कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म वर्त-त्यौहार शोषणकारी व्यवस्था के विरुद्ध थे श्रीकृष्ण September 4, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः-5 सितंबर श्रीकृष्ण जन्माश्टमी के अवसर पर विषेश प्रमोद भार्गव कृष्ण बाल जीवन से ही जीवनपर्यंत समााजिक न्याय की स्थापना और असमानता को दूर करने की लड़ाई देव व राजसत्ता से लड़ते रहे। वे गरीब की चिंता करते हुए खेतीहर संस्कृति और दुग्ध क्रांति के माध्यम से ठेठ देशज अर्थ व्यवस्था की स्थापना और […] Read more » श्रीकृष्ण जन्माश्टमी
कला-संस्कृति विविधा पूर्णतः परिष्कृत, समृद्ध भाषा है सर्वभाषाओं की जननी संस्कृत August 12, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 2 Comments on पूर्णतः परिष्कृत, समृद्ध भाषा है सर्वभाषाओं की जननी संस्कृत अशोक “प्रवृद्ध” संसार की समृद्धतम भाषा संस्कृत भारतीय संस्कृति का आधारस्तम्भ है। देवभाषा के नाम से जानी जाने वाली संस्कृत संसार की समस्त भाषाओं की जननी है। वेद भी संस्कृत भाषा में होने के कारण इसे वैदिक भाषा भी कहा जाता है। संस्कृत शब्द का अर्थ होता है- परिष्कृत, पूर्ण एवं अलंकृत। संस्कृत में […] Read more » सर्वभाषाओं की जननी संस्कृत संस्कृत
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार विविधा श्री जगन्नथ रथयात्रा का भारतीय परम्परा में महत्व July 16, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment १७ जुलाई पर विशेषः- मृत्युंजय दीक्षित आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया को ओडिशा व गुजरात सहित देश के अनेकानेक हिस्सों में निकाली जाने वाली इस यात्रा का विशेष महत्व है। यह रथयात्रा मुख्यरूप से ओडिशा का सबसे बड़ा ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व का पर्व है। इस दिन ओडिशा की सड़को पर तिल रखने की भी जगह […] Read more » श्री जगन्नथ रथयात्रा
कला-संस्कृति टॉप स्टोरी विविधा गोरी-काली नस्लों में बंटता अमेरिका June 22, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव अमेरिका में निरंतर नस्लीय हिंसा से जुड़ी निर्मम वारदातें सामने आ रही हैं। दक्षिण केरौलिना के चार्ल्सटन शहर में अश्वेतों के ऐतिहासिक चर्ज में डायलन रूफ नाम के श्वेत युवक ने हिंसक हमला किया और नौ लोगों की हत्या कर दी। गिरफ्तारी के बाद रूफ द्वारा पुलिस को दिए बयान और उसकी […] Read more » Featured racial discrimination in America अमेरिका गोरी-काली नस्ल
कला-संस्कृति शान के लिए दान ? June 18, 2015 / June 18, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- परोपकार, दान, गरीबों की सेवा, बेसहारों को सहारा देने जैसी बातें लगभग सभी धर्मों के महापुरुषों द्वारा बताई गई हैं । साथ-साथ यह भी बताया गया है कि दान करने वालों को अपने दान का ढिंढोरा हरगिज़ नहीं पीटना चाहिए। इस्लाम धर्म में हज़रत अली का कथन है कि यदि कोई व्यक्ति अपने एक हाथ से दान करता […] Read more » Featured गरीबों की सेवा दान परोपकार शान के लिए दान ? सेवा
कला-संस्कृति विश्व में भारत की पहचान – संस्कृत एवं हिन्दी June 16, 2015 / June 16, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on विश्व में भारत की पहचान – संस्कृत एवं हिन्दी –मनमोहन कुमार आर्य- हमारे देश की वास्तविक पहचान क्या है? विचार करने का हमें इसका एक यह उत्तर मिलता है कि संसार की प्राचीनतम भाषा संस्कृत व आधुनिक भारत की सबसे अधिक बोली व समझी जाने वाली भाषा आर्यभाषा-हिन्दी है। हिन्दी को एक प्रकार से संस्कृत की पुत्री कह सकते हैं। इसका कारण हिन्दी में […] Read more » Featured भारत विश्व संस्कृत हिन्दी
