धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार वर्त-त्यौहार विविधा नवरात्रोत्सव में देवी की उपासना धर्मशास्त्रानुसार कैसे करें ? October 13, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रोत्सव आरंभ होता है । इस वर्ष नवरात्रोत्सव १३ अक्टूबर, २०१५ से आरंभ हो रहा है । इस काल में नवरात्रोत्सव में घटस्थापना करते हैं । अखंड दीप के माध्यम से नौ दिन श्री दुर्गादेवी की पूजा करना अर्थात नवरात्रोत्सव मनाना । नवरात्रि के काल में श्री दुर्गादेवी का तत्त्व अधिक […] Read more » Featured नवरात्रोत्सव में देवी की उपासना
राजनीति महात्मा गांधी, महामना मालवीय और डा. हेडगेवार October 13, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment गांधीजी न तो दयानन्द और अरविन्द के समान मेधावी पंडित एवं बहुपठित विद्वान् थे, न उनमें विवेकानन्द की तेजस्विता थी। सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय और अपरिग्रह – ये, जो हिन्दू संस्कृति के सदियों से आधार-स्तंभ थे, उन्होंने अपने जीवन में साकार किया। वे जो कहते थे, वही करते थे। साधनापूर्वक उन्होंने सभी प्राचीन सत्यों को […] Read more » Featured डा. हेडगेवार महात्मा गांधी महामना मालवीय
राजनीति संयुक्त राष्ट्र में आजम का पत्र बनाम संयुक्त राष्ट्र का गौ समर्थन !! October 13, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment गत सप्ताह संयुक्त राष्ट्र संघ के उल्लेख वाली दो घटनाएं देश भर के ध्यान में रही. इन दोनों घटनाओं का दीर्घकालीन प्रभाव भारत में और विश्व में देखनें को मिलता रहेगा. वैसे आजम खान जिस प्रकार की राजनैतिक प्रवृत्तियों के लती और नशेड़ी रहें हैं उस अनुसार उनके लिए राष्ट्र विरोध, संविधान उल्लंघन, देश विद्रोह […] Read more » Featured संयुक्त राष्ट्र का गौ समर्थन संयुक्त राष्ट्र में आजम का पत्र
धर्म-अध्यात्म ज्ञान-ध्यान के बिना ईश्वर प्राप्त नहीं होता October 13, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment वेदादि ग्रन्थों के अध्ययन, तर्क, विवेचना और सम्यक् ज्ञान-ध्यान के बिना ईश्वर प्राप्त नहीं होता’ मनमोहन कुमार आर्य संसार में किसी भी वस्तु का ज्ञान प्राप्त करना हो तो उसे देखकर व विचार कर कुछ-कुछ जाना जा सकता है। अधिक ज्ञान के लिये हमें उससे सम्बन्धित प्रामाणिक विद्वानों व उससे सम्बन्धित साहित्य की शरण लेनी […] Read more » Featured ज्ञान-ध्यान के बिना ईश्वर प्राप्त नहीं होता
पर्यावरण विविधा चार यार हों तैयार, तो सूखे में भी सुख October 13, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment 13 अक्तूबर: अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस चार यार हों तैयार, तो सूखे में भी सुख सूखा पहले कभी-कभी आता था; अब हर वर्ष आयेगा। कहीं न कहीं; कम या ज्यादा, पर आयेगा अवश्य; यह तय मानिए। यह अब भारत भौगोलिकी के नियमित साथी हैं। अतः अब इन्हे आपदा कहने की बजाय, वार्षिक क्रम कहना […] Read more » Featured तो सूखे में भी सुख सूखे में भी सुख
पर्यावरण क्या वाकई बाढ़, एक आपदा है ? October 13, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment 13 अक्तूबर: अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस जवाब आया कि बाढ़, प्राकृतिक होती है और कृत्रिम कारणों से भी, किंतु यह सदैव आपदा ही हो, यह कहना ठीक नहीं। आपदा के आने का पता नहीं होता; कई नदियों में तो हर वर्ष बाढ; आती है। पता होता है कि एक महीने के आगे-पीछे बाढ़ आयेगी […] Read more » Featured अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस एक आपदा है ? क्या वाकई बाढ़
