कविता
इंजीनियर बनेगा बेटा अपना…
by कुमार विमल
बाप ने देखा एक सपना, इंजीनियर बनेगा बेटा अपना, पढ़ लिखकर कर, यह कुछ काम करेगा, लाडला बेटा, देश का ऊँचा नाम करेगा। बेटा था आज्ञाकारी, शुरू किया तैयारी , FITJEE, Aaksh, BANSAL में भरी गई फीस भारी, आखिर क्यों ना हो ! यह थी युद्ध की तैयारी। सपने […]
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