कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म अंकोरवाट मन्दिर: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक November 1, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment ख्मेर शास्त्रीय शैली से प्रभावित स्थापत्य वाले इस मंदिर का निर्माण कार्य सूर्यवर्मन द्वितीय ने प्रारम्भ किया परन्तु वे इसे पूर्ण नहीं कर सके। मंदिर का कार्य उनके भानजे एवं उत्तराधिकारी धरणीन्द्रवर्मन के शासनकाल में सम्पूर्ण हुआ। मिश्र एवं मेक्सिको के स्टेप पिरामिडों की तरह यह सीढ़ी पर उठता गया है। इसका मूल शिखर लगभग 64 मीटर ऊँचा है। इसके अतिरिक्त अन्य सभी आठों शिखर 54 मीटर उँचे हैं। मंदिर साढ़े तीन किलोमीटर लम्बी पत्थर की दिवार से घिरा हुआ था, उसके बाहर 30 मीटर खुली भूमि और फिर बाहर 190 मीटर चौडी खाई है। Read more » Featured अंकोरवाट मन्दिर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म हनुमान जयंती : सभी भक्तों के संकट हरते हनुमान जी October 31, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment आज की तारीख में राजधानी लखनऊ में लगने वाला बड़ा मंगल का मेला जहां गली गली में लोकप्रिय हो रहा है। वहीं यहीं का असर है कि यह मेला अब लखनऊ के सटे बाराबंकी में भी लगने लगा है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने एक बार कहा भी था कि ,”श्री महावीर जी मन के समान वेग वाले हैं । अतः मेरी हार्दिक इच्छा है कि उनका दर्शन लोगों को गली -गली में हो। Read more » Featured हनुमान जयंती
कला-संस्कृति विविधा इस दीवाली को वास्तु अनुसार कैसे बनाये लाभकारी— October 30, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment घर के दरवाजे पर मां लक्ष्मी के पैर का चिन्ह जरूर लगाने चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पैर की दिशा अंदर की तरफ होनी चाहिए। घर के दरवाजे पर चांदी का स्वस्तिक लगाना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार इससे घर में बीमारी नहीं आती। ---- पानी में नमक मिलाइये और इसे पूरे घर के कोने-कोने में छिड़किये। वास्तु के हिसाब से नमक घर की बुरी ऊर्जा को सोख लेता है। --- घर में उत्तर दिशा को कुबेर स्थान बोला जाता है। सुनिश्चित करें कि माता लक्ष्मी की मूर्ति यही पर रखी जाए और गणेश जी की मूर्ति उनके दाहिने साइड में हो। इसके अलावा मूर्तियों को लाल रंग के कपडे़ में सजाइये। Read more » Featured दीवाली को वास्तु अनुसार कैसे बनाये लाभकारी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म बटेश्वर का धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक इतिहास October 28, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on बटेश्वर का धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक इतिहास बटेश्वर की गुझिया, खोटिया, बताशा और शकरपाला प्रसिद्ध हैं। मेले के अवसर पर यहाँ बहुत चहल-पहल रहती है। पशुमेला तीन चरणों में पूरा होता है। पहले चरण में ऊँट, घोड़े और गधों की बिक्री होती है, दूसरे चरण में गाय आदि अन्य पशुओं की तथा अंतिम चरण में सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मेला शुरू होने के एक सप्ताह पहले से ही पशु व्यापारी अपने पशु लेकर यहां पहुँचने लगते हैं। Read more » बटेश्वर बटेश्वर नाथ मंदिर
कला-संस्कृति विविधा महान आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरि October 28, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment महान आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरि Read more » Featured धन्वन्तरि महान आयुर्वेदाचार्य धन्वन्तरि
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार विविधा स्वच्छता व प्रकाश की प्रतीक दीपावली October 27, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। लोग कई दिनों पहले से ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ कर देते हैं, और सब अपने घरों, प्रतिष्ठानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। दिवाली के आते ही घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ सुथरा कर सजाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि लक्ष्मी जी उसी घर में आती है यहाँ साफ-सफाई और स्वच्छता होती है। Read more » दीपावली स्वच्छता व प्रकाश की प्रतीक
कला-संस्कृति जन-जागरण धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार दीवाली उपहार है हिंदुत्व की परिभाषा की पुनर्स्थापना October 27, 2016 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on दीवाली उपहार है हिंदुत्व की परिभाषा की पुनर्स्थापना हिन्दुस्थानियों के एक बड़े व महान पर्व दीवाली के एन पूर्व पिछले सप्ताह एक हलचल कारी घटना हुई , जिसनें हिन्दुओं की दीवाली पूर्व ही दीवाली मनवा दी हुआ यह कि देश केउच्चतम न्यायालय ने यह जांच प्रारम्भ की कि हिंदुत्व भारतीय जीवन शैली का हिस्सा है या फिर धर्म है. तीस्ता सीतलवाड़ द्वारा दायर […] Read more » Deepawali Depawali Diwali Featured दीवाली हिंदुत्व हिंदुत्व की परिभाषा की पुनर्स्थापना
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्रकृति के रूप में महालक्ष्मी October 25, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment समुद्र-मंथन से लक्ष्मी तो प्रकट हुईं, लेकिन उल्लू के प्रकट होने का विवरण नहीं है। कहते हैं कि जब लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में प्रतिष्ठा मिल गई, तो उनकी स्थान-स्थान पर पूजा होने लग गई। इस कारण उन्हें अलग वाहन की आवष्यकता अनुभव होने लगी। Read more » Featured महालक्ष्मी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का पर्व है दीपावली October 25, 2016 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment दीपावली का धार्मिक ही नहीं, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है. दीपावली पर खेतों में खड़ी खरीफ़ की फसल पकने लगती है, जिसे देखकर किसान फूला नहीं समाता. इस दिन व्यापारी अपना पुराना हिसाब-किताब निपटाकर नये बही-खाते तैयार करते हैं. Read more » Featured अंधेरे पर प्रकाश की जीत का पर्व है दीपावली
कला-संस्कृति प्रवक्ता न्यूज़ लेख साहित्य पंचामृत October 24, 2016 / October 24, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment आयुर्वेद की दृष्टि से चरणामृत स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार तांबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है। यह पौरूष शक्ति को बढ़ाने में भी गुणकारी माना जाता है। तुलसी के रस से कई रोग दूर हो जाते हैं और इसका जल मस्तिष्क को शांति और निश्चिंतता प्रदान करता हैं। Read more » Featured पंचामृत
कला-संस्कृति लेख साहित्य अमृत कलश में भरे सोम रस का रहस्य October 23, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव श्रावकों, कलश में भरे इस अमृत को अगर आप अलौकिक पेय द्रव्य न मानकर चलें, तो आपको इस पदार्थ को समझने में ज्यादा आसानी होगी। हम सभी सुनते-पढ़ते चले आ रहे हैं कि वैदिक देवता सोमरस पीते थे। प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में इसे सोमलता नामक वनस्पति से बनाने का उल्लेख है। इसलिए सोमलता […] Read more » Featured अमृत कलश सोम रस सोम रस का रहस्य
कला-संस्कृति समाज हिंदू धर्म के मंगल प्रतीक October 21, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी हिंदू धर्म में मंगल प्रतीकों का खासा महत्व है। इनके घर में होने से किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती। सभी कार्य मंगलमय तरीके से संपन्न होते हैं। सर्वप्रथम तो आपका घर वास्तु अनुसार होना चाहिए यदि नहीं है तो उसमें कुछ सुधार कर लें। घर में मंगल प्रतीकों या […] Read more » Featured हिंदू धर्म के मंगल प्रतीक