राजनीति मोदी जी ! कश्मीर की अंधी लूट को रोको April 23, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on मोदी जी ! कश्मीर की अंधी लूट को रोको जम्मू कश्मीर राज्य की भारत संघ में विशेष स्थिति है। यह एक पहाड़ी राज्य है। इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 92 प्रतिशत भाग पहाड़ी है। यहां की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर है, तो शीतकालीन राजधानी जम्मू है। इस राज्य का कुल क्षेत्रफल (पाकिस्तान तथा चीन द्वारा कब्जाए गये क्षेत्रफल सहित) 2, 22, 236 वर्ग किमी. है। […] Read more » Featured कश्मीर की अंधी लूट
महत्वपूर्ण लेख राजनीति संवेदनहीन होती आप की राजनीति April 23, 2015 / April 23, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 8 Comments on संवेदनहीन होती आप की राजनीति -सुरेश हिन्दुस्थानी- दिल्ली के जंतर मंतर पर हुए आम आदमी पार्टी के एक आंदोलनात्मक कार्यक्रम में जिस प्रकार से कथित जनहितैषी अरविन्द केजरीवाल के समक्ष एक किसान ने पेड़ से लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त की है, उससे आम आदमी पार्टी की राजनीति की जमकर छीछालेदर हो रही है। वैसे वर्तमान में राजनीति का जो […] Read more » Featured अरविंद केजरीवाल आप आप की राजनीति किसान आत्महत्या किसान खुदकुशी संवेदनहीन होती आप की राजनीति
जरूर पढ़ें टॉप स्टोरी राजनीति ‘आप’ को भी समझदार नहीं, वफादार चाहिए April 23, 2015 / April 23, 2015 by निर्मल रानी | 2 Comments on ‘आप’ को भी समझदार नहीं, वफादार चाहिए -निर्मल रानी- हाईकमान कल्चर अथवा व्यक्तिगत् नेतृत्व पर आधारित राजनैतक दलों में प्राय: यह देखा गया है कि पार्टी प्रमुखों को शिक्षित, ज्ञानवान, विचारवान अथवा व्यापक जनाधार रखने वाले लोगों के बजाए अपने इर्द-गिर्द ऐसे लोगों की ज़रूरत होती है जो भले ही उपरोक्त विशेषताएं रखते हों अथवा नहीं परंतु उनमें वफादारी के लक्षण अवश्य […] Read more » 'आप' को भी समझदार नहीं वफादार चाहिए Featured अरविंद केजरीवाल आप आप नेता
जरूर पढ़ें राजनीति मानवीयता पर राजनीति हावी… April 23, 2015 / April 23, 2015 by नरेश भारतीय | 1 Comment on मानवीयता पर राजनीति हावी… -नरेश भारतीय- आआपा के अरविन्द केजरीवाल स्वयं को किसानों का हितचिन्तक सिद्ध करने के लिए अपने राज्य दिल्ली में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे. राजस्थान से आए गजेन्द्र सिंह ने इस सभा के चलते एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली. पेड़ पर चढ़ते हुए लोगों ने उसे देखा. उसके हाथ में […] Read more » Featured किसान आत्महत्या किसान खुदकुशी भूमि अधिग्रहण मानवीयता पर राजनीति हावी
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५१ April 23, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- “हे नन्दलाल! हे श्रीकृष्ण-बलराम! तुम दोनों आदरणीय वीर हो। हमें महाराज द्वारा ज्ञात हुआ है कि तुम दोनों मल्ल-उद्ध में निपुण हो। तुम्हारा कौशल देखने के लिए ही तुम्हें यहां आमंत्रित किया गया है। नीति वचन है कि जो प्रजा मन, वचन और कर्म से राजा का प्रिय कार्य करती है, उसका […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५१ श्रीकृष्ण
चिंतन धर्म-अध्यात्म क्या ईश्वर है ? April 23, 2015 / April 23, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मन मोहन आर्य– क्या ईश्वर है, है या नहीं? इस युक्ति व तर्क से देखते हैं कि यथार्थ स्थिति क्या है? इससे पूर्व कि ईश्वर की चर्चा करें हम पहले मनुष्य जीवन की चर्चा करते हैं। लोग हमसे पूछते कि आप कौन हैं? हम उत्तर हैं कि मैं मनमोहन हूं। यहां मैं स्वयं अर्थात् अपने […] Read more » Featured ईश्वर क्या ईश्वर है ? दयानंद सरस्वती
परिचर्चा विविधा गर्भ में शिक्षाः कृत्रिम बौद्धिकता के बढ़ते खतरे ? April 23, 2015 / April 23, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- संदर्भः कोख में पल रहे शिशु को शिक्षा देने की पहला के निहितार्थः- पिछले कुछ दिनों से मां के गर्भ में विकसित हो रहे शिशु को शिक्षा देने की खबरे आ रही हैं। ये प्रयोग इंदौर में अभिभावक प्रशिक्षण संस्थान में गर्भस्थ शिशु को तकनीक के जरिए गणित और विज्ञान जैसे जटिल विषयों […] Read more » Featured कृत्रिम बौद्धिकता गर्भ गर्भ में शिक्षा गर्भ में शिक्षाः कृत्रिम बौद्धिकता के बढ़ते खतरे ?
