विधि-कानून विविधा सीबीआई की मिट्टी पलीत के बाद क्या? October 17, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment हमारे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जैसी मिट्टी अभी पलीत हुई है, वैसी पहले कभी नहीं हुई। एक विशेष अदालत ने फैसला दिया है कि इस ब्यूरो के उस अधिकारी की जांच होनी चाहिए, जिसने टेलिकॉम सचिव श्यामल घोष और तीन टेलिकॉम कंपनियों के विरुद्ध झूठा आरोप-पत्र बनाया और उन्हें किसी के इशारे पर बदनाम […] Read more » Featured सीबीआई की मिट्टी पलीत सीबीआई की मिट्टी पलीत के बाद क्या?
राजनीति अपने पारिभाषिक शब्दों से ही शीघ्र उन्नति। October 17, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on अपने पारिभाषिक शब्दों से ही शीघ्र उन्नति। डॉ. मधुसूदन (१) भारत की उन्नति शीघ्र कैसे होगी? जनभाषा और हिन्दी ही शीघ्र उन्नति करवा सकते है। अंग्रेज़ी तो बैसाखी है। उसपर दौड कर विश्व का ऑलिम्पिक जीता नहीं जा सकता। (२) अंग्रेज़ी से क्या हानि? अंग्रेजो ने हमारी टांगे काट कर अंग्रेज़ी की बैसाखी हमें थमा दी है। और उससे कुछ ही लोग […] Read more » Featured अपने पारिभाषिक शब्दों से ही शीघ्र उन्नति।
धर्म-अध्यात्म असत्य धार्मिक मान्यताओं का खण्डन आवश्यक October 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ‘माता-पिता, आचार्य, चिकित्सक व किसान आदि की तरह धर्म प्रचारक का असत्य धार्मिक मान्यताओं का खण्डन आवश्यक’ खण्डन किसी बात को स्वीकार न कर उसका दोष दर्शन कराने व तर्क व युक्तियों सहित मान्य प्रमाणों को उस मान्यता व विचार को खण्डित व अस्वीकार करने को कहते हैं। हम सब जानते हैं कि सत्य एक […] Read more » Featured असत्य धार्मिक मान्यताओं का खण्डन आवश्यक
जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति पर क्या कहती है अमरीकी विदेश विभाग की यह रिपोर्ट ? October 16, 2015 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विगत दिनों अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार और सीनेटर मार्को रूबियो ने पाकिस्तान को “विशेष रूप से चिंताजनक देश Country of Particular Concern (CPC)” बताते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर […] Read more » Featured पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति
धर्म-अध्यात्म विविधा अखण्ड सत्तास्वरूपा विश्वमयी चेतना अदिति October 16, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” परमेश्वर के तीनों ही लिंगों में नाम हैं । स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश के प्रथम सम्मुल्लास में कहा है कि, जितने ‘देव’ शब्द के अर्थ लिखे हाँ उतने ही ‘देवी’ शब्द के भी हैं l परमेश्वर के तीनों लिंगों में नाम हैं , जैसे – ब्रह्म चितिश्वरेश्चेति l जब ईश्वर का […] Read more » Featured अखण्ड सत्तास्वरूपा विश्वमयी चेतना अदिति
धर्म-अध्यात्म विविधा हम शास्त्रार्थ से सत्यार्थ, यथार्थ और तथ्यार्थ के उपासक बनें October 16, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment इस्लाम का दुष्प्रभाव इस्लाम ने भारत में पदार्पण किया तो उसने भारत की प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर और ऐतिहासिक संपदा को विनष्ट करने में किसी प्रकार की कमी नही छोड़ी। उसने भारत पर अपने आतंक और अत्याचारों की काली छाया डालकर ‘मां भारती’ के वैभव को पूर्णत: मिटाने का प्रयास किया। इस प्रकार भारत पर इस्लाम […] Read more » Featured यथार्थ और तथ्यार्थ के उपासक बनें हम शास्त्रार्थ से सत्यार्थ
