लेख समाज पुरुषप्रधान विश्व रचि राखा March 3, 2021 / March 3, 2021 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक हम लोग कितने बड़े ढोंगी हैं? हम डींग मारते हैं कि हमारे भारत में नारी की पूजा होती है। नारी की पूजा में ही देवता रमते हैं। ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते तत्र रमन्ते तत्र देवताः।’ अभी-अभी विश्व बैंक की एक रपट आई है, जिससे पता चलता है कि नारी की पूजा करना तो […] Read more » Purusha Rakhi Rakhi Rakha पुरुषप्रधान विश्व रचि राखा
लेख समाज साबरमती में आयशा नहीं, डूब मरी इंसानियत…! March 3, 2021 / March 3, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment हेलो, अस्सलाम वालेकुम। मेरा नाम है आयशा आरिफ खान। मैं जो कुछ भी करने जा रही हूं, अपनी मर्जी से करना चाहती हूं। किसी के जोर, दबाव में नहीं। ये समझ लीजिए कि खुदा की दी जिंदगी इतनी ही होती है। डियर डैड, अरे कब तक लड़ेंगे अपनों से। केस विड्रॉल कर दो। अब नहीं […] Read more » Ayesha did not drown in Sabarmati humanity died…!
कविता रवीन्द्रनाथ टैगोर: क्षेत्रीय से वैश्विक कवि March 3, 2021 / March 3, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकगुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर बंगाल के,बंगाली अस्मिता, भाषा के रवि थे!गुलाम भारत के एक मात्र कवि थे,राष्ट्रीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय छवि के! वे सात मई अठारह सौ इकसठ को,शारदा व देवेन्द्रनाथ के, घर जन्मे!वे कुलीन जमींदार से कलाकार बने,बैरिस्टर बनने की तमन्ना छोड़ के! वे रविन्द्र संगीत के जनक,गीतकार,लेखक,नाटककार, कवि, कथाकार थे!उनकी कविता का स्वर […] Read more » Rabindranath Tagore: regional to global poet
कविता कुणाल तुम्हारी सुन्दर आंखें हो गई काल March 2, 2021 / March 2, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककुणाल! तुम महारानी पद्मावतीव मगध सम्राट अशोक के लाल!तुम्हारी दो आंखें थी खंजन जैसीसुन्दर, हो गई थी तुम्हारा काल! कुणाल नयनाभिराम थे इतने किविमाता; तिष्य हो गई थी बेहाल!जैसे एक पूर्वजा उर्वशी अर्जुन कोदेखकर मोहित हुई थी पूर्व काल! कुणाल धर्मविवर्द्धन! तुम्हारी थीविमाता के प्रति मर्यादा बेमिसाल!विमाता तिष्यरक्षिता ने खेली थी,तुम्हें दंड देने […] Read more » कुणाल तुम्हारी सुन्दर आंखें हो गई काल चन्द्रगुप्त प्रपौत्र बिन्दुसार पौत्र अशोक सुपुत्र मैं युवराज कुणाल!
