कविता बच्चों का पन्ना नगर सेठ की गाड़ी August 24, 2020 / August 24, 2020 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment दो बैल जुते इस गाड़ी में, यह नगर सेठ की गाड़ी है | लोगों का पीछा करती है, न उनसे कभी पिछड़ती है| कितना भी तेज चले जनता, यह साथ साथ में चलती है| है बिना रुके ही चढ़ जाती , […] Read more » नगर सेठ की गाड़ी
कविता विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस August 22, 2020 / August 22, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment करे सम्मान वरिष्ठ नागरिकों का,करे उनका हम सब ध्यान।मिलेगा उनका आशीष तुमको,और मिलेगा उनका तुमको ज्ञान।। धरोहर हैं वे हम सबकी,और तुम्हारी वे पहचान।एक दिन तुम भी बनोगे,उनकी अद्भुत अनोखी शान।। निवेदन है अपनी सरकार से,करे वरिष्ठ नागरिकों का ध्यानआय कर से उन्हें मुक्त करे,और करे उनका कल्याण।। एक दिन तुम भी बनोगे,करना इसका भी […] Read more » विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस
कविता गणेश चतुर्थी August 22, 2020 / August 22, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जय जग वंदन जय शिव नंदन,जय जय हो भवानी के नंदन।तुम बिन न होय कोई कार्य पूरन,अबकी बार करो कोरोना का निवारण।। आप है अष्ट सिद्धि के दाता,तुम ही हो नव निधि के दाता।तुम ही सबके क्लेश निवारण,करो तुम मेरे क्लेश निवारण।। मूषक है तुम्हारा अपना वाहन,मोदक प्रिय कहलाते गजानन।जब जब भीर पड़ी भक्तो पर,सबके […] Read more » गणेश चतुर्थी
कविता देश के हालात खराब है,क्या करोगे तुम देखकर | August 18, 2020 / August 18, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment देश के हालात खराब है,क्या करोगे तुम देखकर |कुछ लोग देश बेच रहे है,रो पड़ोगे तुम देखकर || नाम नहीं लेता हूँ मै उसका,खुद ही समझ जाओगे |दुश्मन देश में शूटिंग होगी,अपने देश को छोड़कर || देश प्रेम है केवल दिखावा,मन में उसके कुछ और है|लोगो को वह लुभाता है,”सत्यमेय विजयते”वह कहकर || चारो तरफ […] Read more » what will you see
कविता अटल जी अटल थे,अटल ही उनका गहना था। August 16, 2020 / August 16, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment अटल जी अटल थे,अटल ही उनका गहना था।विश्व के हर भू भाग पर उनका ताना बाना था।। देते थे जब वे भाषण संसद की दीवारें हिल जाती थी।हिन्दी के शब्दों के कारण सब भाषाएं हिल जाती थी।। अटल कुशल प्रशासक थे वे सारे विश्व के जननायक थे।सुना जब यू एन ओ में भाषण सब उनके […] Read more » Atal ji was Atal Atal was his jewel. अटल जी
कविता जब बुखार बन गया फीवर ….!! August 14, 2020 / August 14, 2020 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा एक था गबरूबन गया गब्बरदेश – दुनिया में खूबमचाया अंधेरनए जमाने में उसी के रीमेककी तरह बुखार बन गया फीवरजिसके नाम से अब दुनिया कांपे थर – थरनाम सुनते ही क्या राजू क्या राजापसीने से हो रहे तर – बतरबुखार वाले को देखते ही क्या छोटे क्या बड़ेअच्छे – अच्छे डॉक्टर भी […] Read more » जब बुखार बन गया फीवर ….!!
कविता युवा August 13, 2020 / August 13, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment जल रही हो जिसमेंलौ आत्मज्ञान कीसमझ हो जिसकोस्वाभिमान की हृदय में हो जिसकेकरुणा व प्रेम भराबाधाओं व संघर्षों सेजो नहीं कभी डरा अपनी संस्कृति कीहो जिसको पहचानभेदभाव से विमुखकरे सबका सम्मान स्वदेश से करे जोप्रेम अपरम्पारजानता हो चलानाकलम व तलवार राष्ट्र निर्माण में जोसदैव बने अगुवावास्तविक अर्थों मेंवही होता है युवा आलोक कौशिक Read more » युवा
कविता मतलब August 13, 2020 / August 13, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment मतलब की सारी दुनिया है,मतलब के सब है यार।मतलब जब निकल जायेगा,कोई न पूछेगा तुम्हे यार।। मतलब से सब बात करेंगे,मतलब से देगे सब साथ।मतलब जब निकल जाएगा,कोई न करेगा तुमसे बात।। मतलबी सारी दुनिया है,मतलब का है सब संसार।मतलब बिन कोई न पूछे,ये है सब नियमो का सार।। मतलब की सब दुनिया है,मतलब से […] Read more » मतलब
कविता श्रम सभी को करना है। August 13, 2020 / August 13, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कर्म भूमि की दुनिया में,श्रम सभी को करना है।प्रभु सिर्फ लकीरें देता,रंग तो हमे ही भरना है।। जो आया है वो जायेगा,यह नियम सब पर लागू है।लेखा जोखा है प्रभु के पास,वह तो सबसे बड़ा हिसाबू है। जो बोएगा सो काटेगा,करनी के फल पायेगा।बोए पेड़ बबूल के तूने,फिर आम कहां से खायेगा।। कर्म कर फल […] Read more » श्रम सभी को करना है
कविता करते सिक्के शोर ! August 13, 2020 / August 13, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment क़तर रहे हैं पंख वो, मेरे ही लो आज !सीखे हमसे थे कभी, भरना जो परवाज़ !! आखिर मंजिल से मिले, कठिन साँच की राह !ज्यादा पल टिकती नहीं, झूठ गढ़ी अफवाह !! अब तक भँवरा गा रहा, जिसके मीठे राग !वो तितली तो उड़ चली, कब की दूजे बाग़ !! वक्त-वक्त का खेल है, […] Read more » करते सिक्के शोर
कविता श्री कृष्ण August 10, 2020 / August 10, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment सत्य के रक्षकअधर्म समापकदुष्ट विनाशीधर्म स्थापक हैं सुदामा सखासुभद्रा पूर्वजदेवकीनंदनवसुदेवात्मज वो पार्थसारथीगोप गोपीश्वरअजेय अजन्माश्रीहरि दामोदर प्रेम के पर्यायपरंतु वितृष्णवो राधावल्लभहैं वही श्री कृष्ण ✍️ आलोक कौशिक Read more »
कविता शिक्षक दिवस August 6, 2020 / August 6, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment गुरु बिन न ज्ञान मिले,गुरु बिन न दिशा निर्देश।गुरु ही सर्वोपरि है,गुरु हीब्रह्मा विष्णु और महेश।। गुरु के कारण ही पड़ा है,हमारे नगर का नाम गुरुग्राम,अपने गुरु द्रोणाचार्य जी को,हम सब करते है प्रणाम।। जननी पहली शिक्षक है,उसका करो तुम सम्मान।उसके आशीर्वाद बिन न मिलेअन्य गुरुओं का तुम्हे ज्ञान।। मां एक ऐसी शिक्षक हैजो संकेतो […] Read more » शिक्षक दिवस