कविता साक्षरता अभियान अंगिका में December 15, 2020 / December 15, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकसुनॅ हे भइया! सुनॅ बहिनियाँ!सुनॅ मजदूर किसानवाँना,घर आंगन के स्वर्ग बनावैलॅतोहरॅ द्वार खड़ा छीं हम्मे याचक बनीराष्ट्र निर्माता गुरु पाहुँनवांना! भेजॅ तो आपनो मुनिया-सुगनवाँगुरुकुल-आश्रम आरु शिक्षा भवनवाँ मेंअंधियारी कॅ कोहरा छांटी के लौटतौंतोहरॅ ललनवां पहनी कॅ विद्या गहनवांना! सुनॅ हे दशरथ! सुनॅ कौशल्या!सुनॅ केकई! सुनॅ सुमित्रा बहिनियाँनाआपन देश बा में रामराज्य लावैलॅतोहरॅ द्वार […] Read more » साक्षरता अभियान
कविता कोरोना मे दिन मैंने कैसे काटे December 14, 2020 / December 14, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मत पूछो,कोरोना मे दिन कैसे मैंने काटे,हाथो मे पड थे छाले,पैरों में चुभे थे कांटे।दर दर ठोकरें हर जगह मुझे खानी पड़ी थी,ये मेरे लिए मुश्किल की बहुत बड़ी घड़ी थी। घर में बन्द था,नहीं जा सकता था मै बाहर,बच्चे भी मना कर रहे थे,जाओ नहीं बाहर।घर में बैठ कर लिखता था मै कुछ कविता,तड़फ […] Read more » How did I cut the day in Corona कोरोना मे दिन मैंने कैसे काटे
कविता ओ मां! भारत मां! December 14, 2020 / December 14, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment ओ मां! मेरी मां! भारत मां!तेरी कोख को ना भूल पाऊंगा,तेरी गर्भ में जन्म ले आऊंगा,ओ मां! मेरी मां! भारत मां! कभी बेटा बनकर तन जाऊंगा,कभी बेटी बन-ठनकर आऊंगा,कभी बनूंगा तेरा पहरेदार!ओ मां! मेरी मां! भारत मां! कभी तुम्हारी धानी चुनरिया,कभी तिरंगा बन लहराऊंगा,कभी सीमा की कटीली झार!ओ मां! मेरी मां! भारत मां! कभी अमुवां […] Read more » भारत मां
कविता किस से करे गुहार ! December 14, 2020 / December 14, 2020 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment सच्चे पावन प्यार से, महके मन के खेत !दगा झूठ अभिमान से, हो जाते सब रेत !! किस से बातें वो करे, किस से करे गुहार !भटकी राहें भेड़ जो, त्यागे स्व परिवार !! मंत्र प्यार का फूँकते, दिल में रखते घात !रिश्ते क्या बेकार है, करना उन से बात !! नेह-स्नेह सूखे सभी, पाले […] Read more » Whom to plead with! किस से करे गुहार
कविता कोरोना मे दिन मैंने कैसे काटे December 11, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मत पूछो,कोरोना मे दिन कैसे मैंने काटे,हाथो मे पड थे छाले,पैरों में चुभे थे कांटे।दर दर ठोकरें हर जगह मुझे खानी पड़ी थी,ये मेरे लिए मुश्किल की बहुत बड़ी घड़ी थी। घर में बन्द था,नहीं जा सकता था मै बाहर,बच्चे भी मना कर रहे थे,जाओ नहीं बाहर।घर में बैठ कर लिखता था मै कुछ कविता,तड़फ […] Read more » How did I cut the day in Corona कोरोना मे दिन मैंने कैसे काटे
कविता पिता बिन कहे सब कहे, मां कभी चुप ना रहे December 11, 2020 / December 11, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकपिता जो बिन कहे सबकुछ कहेउसे पिता कहते हैं! माता जो कभी चुप ना रहे कहेमुंह गोहे मां कहते हैं! पिता जो रोए बिना आवाज केमुस्कुराए मन ही मनउसे पिता कहते हैं! माता कभी रोती नहीं सामनेसिर्फ उदास हो लेतीउसे मां कहते हैं! पिता सोए बच्चों को निहार केआश्वस्त हो लेते हैं!मां बार-बार […] Read more » Father says everything mother should never shut up पिता बिन कहे सब कहे मां कभी चुप ना रहे