जरूर पढ़ें टॉप स्टोरी ये सिसासत है, अभी बहुतों की जान लेगी April 23, 2015 / April 23, 2015 by कुमार सुशांत | 1 Comment on ये सिसासत है, अभी बहुतों की जान लेगी -कुमार सुशांत- आम आदमी पार्टी द्बारा भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में बुधवार को नई दिल्ली में आयोजित किसान रैली में राजस्थान से आए एक किसान ने आत्महत्या कर ली। गृहमंत्री राजनाथ सिह ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। मीडिया समेत राजनीतिक गलियारों में निदा व समर्थन का दौर जारी है। इस […] Read more » Featured अरविंद केजरीवाल आप की रैली किसान किसान आत्महत्या किसान की मौत गजेंद्र ये सिसासत है अभी बहुतों की जान लेगी
चिंतन विविधा आओ चलें, जीवन के प्रश्नों का डटकर सामना करें April 22, 2015 / April 22, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- एक सफल और सार्थक जिंदगी जीने के लिए मनुष्य के पास उन रास्तों का ज्ञान होना बहुत जरूरी है जो उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचाते हैं। इन्हीं रास्तों पर आगे बढ़ते हुए हर मनुष्य की ‘सर्व भवन्तु सुखिनः’-सब सुखी हों- यह भावना होनी चाहिए। हम अपने कर्म और वाणी से ऐसा एक भी […] Read more » Featured आओ चलें जीवन जीवन के प्रश्नों का डटकर सामना करें जीवन प्रश्न जीवन संघर्ष
जन-जागरण जरूर पढ़ें यह लोकतंत्र नहीं, यह तो ‘शोकतंत्र’ है April 22, 2015 / April 22, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- लोकतंत्र को सभी शासन प्रणालियों में सर्वोत्तम शासन प्रणाली के रूप में दर्शित किया जाता है। वैसे लोकतंत्र का अर्थ लोक की लोक के द्वारा लोक के लिए अपनायी गयी शासन व्यवस्था है। जिसमें हमें अपने सर्वांगीण विकास के सभी अवसर उपलब्ध होते हैं। वेद ने ऐसी व्यवस्था को ‘स्वराज्यम्’ कहा है। […] Read more » Featured भारतीय राजनीति यह तो ‘शोकतंत्र’ है यह लोकतंत्र नहीं राजनीति लोकतंत्र शोकतंत्र
महत्वपूर्ण लेख विविधा टेहर नरेश हरिसिंह ने मनवाया सुल्तानों सेे अपनी वीरता का लोहा April 22, 2015 / April 22, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- स्वतंत्रता, हमारी सांस्कृतिक धरोहर अग्नि का स्वाभाविक गुण (धर्म) जलाना है, इसलिए अग्नि से किसी को ये कहना नही पड़ता कि-‘हे, अग्निदेवता! आप लकड़ी को जला डालो।’ इसके विपरीत बिना कहे अग्नि स्वयं ही लकड़ी को जला डालती है। इसी प्रकार भगवान की करूणा है, जिसे मांगा नही जाता। वह स्वयं ही […] Read more » Featured टेहर नरेश हरिसिंह ने मनवाया सुल्तानों सेे अपनी वीरता का लोहा नरेश हरिसिंह सुल्तान स्वतंत्रता स्वतंत्रता की गाथा
विविधा शख्सियत जिन्हें पाकर पुरस्कार मुस्कुराया April 22, 2015 / April 22, 2015 by अनिल द्विवेदी | Leave a Comment -अनिल द्विवेदी- साल 2000 के फरवरी माह का कोई दिन था। श्वेत-धवल वस्त्रों में लिपटी गौरवर्ण की काया, वात्सल्यमयी मुस्कान लिए विद्वान संपादक के समक्ष जैसे ही पहुंचा, उन्होंने बैठने का इशारा किया और सीधे पूछ लिया : कलम रखे हो। ग्रेजुएशन के बाद पहली नौकरी पाने के उत्साह से लबरेज मैंने स्वीकृति में सिर […] Read more » Featured जिन्हें पाकर पुरस्कार मुस्कुराया पत्रकारिता बबन प्रसाद मिश्र