कविता कलम बीनती दो लड़कियाँ May 10, 2018 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment कुलदीप विद्यार्थी आज सुबह होस्टल की खिड़की से देखा कलम बीनते हुई दो लड़कियाँ मैले वस्त्र, दोनों के सिर पर दो चोटियां नाक छिदा हुआ मटमैला सवाल चेहरा जान पड़ता था कि मुँह तक नहीं धुला हैं तुलसी को जल चढ़ाते हुए निगाह उन पर टिकी अमूमन इस ओर नहीं आता कोई अच्चम्बे से उनको […] Read more » अलमारी कलम खिड़की विश्वविद्यालय
कविता ‘मुल्क हिंदुस्तान हूँ….’ May 9, 2018 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment कुलदीप विद्यार्थी झाड़ियों पर वस्त्र, लोहित देह से हेरान हूँ, कल मैं कब्रिस्तान था औ’ आज मैं शमशान हूँ। कौनसी वहसत भरी हैं आपके मस्तिष्क में, पाँव पर कल ही चली मैं, एक नन्हीं जान हूँ। नोच लूँगा मैं हवस में बाग की कलियाँ सभी, मत कहो इंसान मुझको, मैं तो बस शैतान हूँ। हैं […] Read more » 'मुल्क ईमान कागज कुंठित व लुंठित झाड़ियों हिंदुस्तान
कविता आएँगे आएँगे आएँगे, अच्छे दिन आ ही जाएँगे ! May 9, 2018 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आएँगे आएँगे आएँगे, अच्छे दिन आ ही जाएँगे; जीव जड़ ना ही रहेंगे, बोध वे पा भी सकेंगे ! माधुरी दे पाएँगे, मधुर स्वर गा पाएँगे; मोह में ना वे रहेंगे, मुक्ति रस पीते चलेंगे ! सत्व गुण होगा प्रभावी, सूक्ष्म मन होंगे प्रभारी; आएगी उनकी वारी, रहे अब तक जो पिछाड़ी! चरित्र निर्मल होंगे, […] Read more » Featured आएँगे उत्कृष्टि चखेगी चरित्र निर्मल मधु’ मानुष माधुरी
कविता तूफ़ान मचा है चारो तरफ May 9, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment तूफ़ान आयेगा,तूफ़ान आयेगा तूफ़ान मचा है चारो तरफ सभी पूछ रहे एक दूजे से क्या आया वह तुम्हारी तरफ ? बीवी डिनर के लिए तैयार हो चुकी मैंने कहा तूफ़ान आ चूका इस तरफ आज नहीं चलेगे डिनर पर कल चलेंगे घर में तूफ़ान मच गया चारो तरफ स्कूलों की छुट्टी हो चुकी है दो […] Read more » Featured आंधी खिड़की बंद डिनर तूफ़ान
कविता घनघोर घटाओ व बिजली का वार्तालाप May 7, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment घनघोर घटाओ से,बिजली आज यू बोली बहन कहाँ जा रही हो,मुझे छोड़ अकेली ? मै तो साथ रहती हूँ,हमेशा तुम्हारे साथ क्या मै नहीं अब तुम्हारी प्यारी सहेली ? बिजली की सुन बाते,घनघोर–घटाएं बोली हम जा रहे विरहणी के पास जो है अकेली प्रियतम उसके पास नहीं,जो अब है अकेली अगर ले जाते है तुझे,तेरी गर्जना […] Read more » Featured कडकती घनघोर-घटाएं दुखियो पक्की सहेली फर्ज बिजली
कविता काठ की हांड़ी में क्या पक रहा है कठुवा केस में May 5, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment काठ की हांडी में कब तक झूठ पकेगा कठुवा केस में उसे जानना है असली कातिल कही ओर छिपा है,किसी ओर भेष में उसे पकड़ना है ऐ टी एम में केवल कैश नहीं निकलता,कभी निकलता सच भी है जो सच्चा सबूत निकला है अब,जो बचा सकता विशाल को भी है जे & के पुलिस सफेद […] Read more » Featured कठुवा काठ कातिलो बच्ची बैंक बैंक स्टेटमेंट मीरापुर