लेख राष्ट्र के वैभव का परिचायक है विज्ञान March 2, 2021 / March 2, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment वास्तविक ज्ञान ही विज्ञान है।प्राकृतिक विज्ञान प्रकृति और भौतिक दुनिया का व्यवस्थित ज्ञान होता है,या फ़िर इसका अध्ययन करने वाली इसकी कोई शाखा। असल में विज्ञान शब्द का उपयोग लगभग हमेशा प्राकृतिक विज्ञानों के लिये ही किया जाता है। इसकी तीन मुख्य शाखाएँ हैं : भौतिकी,रसायन शास्त्र और जीव विज्ञान। रसायन का वास्तविक ज्ञान,रसायन विज्ञान […] Read more » Science is a symbol of nation glory
कविता कुछ अच्छा सा काम करो हे मन March 2, 2021 / March 2, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककुछ अच्छा सा काम करो हे मन!जाने क्यों असमय छूट जाता तन! हमारे नहीं, हमारे परिजन के प्राण,जिनके बिना दुखद होता ये जीवन!जिनके निधन से लोग होते निर्धन!जिनके दम पे सफल था ये जन्म! जिन नाते-रिश्ते पर इतराते थे हम,जिनके होने से मिलता था दम-खम,जिनके ना होने से जगत मिथ्या-भ्रम,जिनके बाद ना न्यारा […] Read more » Do some good work कुछ अच्छा सा काम करो हे मन
लेख स्वास्थ्य-योग मिलावट तो मौन-हत्या है March 2, 2021 / March 2, 2021 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक खाद्य-पदार्थों और दवाइयों में मिलावट करनेवाले अब जरा डरेंगे, क्योंकि बंगाल, असम और उप्र की तरह अब मध्यप्रदेश भी उन्हें उम्र कैद देने का प्रावधान कर रहा है। अब तक उनके लिए सिर्फ 6 माह की सजा और 1000 रु. के जुर्माने का ही प्रावधान था। इस ढिलाई का नतीजा यह हुआ […] Read more » Adulteration मिलावट मौन-हत्या
लेख अणुव्रत सूर्योदय है नये भारत का March 1, 2021 / March 2, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment अणुव्रत आंदोलन स्थापना दिवस-1 मार्च, 2021 पर विशेष -ललित गर्ग – नये युग के निर्माण और जन चेतना में नैतिक क्रांति के अभिनव एवं अनूठे मिशन के रूप में अणुव्रत आन्दोलन न केवल देश बल्कि दुनिया का पहला नैतिक आन्दोलन है जो इतने लम्बे समय से इंसान को इंसान बनाने में जुटा है। यह अशांत […] Read more » अणुव्रत
लेख शख्सियत संत श्री रविदास ने सामाजिक समरसता के लिए अपना जीवन अर्पित किया था March 1, 2021 / March 1, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment “मन चंगा तो कठौती में गंगा”, ये कहावत आपने जरूर सुनी होगी। क्या आप जानते हैं ये कहां से आई, इसके पीछे एक दिलचस्प घटना है, जिसका संबंध मिलजुल कर रहने, भेदभाव मिटाने और सबके भले की सीख देने वाले सामाजिक समरसता के महान संत शिरोमणी श्री रविदास जी महाराज से है। प्रति वर्ष माघ […] Read more » संत श्री रविदास
कहानी कोख का कर्ज March 1, 2021 / March 1, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment जगेश बाबू का कभी अपना जलवा था। रौबिले और गठिले जिस्म पर सफेद कुर्ता-धोती मारवाड़ी पगड़ी खूब फबती। हाथ में छड़ी और मुंह में पान की गिलौरी दबाए ताव से मूंछों पर हाथ भांजते रहते। शहर से गांव आते तो उनकी जेब में सूंघनी की डिब्बी और गमकौवा इत्र पड़ा रहता। जग्गन महतो गांव आते […] Read more » Womb loan कोख का कर्ज
कविता भारत की आंखें March 1, 2021 / March 1, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकभारत की आंखेंबड़ी ही खूबसूरत होती हैभारत की आंखों मेंईश्वर की मोहिनी मूरत होती हैभारत की आंखों नेदेखी दिखाई दुनिया कोराम कृष्ण बुद्ध महावीर बनकरभारत की आंखेंगुरु नानक,गोविंद,प्रताप,शिवाजी जैसीभारत की आंखें त्रिनेत्र होतीभारत की आंखेंभूत, भविष्य, वर्तमान एक साथ देखती हैभारत की आंखें राम जैसीराजीव नयन नयनाभिराम होती हैभारत की आंखें घनश्याम जैसीखेल-खेल […] Read more » Eyes of india
कविता मैं पागल हूं, रहने दो।। March 1, 2021 / March 1, 2021 by अजय एहसास | Leave a Comment कुछ कहता हूँ कहने दो , मैं पागल हूं, रहने दोआँसू देख तेरे आंखों में मेरे अश्क भी बहने दोवो कहती है मैं पागल , मैं पागल हूँ रहने दो। उसकी कद्र मैं करता हूं, पीर मैं उसके समझता हूँउसको अपना मानता हूँ, मन की बातें जानता हूँराज खुले तो मैं पागल, मैं पागल हूँ […] Read more » I'm crazy