Tag: Featured

विविधा

घर का जोगी जोगड़ा

| 1 Comment on घर का जोगी जोगड़ा

- 1967 में लोक नायक राम मनोहर लोहिया के गैर कांग्रेसवाद के नारे के परिणाम स्वरूप कई प्रदेशों में संयुक्त सरकारें बनीं. बाद में कांग्रेस के भी इंडिकेट-सिंडिकेट में दो टुकड़े हो गए. मगर अपने अपूर्व साहस, कल्पनाशीलता और समाजवादी आग्रहों से इन्दिरा गांधी ने कांग्रेस को फिर से नयी जान भरना शुरू कर दिया था. इन्दिरा गांधी ने अपने समय में प्रादेशिक छत्रपों को कभी उभरने नहीं दिया गया था और सत्ता को काफी हद तक केन्द्रीकृत कर रखा था. धीरे-धीरे कांग्रेस नेहरू-गांधी परिवार की विरासत बन गई.नेहरू-गांधी परिवार का नेतृत्व ही वह आंचल साबित हुआ जो कांग्रेसियों को आपस में जोड़कर रखता रहा है

Read more »

राजनीति

केेजरीवाल जी! पहले दिल्ली संभालो

/ | 1 Comment on केेजरीवाल जी! पहले दिल्ली संभालो

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करके केजरीवाल अपने आपको मोदी के समान स्तर का राजनेता बनाने का अतार्किक प्रयास कर रहे हैं। माना कि लोकतंत्र में किसी भी व्यक्ति को बड़े से बड़ा पद लेने का संवैधानिक अधिकार है, परंतु इस अधिकार की अपनी सीमाएं हैं और उन सीमाओं की पवित्रता इसमें है कि आप जितने बड़े पद को लेना चाहते हैं उतने ही बड़े अनुपात में आपके साथ जनाधार होना चाहिए। यह जनाधार किसी भी राजनेता को तभी मिलता है जब लोग उसके कार्य को प्रशंसा देने लगते हैं। यदि केजरीवाल जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए दिल्ली के दिल को जीतने में असफल हो रहे हैं तो मानना पड़ेगा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से बराबरी करके न केवल अपनी ऊर्जा को नष्ट कर रहे हैं, अपितु अपनी अपने आपको उपहास का पात्र भी बना रहे हैं।

Read more »

शख्सियत समाज

#बलिदानदिवस : “एक ऐसा पत्रकार जिसके लिए पत्रकारिता सदैव एक मिशन रहा”

| Leave a Comment

इसी कलम ने ब्रिटिश हूकूमत की जड़ें हिला दी थी । इसी कलम से नेपोलियन भी डरा करता था । लेकिन आज के समय में कुछ गंदी और ओछी मानसिकता के हमारे भाई लोगों (पत्रकारों) की वजह से इस कलम की महत्ता में गिरावट आई है । लेकिन आज भी कुछ ऐसे कलम के सिपाही हैं जिनके ऊपर मौजूदा पत्रकारिता को गर्व है । आज गणेश शंकर विद्यार्थी जी हमारे बीच नही हैं लेकिन उनका वो मिशन जरूर है जिसके लिए उन्होंने अपने प्राणों को बलिदान कर दिया । ऐसे महान व् कर्मठ व्यक्तित्व को शत शत नमन ........

Read more »

विविधा

राम मंदिर सहमति से हल की उम्मीद ?

| Leave a Comment

हालांकि पुरातत्वीय सक्षों, निर्मोही अखाडे़ और गोपाल सिंह विशारद द्वारा मंदिर के पक्षपक्ष में जो सबूत और शिलालेख अदालत में पेश किए गए थे, उनसे यह स्थापित हो रहा था कि विंध्वस ढांचे से पहले उस स्थान पर राममंदिर था। जिसे आक्रमणकारी बाबर ने हिन्दुओं को अपमानित करने की दृष्टि से शिया मुसलमान मीर बांकी को मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाने का हुक्म दिया था। मस्जिद के निर्माण में चूंकि शिया मुसलमान मीर बांकी के हाथ लगे थे, इस कारण इस्लामिक कानून के मुताबिक यह शिया मुसलमानों की धरोहर था। इसकी व्यवस्था

Read more »