राजनीति शशि थरूर की दृष्टि में रोज़गार का अर्थ March 6, 2018 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 3 Comments on शशि थरूर की दृष्टि में रोज़गार का अर्थ डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री रोज़गार किसको कहा जाए – इसको लेकर एक नई बहस देश भर में छिड़ गई है । सोनिया कांग्रेस के एक दिग्गज शशि थरूर के इस मामले में कूद पड़ने से बहस और भी ज़्यादा तूल पकड़ गई है । इतना हल्ला सुनन्दा पुष्कर के मामले को लेकर नहीं हुआ था […] Read more » Featured Meaning of Employment in Shashi Tharoor Meaning of Employment in the eyes of Shashi Tharoor Shasi tharoor रोज़गार का अर्थ शशि थरूर
महिला-जगत समाज जीवंत और मजबूत राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण March 6, 2018 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च पर विशेष आलेख) हम विश्व में लगातार कई वर्षों से अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते आ रहे हैं, महिलाओं के सम्मान के लिए घोषित इस दिन का उद्देश्य सिर्फ महिलाओं के प्रति श्रद्दा और सम्मान बताना है। इसलिए इस दिन को महिलाओं के आध्यात्मिक, शैक्षिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के […] Read more » Featured Women's contribution to strong nation Women's contribution to the creation of vibrant and strong nation is important women"s day women day 8th march अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस 08 मार्च
राजनीति एक देश एक चुनाव, कितने व्यावहारिक ? March 6, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment परिवर्तन की बात करना राजनेताओं और समाजसेवियों में प्रचलित एक फैशन है। इन दिनों ‘एक देश एक चुनाव’ की चर्चा गरम हैं। कुछ लोग इसके पक्ष में हैं, तो कुछ विपक्ष में। कुछ दलों और नेताओं को इसमें लाभ दिख रहा है, तो कुछ को हानि। अतः वे वैसी ही भाषा बोल रहे हैं; पर […] Read more » Featured one nation one election एक देश एक चुनाव
विविधा धर्मगुरुओं की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं से मुक्ति मिले March 6, 2018 by ललित गर्ग | 1 Comment on धर्मगुरुओं की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं से मुक्ति मिले ललित गर्ग- आज धर्म एवं धर्मगरुओं का व्यवहार एवं जीवनशैली न केवल विवादास्पद बल्कि धर्म के सिद्धान्तों के विपरीत हो गयी है। नैतिक एवं चरित्रसम्पन्न समाज बनाने का नारा देकर तथाकथित धर्मगुुुरुओं ने अपने भौतिक एवं आर्थिक साम्राज्य के विस्तार के लिये अशांति, अपवित्रता, असन्तलन एवं अंधकार को फैलाया है। राजनीति की ओर उनकी रवानगी, […] Read more » Emancipation Emancipation of religious leaders Featured religious leaders धर्मगुरु धर्मगुरुओं की बढ़ती महत्वाकांक्षा
लेख गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-64 March 6, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य गीता का ग्यारह अध्याय और विश्व समाज अर्जुन कह रहा है कि मैं जो कुछ देख रहा हूं उसकी शक्ति अनन्त है, भुजाएं अनन्त हैं, सूर्य चन्द्र उसके नेत्र हैं, मुंह जलती हुई आग के समान है। वह अपने तेज से सारे विश्व को तपा रहा है। वह सर्वत्र व्याप्त होता दीख […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व. karmayoga of geeta गीता