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म छत्तीसगढ़ में देवी उपासना के शक्तिपीठ October 13, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अनामिका नवरात्रि का छत्तीसगढ़ में विशेष महत्व है। प्राचीन काल में देवी के मंदिरों में जवारा बोई जाती थी और अखंड ज्योति कलश प्रज्वलित की जाती थी। यह परम्परा आज भी अनवरत जारी है। ग्रामीणों द्वारा माता सेवा और ब्राह्मणों द्वारा दुर्गा सप्तमी का पाठ और भजन आदि की जाती है। छत्तीसगढ़ में अनादिकाल से […] Read more » Featured छत्तीसगढ़ में देवी उपासना देवी उपासना देवी उपासना के शक्तिपीठ
जन-जागरण पर्यावरण विविधा जैविक कृषि एवं पंचतत्व October 13, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment विद्वानों का मानना है कि सम्पूर्ण सृष्टि पंचतत्वों से बनी है। पंचतत्व यानि धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश। मानव हो या पशु-पक्षी या फिर पेड़-पौधे, सबमें इन पंचतत्वों का वास है। किसी में कोई एक तत्व प्रधान है, तो किसी में कोई दूसरा। जैसे मछली के लिए जल तत्व प्रधान है, तो पेड़-पौधों के […] Read more » Featured जैविक कृषि जैविक कृषि एवं पंचतत्व पंचतत्व
समाज साहित्य रामराज्य – एक आदर्श राजविहीन राज्य October 12, 2015 by सुरेन्द्र नाथ गुप्ता | 2 Comments on रामराज्य – एक आदर्श राजविहीन राज्य सुरेन्द्र नाथ गुप्त राम राज्य की कल्पना सर्वप्रथम महाराज मनु ने की थी जब मनु-शतरूपा ने तप करके भगवान से वर मांगा था कि तुम्हारे समान पुत्र हो। मनु-शतरूपा निसंतान नहीं थे, उनके दो पुत्र उत्तानपाद व प्रियव्रत और एक पुत्री देवहूती थी, फिर भी भगवान से पुत्र मांगा और वह भी बिल्कुल उन्ही के […] Read more » Featured रामराज्य
जन-जागरण समाज सूचना का अधिकार व सामाजिक परिवर्तन October 12, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment आदिमकालीन मानव शनैः शनैः सभ्यता की ओर अग्रसर हुआ .भाषा व लिपि का अविष्कार होने के पश्चात् मानव समाज ने अनुशासन की आवश्यकता पूर्ति के लिये नियमों एवं रीति – रिवाजों की स्थापना की .उस समय मानव ने महसूस कर लिया था कि जंगल का कानून मानव समाज के हित में नहीं है .विश्व की […] Read more » Featured सामाजिक परिवर्तन सूचना का अधिकार
राजनीति गाय: सभी पक्षों का रूख़ गलत! October 12, 2015 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment -इक़बाल हिंदुस्तानी सियासत न हो तो हिंदुओं की भावना का सम्मान हो सकता है! गाय हिंदुओं भाइयों के लिये हज़ारों साल से पूजनीय और सम्माननीय रही है। गाय में सौ करोड़ देवी देवताओं का वास माना जाता है। गाय एक समय था हमारी खेती के लिये भी लाइफलाइन मानी जाती थी लेकिन आज तर्क और […] Read more » AAP cheating politics Featured गाय सभी पक्षों का रूख़ गलत!
धर्म-अध्यात्म आद्याशक्ति दुर्गतिनाशिनी भगवती श्रीदुर्गा October 12, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” नारी देवताओं में सर्वोपरि, शाक्तमत की आधारशिला आद्याशक्ति दुर्गतिनाशिनी भगवती श्रीदुर्गा की उपासना बड़े व्यापक रूप में भारतवर्ष के समस्त अंचलों में विभिन्न रूपों में की जाती है तथा घर-घर में शक्तिरूपिणी ब्रह्म भगवती श्रीदुर्गा की उपासना के अनेक स्त्रोत,ध्यान के मन्त्र, सहस्त्रनाम, चालीसादि, जो कि संस्कृत वाङ्मय के अनेकानेक साहित्यों में उपलब्ध […] Read more » Featured आद्याशक्ति दुर्गतिनाशिनी भगवती श्रीदुर्गा भगवती श्रीदुर्गा