टॉप स्टोरी विविधा लेखकों का नपुंसक गुस्सा October 16, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दे दिया। अखलाक और गुलाम अली दोनों के साथ हुई घटनाओं को उन्होंने ‘अवांछित और दुर्भाग्यपूर्ण’ कह दिया। अब बताइए, हमारे साहित्यकार मित्र क्या करेंगे? मोदी ने उन्हें असमंजस में डाल दिया। अब वे क्या अपने सम्मान या पुरस्कार वापस मांगेंगे? मोदी ने बड़ी चालाकी से काम लिया। पहले सब […] Read more » Featured लेखकों का नपुंसक गुस्सा
विविधा लिखिए जोर से लिखिए, किसने रोका है भाई! October 16, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी देश में बढ़ती तथाकथित सांप्रदायिकता से संतप्त बुद्धिजीवियों और लेखकों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का सिलसिला वास्तव में प्रभावित करने वाला है। यह कितना सुंदर है कि एक लेखक अपने समाज के प्रति कितना संवेदनशील है, कि वह यहां घट रही घटनाओं से उद्वेलित होकर अपने सम्मान लौटा रहा है। कुछ ने […] Read more » Featured लिखिए जोर से लिखिए साहित्य अकादमी पुरस्कार
राजनीति बिहार में सत्ता परिवर्तन के संकेत October 16, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिंदुस्थानी बिहार में विधानसभा चुनावों के लिए प्रथम और द्वित्तीय चरण का मतदान पूरा हो गया। मतदाताओं में जिस प्रकार के उत्साह की जा रही थी, वह इन चरणों के चुनाव में दिखाई नहीं दिया, लेकिन इस मतदान में जो खास बात देखने को मिली वह यही है कि बिहार में इस बार परिवर्तन […] Read more » Featured बिहार में सत्ता परिवर्तन के संकेत
पर्यावरण विविधा सूख रही हैं धरती की धमनियाँ October 15, 2015 by सरिता अरगरे | Leave a Comment सरिता अरगरे धरती की धमनियाँ सूख रही हैं। अपने अस्तित्व को बचाने के लिए तरह-तरह से संकेत दे रही हैं। कभी बाढ़ के माध्यम आगाह कर रहती हैं, तो कहीं सूरज की तपन से सकुचा कर गर्मी की दस्तक सुनते ही अपना दामन समेट लेती हैं। भारत की सनातनी परम्परा ने सदियों से सलिलाओं को […] Read more » Featured सूख रही हैं धरती की धमनियाँ
कला-संस्कृति विविधा ब्राह्मणवाद व श्रमणवाद October 15, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राम पुनियानी (लेखक आई.आई.टी. मुंबई में पढ़ाते थे और सन् 2007 के नेशनल कम्यूनल हार्मोनी एवार्ड से सम्मानित हैं।) हिंदू धर्म और विशेषकर ब्राह्मणवाद व श्रमणवाद के साथ उसके रिश्तों के संबंध में कई भ्रांतियां हैं। ‘हिंदुत्व’शब्द ने इस भ्रांति में इज़ाफा ही किया है। हिंदुत्व, धर्म के नाम पर की जा रही राजनीति का […] Read more » Featured ब्राह्मणवाद ब्राह्मणवाद व श्रमणवाद श्रमणवाद
धर्म-अध्यात्म ईश्वर, माता-पिता, आचार्य, वायु, जल व अन्न आदि देवताओं का ऋणी मनुष्य October 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस संसार में पूर्व जन्म के प्रारब्ध को लेकर जन्म लेता है। माता-पिता सन्तान को जन्म देने व पालन करने वाले होने से सभी सन्तानें इन दो चेतन मूर्तिमान देवताओं की ऋणी हैं। माता अपनी सन्तान को दस महीनों तक गर्भ में रखकर उसे जन्म देने योग्य बनाती है, इससे उसे […] Read more » Featured अन्न आचार्य ईश्वर जल देवताओं का ऋणी मनुष्य माता पिता वायु