कला-संस्कृति समाज और धर्मः एक June 13, 2015 by गंगानन्द झा | Leave a Comment -गंगानंद झा- हम अपने को औसत लोगों से भिन्न इस अर्थ में समझते रहे कि‘ विरासत से पाई गई प्रज्ञा‘(received wisdom) के प्रति असहमति को हमने अपनी चेतना में सम्मिलित किया है। सीवान में हमने अपने इस मूल्यांकन को आईना में देखा। धर्म की बात उठाकर राजनैतिक बुद्धि चाहे जितना फायदा उठा ले— वह सत्य […] Read more » Featured धर्म समाज
कला-संस्कृति खोने लगे हैं मूल्य और संस्कार June 6, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | 1 Comment on खोने लगे हैं मूल्य और संस्कार -डॉ. दीपक आचार्य- जब तक मूल्यों का दबदबा था तब तक सभी प्रकार की अच्छाइयों का मूल्य था। जब से मूल्यहीनता का दौर आरंभ हुआ है सभी प्रकार के मूल्यों में गिरावट आयी है। मूल्यों में जब एक बार गिरावट आ जाती है तब यकायक इसका पारा ऊपर नहीं चढ़ पाता। यह कोई सेंसेक्स […] Read more » Featured खोने लगे हैं मूल्य और संस्कार जिंदगी जीवन संस्कार
कला-संस्कृति विविधा समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह May 16, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- मानव की शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक उन्नति के लिए जन्म से मृत्युपर्यन्त भिन्न-भिन्न समय पर अलग-अलग संस्कारों की व्यवस्था प्राचीन ऋषि-मुनियों ने की है। मानव-जीवन की उन्नति मेंं विशिष्ट महत्व रखने वाली सोलह संस्कारों में से एक तेरहवाँ और अतिमहत्वपूर्ण संस्कार विवाह है। विवाह एक धार्मिक संस्कार है, जो धर्म की रक्षा करता […] Read more » Featured विवाह समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह सामाजिक रीति
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म दक्षिण भारत के संत (8) साध्वीअंडाल May 12, 2015 / May 12, 2015 by बी एन गोयल | 7 Comments on दक्षिण भारत के संत (8) साध्वीअंडाल -बीएन गोयल- पांचवीं और नवीं शताब्दियों के बीच दक्षिण भारत के तमिल भाषी क्षेत्र में आलवार संतों ने भक्तिभाव की एक ऐसी दीपशिखा प्रज्वलित की कि उस से न केवल भारत वरन पूरा महाद्वीप आलोकित हो उठा । आलवार शब्द का तमिल अर्थ है – एक ऐसा व्यक्ति जो ईश्वर भक्ति में सराबोर हो गया […] Read more » Featured दक्षिण भारत दक्षिण भारत के संत (8) साध्वीअंडाल मंदिर
कला-संस्कृति जन-जागरण तीन माताएं: May 12, 2015 / May 12, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 1 Comment on तीन माताएं: -डॉ. मधुसूदन- जावे त्याच्या वंशा तेव्हां कळे।-(मराठी) -सन्त तुकाराम जन्मोगे उस वंश में तो ही समझ पाओगे।–सन्त तुकाराम सुना होगा आपने, कि, भगवान हर व्यक्ति के जीवन में प्रकट होना चाहता था, पर, जब नहीं पहुंच पाया, तो प्रत्येक के जीवन में उसने एक एक माँ को भेज दिया। माँ की करुणा और प्रेम की […] Read more » Featured तीन माताएं: मां माता मौसी
कला-संस्कृति व्यंग्य ये कार्टून बोलता है ! May 7, 2015 / May 7, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -गर्वित बंसल- रात्रि को सोने से पहले फेसबुक अकाउंट की हलचल का जायजा लेते हुए अचनाक से दृष्टि एक कार्टून पर पड़ी ! लगा कि ये कार्टून कुछ बता रहा है, कुछ बोल रहा है! कार्टून का बारीकी से जायजा लेते हुए समझ आया कि यह तो आज़ाद हिंदुस्तान की उस तथाकथित महान परम्परा का बखान कर […] Read more » Featured ये कार्टून बोलता है ! राजनीतिक व्यंग्य व्यंग्य सोनिया गांधी