कविता बिहार सासाराम का शेरशाह सूरी December 10, 2020 / December 10, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकछबीला बाबर छब्बीस दिसंबरपन्द्रह सौ तीस में मर गया!किन्तु ,“पानी’ ‘खा’ ‘चन्द’ ‘घाघ” जीता रहा(पानीपत की लड़ाई/20 अप्रैल 1526 ई.बाबर और इब्राहीम लोदी के बीच/अफगान शक्ति पराजित)(खान्वा की लड़ाई/16 मार्च 1527 ई.बाबर और राणा सांगा के बीच/हिन्दू शक्ति पराजित)(चंदेरी की लड़ाई/29 जनवरी 1528 ई.बाबर और मेदिनी राय के बीच/हिन्दू शक्ति पराजित)(घाघरा की लड़ाई/06 […] Read more » बिहार सासाराम का शेरशाह सूरी
कविता मुगल बादशाह नसीरुद्दीन हुमायूं December 10, 2020 / December 10, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकबाबर की बीबी महीम बेगम को थाचार लाल-हुमायूं, असकरी और हिंदाल!पन्द्रह सौ तीस दिसंबर मेंहुमायूं बैठा आगरा की गद्दी परकामरान को काबुल, कांधारअसकरी को संभलऔर हिंदाल को अलवर का हिस्सायह था बाबरी उतराधिकार का किस्सा।सन् पंद्रह सौ इकतीस मेंहुमायूं ने कालिंजर को घेरासन् पंद्रह सौ बत्तीस में लगादौराहा का फेरा/दादरा का युद्धजिसमें महमूद […] Read more » नसीरुद्दीन हुमायूं मुगल बादशाह नसीरुद्दीन हुमायूं
कविता किसान आंदोलन के पीछे कौन ? December 9, 2020 / December 9, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment सुना है तेरे शहर की आबोहवा शैतान बन गई,शाहीन बाग़ की लोमड़ियां अब किसान बन गई। मिली नहीं कोई जगह जब किसी शहर में उनको,दिल्ली शहर में आकर जबरदस्ती मेहमान बन गई। घुसने नहीं दिया जब किसी मंदिर मस्जिद मे उनको,किसानों के बीच बैठ कर उनकी भगवान बन गई। लगाती थी कभी वे पाकिस्तान जिंदाबाद […] Read more » किसान आंदोलन के पीछे कौन ?
कविता मुगल आक्रांता जहीरुद्दीन बाबर December 9, 2020 / December 9, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकबाबर(1526-1530ई.)चुगताई तुर्क तैमूरी पितृ वंश केमंगोल बौद्ध चंगेजी मातृ रक्त सेएक बर्बर भारत आक्रांता जन्मानाम था उसका बाबरमाता थी कुतलुगनिगारपिता उमर शेख मिर्जा था फरगना का सरदारबाबर उज़्बेकिस्तानी अति महत्वाकांक्षी थाकिन्तु शीघ्र हुआ वह बदनसीबी का शिकारजब खदेड़ दिया उसकोअपनों ने अपनी ही जमीं सेवह निस्सहाय सा खड़ा थाअर्थ धन-धान्य की कमी सेफिर […] Read more » Mughal invader Zaheeruddin Babur मुगल आक्रांता जहीरुद्दीन बाबर
कविता किसानों से निवेदन December 8, 2020 / December 8, 2020 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on किसानों से निवेदन क्यों भारत तुम बन्द करते हो,क्यों आफत तुम मोल लेते हो।अपने को भी तुम कष्ट देते हो,दूसरो को भी तुम कष्ट देते हो। तुम तो देश के अन्नदाता हो,भारत के भाग्य विधता हो।क्या मिलेगा भारत बन्द करने मे,केवल नफरत के बीज बोते हो। तुम तो हल को धारण करते हो,क्यों दूजो की बंदूक धारण करते […] Read more » किसानों से निवेदन
कविता सैय्यद वंश की दिल्ली सल्तनत December 8, 2020 / December 8, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकतैमूरलंग का प्रतिनिधि शासकदिल्ली का सुल्तान खिज्रखान था(1414 से1421 ई.)चौदह सौ चौदह से इक्कीस तकखिज्र खान का शासनदिल्ली तक सिमट आया थाउसने उपाधि शाह कीकभी नहीं धारण कीपहला सैय्यद शाह कहलाया थामुबारक शाह(1421ई.)जिसने चलाया स्वनिर्मित सिक्काउसका वारिस मुहम्मद शाह(1434-1444ई.)फिर अलाउद्दीन आलम शाह(1444-1451 ई.)जो लोदियों के हाथ बिका थास्वेच्छा से गद्दी सौंपी थीबहलोल लोदी […] Read more » Delhi Sultanate of Sayyid Dynasty सैय्यद वंश की दिल्ली सल्तनत