कला-संस्कृति लेख साहित्य अमृत कलश में भरे सोम रस का रहस्य October 23, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव श्रावकों, कलश में भरे इस अमृत को अगर आप अलौकिक पेय द्रव्य न मानकर चलें, तो आपको इस पदार्थ को समझने में ज्यादा आसानी होगी। हम सभी सुनते-पढ़ते चले आ रहे हैं कि वैदिक देवता सोमरस पीते थे। प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में इसे सोमलता नामक वनस्पति से बनाने का उल्लेख है। इसलिए सोमलता […] Read more » Featured अमृत कलश सोम रस सोम रस का रहस्य
मीडिया विविधा पाक कलाकारों पर पाबंदी का औचित्य October 23, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment हालांकि पाक या किसी भी देश के संस्कृतिकर्मियों को आतंकवादियों से न तो तुलना की जा सकती है और न ही उन्हें उस दृष्टि से देखा जा सकता है। वैसे भी भारत ने हमेशा पाक कलाकारों का मान रखा है। पाक गायक कलाकार अदनान सामी को तो भारतीय नागरिकता तक दी है। इसी तरह बांग्लादेश मूल की लेखिका तस्लीमा नसरीन को भारतीय मुस्लिमों के विरोध के बावजूद भारत षरण व संरक्षण दिए हुए हैं। Read more » ban of pakistani artists ban of pakistani artists in hindi cinema Featured pakistani artists in indian cinema पाक कलाकारों पर पाबंदी
विविधा अब अस्तित्व में आएगी सरस्वती नदी October 23, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment लेकिन राष्ट्रीय स्वंय सेवक संध के दर्शन लाल जैन ‘सरस्वती शोध संस्थान‘ की अगुवाई में नदी की खोज की सार्थक पहल करते रहे। उन्होंने अपनी खोज के दो प्रमुख आधार बनाए। एक विक्रम विष्वविद्यालय उज्जैन में प्राचीन इतिहास विभाग के प्राध्यापक रहे डाॅ विष्णु श्रीधर वाकणकर की सरस्वती खोज पदयात्रा और दूसरा 2006 में आए तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के सर्वे और खुदाई को। Read more » Featured सरस्वती नदी
राजनीति सपाः ‘बेटाजी’ जी सामने बौने पड़े नेताजी October 22, 2016 / October 22, 2016 by संजय सक्सेना | Leave a Comment पार्टी के भीतर की इस रस्साकसी से सबसे अधिक भ्रम में पार्टी के छोटे नेता ओर कार्यकर्ता हैं। उनके लिए तय करना मुश्किल हो रहा है कि वह किस पाले में बैठें। कल तक भले ही सपा में मुलायम की ही चलती रहती हो,लेकिन अब ऐसा नही है। इस समय सपा की सियासत कई कोणों में बंटी हुई नजर आ रही है। जानकारों का कहना है कि कुनबे की रार का मुकम्मल रास्ता न निकलते देख अखिलेश ने आगे बढ़ने का फैसला किया है,जो समय के हिसाब से लाजिमी भी है। अब इसमें वह कितना आगे जायेंगे यह देखने वाली बात होगी। Read more » ‘बेटाजी’ जी Featured नेताजी शिवपाल यादव सपा समाजवादी पार्टी
राजनीति कांग्रेस में बगावत, प्रशांत पर उठते सवाल October 22, 2016 by संजय सक्सेना | Leave a Comment रीता के बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करते ही बहुगुणा खानदान की गद्दारी के किस्से कांगे्रसियों की जुबान पर आ गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओर रीता बहुगुणा के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा,भाई और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को लेकर रीता पर उंगलिया उठाई जाने लगी। 9 विधायकों के कांग्रेसछोड़ने के बाद कांग्रेसकी हैसियत 28 से 19 विधायकों पर आकर सिमट गई है। Read more » Featured कांग्रेस में बगावत प्रशांत पर उठते सवाल
विविधा 550 साल से योग मुद्रा में बैठे ध्यानमग्न बौद्ध भिक्षु सांगला तेनजिंग October 22, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ने ममी को 2009 तक अपने कैंपस में रखा। बाद में ग्रामीण इसे अपने साथ ले गए और अपनी धरोहर मानते हुए उन्होंने उसे अपने गांव में स्थापित किया। ममी को एक शीशे के केबिन में रखा गया है और उसकी देखभाल ग्रामीणों ने खुद संभाल रखी है। गांव वाले बारी-बारी इस ममी की देखभाल के लिए अपनी ड्यूटी लगाते हैं। Read more » Featured ध्यानमग्न बौद्ध भिक्षु ध्यानमग्न बौद्ध भिक्षु सांगला तेनजिंग सांगला तेनजिंग