लेख गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-63 March 6, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज स्वामी चिन्मयानन्द जी की बात में बहुत बल है। आज के वैज्ञानिकों ने ‘गॉड पार्टीकल’ की खोज के लिए अरबों की धनराशि व्यय की और फिर भी वह ‘गॉड पार्टीकल’ अर्थात ब्रह्मतत्व की वैसी खोज नहीं कर पाये-जैसी हमारे श्री ऋषि-महर्षियों ने हमें […] Read more » Featured geeta आज का विश्व. karmayoga of geeta गीता गीता का कर्मयोग
राजनीति गुजरात में आदिवासी आन्दोलन क्यों? March 6, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गः- असंवैधाानिक एवं गलत आधार पर गैर-आदिवासी को आदिवासी सूची में शामिल किये जाने एवं उन्हें लाभ पहुंचाने की गुजरात की वर्तमान एवं पूर्व सरकारों की नीतियों का विरोध इनदिनों गुजरात में आन्दोलन का रूप ले रहा है। समग्र देश के आदिवासी समुदाय का नेतृत्व करने वाले गुजरात के आदिवासी समुदाय के प्रेरणापुरुष गणि […] Read more » adiwasi Adiwasi andolan Featured अशिक्षा और बेरोजगारी आदिवासी गरीबी गुजरात विधानसभा
धर्म-अध्यात्म मृत्यु होने पर जीवात्मा की स्थिति व गति पर विचार March 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य हमें अपने एक विभागीय अधिकारी के परिवारजन की मृत्यु होने पर अन्त्येष्टि में सम्मिलित होने श्मशान घाट जाना पड़ा। वहां हमारे अनेक मित्र भी उपस्थित थे। हमारे साथ दो मित्र बातें कर रहे थे कि मरने के बाद कुछ दिन तक आत्मा परिवारजनों के साथ व आसपास ही रहती है। श्मशान में […] Read more » Death Featured what happens after death मृत्यु
विविधा चीनी भाषा अध्ययन है, कठोर परिश्रम: भा. (१) March 3, 2018 by डॉ. मधुसूदन | 13 Comments on चीनी भाषा अध्ययन है, कठोर परिश्रम: भा. (१) डॉ. मधुसूदन: मौलिक सारांश: संसार की कठिनतम भाषा है चीनी. कठोर परिश्रम से ही, चीनी अपनी भाषा सीखते हैं. शालेय शिक्षा के दस वर्ष प्रति-दिन ३०% से अधिक समय चीनी भाषा सीखने में लगाते हैं. इस भाषा में भूत, भविष्य और वर्तमान काल दर्शाए नहीं जा सकते. नवीन शब्द रचना भी अति कठिन है. ऐसी […] Read more » Featured चीनी भाषा चीनी भाषा अध्ययन चीनी भाषा कठोर परिश्रम
विविधा श्रेष्ठ अतीत श्रेष्ठ भविष्य March 3, 2018 by डॉ. राजेश कपूर | 1 Comment on श्रेष्ठ अतीत श्रेष्ठ भविष्य पिछले अनेक दशकों से देख रहा हूँ कि वामपंथी विचारधारा के लोगों को भारत की श्रेष्ठता की एक भी बात नजर नहीं आती। वे केवल और केवल अंधेरा पक्ष देखते हैं भारत का। गाँधी जी के शब्दों में “वे भारत के गटर इंस्पैक्टर हैं।” भारत की केवल नालियाँ देखने में उन्हें सुख मिलता है। उनका […] Read more » Featured भारत की श्रेष्ठता
शख्सियत समाज नुनदा– ट्रैजिक हीरो March 3, 2018 by गंगानन्द झा | Leave a Comment पिछले कुछ दिनों से नुनदा की यह तस्वीर मन को घेरे हुए हैं। इस तस्वीर से कई एक तस्वीरें उभड़ने लगती हैं। नुनदा के बारे में सोचते हुए मुझे याद आता है। पुपल जयकर श्रीमती इन्दिरा गाँधी की एक बात का हवाला देती हैं, मैं चाहती हूँ कि आप मुझसे भले सहमत न हों, पर […] Read more » Featured nunda नुनदा
कहानी साहित्य उस बुजुर्ग की एक छोटी सी सीख ने बदल दी मेरी सोच March 3, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment तब मैं 11वीं का छात्र था और हास्टल में रहा करता था। मेरा हास्टल और इंटर कालेज मेरे गांव से 30 से 35 किमी ही दूर था और वह सरकारी था। इसलिए वहां मेश आदि की कोई सुविधा नहीं थी। लिहाजा खाना आदि हम लोग स्वयं बनाते थे और उसके लिए राशन पानी यहां तक […] Read more » Featured बुजुर्ग बुजुर्ग की छोटी सी सीख