कविता कर्नाटक चुनाव घोषणा May 5, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment सारे घोषणा पत्र,झूठे पत्र है,इनको तुम जला देना ये केवल झूठे वादे है,इनको रद्दी तुम समझ लेना सत्ता के मिलने पर,ये घोषणा पत्र नहीं मिल पायेगे ढूंढोगे इनको तुम पर कही तुम्हे ये नही मिल पायेगे ये केवल कोरे कागज़ है,सत्ता के बाद स्याही मिट जाती है अगले चुनाव में ये स्याही, फिर से […] Read more » Featured उल्लू कुल्हाड़ी धोखे पत्र वोट देना सारे घोषणा
कविता हर वस्तु मिल सकती है.आज ऑन लाइन पर May 4, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी हर वस्तु मिल सकती है तुम सबको,आज.ऑन लाइन पर पर माँ की ममता नही मिल सकती,तुम्हे ऑन लाइन पर प्यार करना हो तुमको,कर सकते हो तुम ऑन लाइन पर पर सच्चा प्यार न मिल पायेगा तुमको ऑन लाइन पर खाने के सब व्यजन,मिल सकते है तुम्हे ऑन लाइन पर पर उनका स्वाद […] Read more » Featured आभूषण मंगा ऑन लाइन देश मां मोहब्बत वस्तु विदेशी
कविता श्री बोनी कपूर के मन के उदगार May 3, 2018 by आर के रस्तोगी | 5 Comments on श्री बोनी कपूर के मन के उदगार काश! आज तुम होती फिल्म फेस्टिवल का बेस्ट फिमेल एक्ट्रेस का राष्टीय पुरष्कार लेती तेरे बिन मन नही लगता अपना सा कोई नहीं लगता सूना सा सारा संसार लगता चारो तरफ अँधेरा सा लगता काश!मेरी “चांदनी” होती ये अँधेरा दिखाई न देता ये संसार सूना दिखाई न देता इस अवार्ड के साथ मै होता तुमको […] Read more » "चांदनी Featured अच्छी कलाकार पत्नी फिल्म फेस्टिवल बोनी कपूर मां रोता-बिलखता
कविता नाम हल्दीराम,हल्दी नहीं May 2, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment हल्दीराम हम गये,न हल्दी मिली न मिले राम हमने पूछा काउंटर से,कहाँ है तुम्हारे हल्दीराम ? कहाँ है हल्दीराम,जरा हल्दी का सैंपल दिखाओ एक किलो हल्दी लेनी है,उसका हमे भाव बताओ ? कह रस्तोगी कविराय,लोगो को क्यों गुमराह करते रखा है नाम हल्दीराम,हल्दी ही नहीं तुम रखते हल्दीराम की दूकान पर,लगी थी बहुत बड़ी भीड़ […] Read more » Featured काउंटर चुडेल द्रष्टि युवक रस्तोगी कविराय हल्दीराम
कविता आज की ताजा खबर May 1, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आज की ताजा खबर लालू का अस्तपताल में आने का तो एक बहाना था मकसद तो मोदी को, आने वाले चुनाव में हराना है अस्तपताल से छुट्टी मिलने पर,होते है खुश पर लालू जी छुट्टी मिलने पर हो गये नाखुश हो गये नाखुश , अब चले नहीं उनका चारा रांची जेल का पानी ,लगे उनको […] Read more » Featured अस्पताल चारा पुलिस राहुल गांधी लालू सजा
कविता समस्यायें ओर समाधान April 30, 2018 / April 30, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जो जे.एन.यू.में पढता हो केवल भाषण बाजी करता हो ऐसे कन्हैया को बस तुम गोपियों से पिटवा दीजिये भारत तेरे दुकड़े होंगे इंशा अल्लाह टुकड़े होंगे ऐसे देश-द्रोही छात्रो को बस गोली मार दीजिये जो इस देश का अन्न खाता हो और गीत पाक के गाता हो ऐसे थाली में छेद करने वालो को बस […] Read more » Featured कन्हैया घोटाले जे.एन.यू. नेताओं पिता बलात्कारियों