जन-जागरण टेक्नोलॉजी समाज गुरू ज्ञान पर भारी है गूगल ज्ञान October 22, 2016 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment सच कहें तो इस कठिन समय का सबसे संकट है एकाग्रता। आधुनिक संचार साधनों ने सुविधाओं के साथ-साथ जो संकट खड़ा किया है वह है एकाग्रता और एकांत का संकट। आप अकेले कहां हो पाते हैं? यह मोबाइल आपको अकेला कहां छोड़ता है? यहां संवाद निरंतर है और कुछ न कुछ स्क्रीन पर चमक जाता है कि फिर आप वहीं चले जाते हैं, जिससे बचने के उपाय आप करना चाहते हैं। Read more » Featured GOOGLE अध्यापक-विद्यार्थी संबंध गुरू ज्ञान गुरू ज्ञान पर भारी गूगल गूगल ज्ञान
राजनीति हिंदुत्व नहीं, थोक वोट पर बहस की जाए October 22, 2016 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment क्या हिंदुत्व को धर्म माना जा सकता है? वास्तव में हिंदुत्व न तो धर्म के वास्तविक हिसाब से धर्म है और न ही सांप्रदायिक अर्थ में धर्म है। यह शब्द ही अपने आप में एक पहेली है। हिंदू लोग जिन्हें अपने पवित्र धर्मग्रंथ मानते हैं, उनमें हिंदू शब्द का कहीं उल्लेख भर भी नहीं है। न वेदों में, न दर्शनों में, न उपनिषदों में, न गीता में! उल्लेख कहां से होता? Read more » Featured थोक वोट हिंदुत्व
राजनीति रामायण संग्रहालय का सराहनीय फैसला October 22, 2016 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment सरकार के इस निर्णय में राजनीति देख रहे महानुभावों और राजनीतिक दलों को समझना चाहिए कि 'रामायण सर्किट' बनाने पर केन्द्र सरकार काफी पहले से विचार कर रही थी। रामलीला संग्रहालय उसी रामायण सर्किट का ही हिस्सा है। अक्षरधाम की तर्ज पर रामलीला संग्रहालय की घोषणा भी अभी नहीं की है, बल्कि पिछले साल जून में सरकार ने इसकी घोषणा की थी। Read more » Featured रामायण संग्रहालय
समाज इस्लाम की दुर्गति से शर्मशार मानवता October 22, 2016 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment याद रखें की विपक्षी पार्टियों की मुसलमानपरस्ती भाजपा और मोदी को मई 2014 की ओर ले जा रही है| हिन्दू फिर से गोलबंद हो रहे हैं, ऊपर से सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भाजपा और मोदी की जनता और हिन्दुओं में जो गहरी पैठ बनी है उसका असर 2019 की चुनावों में दिखेगा| राम मंदिर पर हो रहे हल्ले ने यूपी में एक अलग माहौल बनाया है, वहीँ मोदी के विजयादशमी पर लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे ने कार्यकर्ताओं और संघ प्रचारकों में नया उत्त्साह फूंक दिया है| Read more » Featured इस्लाम की दुर्गति इस्लामी कट्टरपंथ तीन तलाक शरियत कानूनों में बदलाव समान नागरिक कानून
प्रवक्ता न्यूज़ सिंधु-सरस्वती सभ्यता October 22, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment 80 प्रतिशत स्थल सरस्वती नदी और उसकी सहायक नदियों के आस-पास है। अभी तक कुल खोजों में से 3प्रतिशत स्थलों का ही उत्खनन हो पाया है। दिसम्बर 2014 में भिर्दाना को अबतक का खोजा गया सबसे प्राचीन नगर माना गया सिंधु घाटी सभ्यता का। ब्रिटिश काल में हुई खुदाइयों के आधार पर पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों का अनुमान है कि यह अत्यंत विकसित सभ्यता थी और ये शहर अनेक बार बसे और उजड़े हैं। नामोत्पत्ति:-सिन्धु घाटी सभ्यता का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक था। Read more » Featured सिंधु-सरस्वती सभ्यता
विविधा चीनी वस्तुओं पर भारी पड़ी देशभक्ति October 22, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on चीनी वस्तुओं पर भारी पड़ी देशभक्ति देश में पूर्व से ही कई संस्थाओं ने विदेशी सामानों का विरोध किया है और आज भी कर रहे हैं। महात्मा गांधी भी पूरी तरह से विदेशी वस्तुओं के विरोध में रहे। यहां तक कि हमारे देश में स्वतंत्रता से पूर्व देश भाव के प्रकटीकरण के लिए विदेशी वस्तुओं की होली जलाई थी, ऐसा केवल इसलिए किया गया ताकि देश में स्वदेशी का भाव प्रकट हो सके, लेकिन आज हम क्या कर रहे हैं। स्वयं ही विदेशी सामान खरीदकर उनको आमंत्रित कर रहे हैं। यह बात सही है कि कोई देश भारत में व्यापार करके भारत का भला नहीं कर सकता, इस व्यापार के माध्यम से वह अपने आपको ही मजबूत करता है। Read more » boycott chinese product Featured चीनी वस्तुओं पर भारी पड़ी देशभक्ति