५३ April 25, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण ने एक संक्षिप्त उत्तर दिया और उसके बलिष्ठ हाथों को ऐसा जोरदार झटका दिया कि वह सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ सीधे धरती पर पीठ के बल जा गिरा। उसका स्वर्ण-मुकुट ठन-ठन आवाज करता हुआ लुढ़कते-लुढ़कते जनसमूह में विलीन हो गया। उसके रूखे घने केश अस्त-व्यस्त होकर बिखर गए। बड़े-बड़े और शक्तिशाली […] Read more » Featured कृष्ण गीता गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५३ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४८ April 20, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण ने मुस्कुरा कर अपनी सहमति दे दी। सुदामा ने भांति-भांति के पुष्पों से दो अति सुन्दर मालायें बनाईं और श्रीकृष्ण-बलराम को अपने हाथों से सजाया। उसके घर में जितने पुष्प थे, उसने सबका उपयोग कर ग्वालबालों को पुष्प-हार पहनाये। दोनों भ्राता अत्यन्त प्रसन्न हुए। सुदामा ने प्रभु के चरणों में अविचल […] Read more » Featured कृष्णा गीता यशोदानंदन-४८ श्रीकृष्ण
टॉप स्टोरी ‘गीता’ कैसे बने राष्ट्रिय ग्रंथ ? December 14, 2014 by प्रमोद भार्गव | 3 Comments on ‘गीता’ कैसे बने राष्ट्रिय ग्रंथ ? प्रमोद भार्गव गीता की 5151 वीं जयंती के संदर्भ में आयोजित उत्सव समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ बना देने की बात कही है। दुनिया के अनेक देशों में राष्ट्रीय झंडा,चिन्ह,पक्षी और पशु की तरह राष्ट्रीय ग्रंथ भी हैं,लेकिन हमारे यहां ‘धर्मनिरपेक्ष’ एक ऐसा विचित्र शब्द है, जो राष्ट्रबोध की […] Read more » bhagwad gita to be national scripture गीता राष्ट्रिय ग्रंथ ?
धर्म-अध्यात्म क्यों पढ़ें हम श्रीकृष्ण का संदेश – गीता ? March 27, 2011 / December 14, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 7 Comments on क्यों पढ़ें हम श्रीकृष्ण का संदेश – गीता ? यह ५००० हजार वर्ष पुराना ज्ञान किसी युग में चाहे कितना भी उपयोगी रहा हो , आज के त्वरित ब्रह्माण्ड में, जो स्वयं तेजी से बदल रहा है, और जब हमारा ज्ञान दिन दूना रात चौगुना बढ़ रहा है, तब इसका ऐतिहासिक महत्व हो सकता है, किन्तु आज के जीवन के लिये यह अधिक प्रासंगिक […] Read more » geeta गीता श्रीकृष्ण का संदेश
धर्म-अध्यात्म ज्ञान सर्वोच्च लब्धि है – हृदयनारायण दीक्षित April 15, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विश्व तनावग्रस्त है, सब तरफ अशांति है। अशांति और तनाव आधुनिक विश्व मानवता की समस्या है। इसके उपचार भारतीय अध्यात्म व दर्शन में हैं। भारतीय अध्यात्म ईश्वर आस्था नहीं है। यह किसी ईश्वर प्रतिनिधि या ईश्वर पुत्र की घोषणा नहीं है। सिर्फ ज्ञान और श्रद्धा की प्रीति है। श्रद्धा और ज्ञान का मिथुन है। यह […] Read more » geeta उपनिषद गीता ज्ञान वेद