राजनीति व्यंग्य रवीश कुमार को रामकिशोर की चिट्ठी March 1, 2021 / March 1, 2021 by डॉ.रामकिशोर उपाध्याय | Leave a Comment डिअर रवीश कुमार पांडे जी बेरोजगारों के पक्ष में प्रधान मंत्री जी को पत्र लिखने और समाप्त होती पत्रकारिता पर शोक व्यक्त करने के लिए आभार | जानकर प्रसन्नता हुई कि देश-विदेश के युवा बेरोजगार अपनी समस्याएँ लेकर आपके पास आते हैं | कन्हैया कुमार, उमर खालिद,सरजील इमाम से लेकर दिशा रवि तक सैकड़ों […] Read more » रवीश कुमार को रामकिशोर की चिट्ठी
लेख मोह में विरक्ति February 26, 2021 / February 26, 2021 by बीनू भटनागर | Leave a Comment श्रीमति सुधा मूर्ति के इंगलिश लेख Detachment in attachment का हिंदी अनुवाद करने का प्रयास किया है। यहाँ आये दिन उपदेशात्मक लहजे मे रोज़ लोग माता पिता और बच्चों के रिश्तों में आई दरारों के कारण युवाओं को कोसते रहते है ,इस लिहाज़ से सुधा जी के इस लेख ने मुझे बहुत प्रभावित किया। प्रस्तुत […] Read more » Detachment in attachment श्रीमति सुधा मूर्ति
कविता कोयल तुम बोलती हो अपनी बोली February 25, 2021 / February 25, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककोयल तुम बोलती हो अपनी बोली,इसलिए तू आजाद हो नीलगगन में! कोयल तुम्हारी कूक अपने दिल की,इसलिए तुम बसी हो सबके मन में! कोयल तुम नहीं कूकती पराई वाणी,इसलिए तू कैद नहीं किसी बंधन में! कोयल तुम्हारी भाषा नहीं नकल की,इसलिए तू रहती हो अपने चमन में! कोयल तू तोते सा नहीं हो […] Read more » Cuckoo you speak your dialect कोयल तुम बोलती हो अपनी बोली
कविता समय का पहिया February 25, 2021 / February 25, 2021 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment मानो तो मोती ,अनमोल है समयनहीं तो मिट्टी के मोल है समयकभी पाषाण सी कठोरता सा है समयकभी एकान्त नीरसता सा है समयसमय किसी को नहीं छोड़ताकिसी के आंसुओं से नहीं पिघलतासमय का पहिया चलता हैचरैवेति क्रम कहता हैस्वर्ण महल में रहने वालेतेरा मरघट से नाता हैसारे ठौर ठिकाने तजकरमानव इसी ठिकाने आता है ||भूले […] Read more » समय का पहिया
लेख विनायक सावरकर: स्वर्णिम अध्याय का नाम February 25, 2021 / February 25, 2021 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment -डॉ. पवन सिंह मलिक “मैं तुम्हारे दर्शन करने आया हूँ मदन, मुझे तुम पर गर्व है. सावरकर तुम्हें मेरी आँखों में डर की परछाई तो नहीं दिखाई दे रही, बिल्कुल नहीं मुझे तुम्हारे चेहरे पर योगेश्वर कृष्ण का तेज दिखाई दे रहा है , तुमने गीता के स्थितप्रज्ञ को साकार कर दिया है मदन” न […] Read more » Vinayak Savarkar विनायक सावरकर
लेख विधि-कानून भारत मे मदरसा शिक्षा का औचित्य February 25, 2021 / February 25, 2021 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप जब से मानव सभ्यता का सूर्य उदय हुआ है तभी से भारत अपनी शिक्षा तथा दर्शन के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह सब भारतीय शिक्षा के उद्देश्यों का ही चमत्कार है कि भारतीय संस्कृति ने संसार का सदैव पथ-प्रदर्शन किया और आज भी जीवित है। वर्तमान युग में भी महान दार्शनिक एवं शिक्षा […] Read more » Justification of madrasa education in India भारत मे मदरसा शिक्षा का औचित्य
आलोचना चम्बल में डाकू म्यूजियम का औचित्य February 24, 2021 / February 24, 2021 by डॉ.रामकिशोर उपाध्याय | Leave a Comment यद्यपि चम्बल अंचल में डकैत समस्या समाप्त हो चुकी है किन्तु चम्बल से डकैतों के नाम एक चौंकाने वाला समाचार आया है | कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश पुलिस, भिंड में डाकू म्यूजियम बनाने जा रही है | म्यूजियम अर्थात संग्रहालय,एक ऐसा संस्थान जो अपनी विरासत या धरोहर को सहेजने का कार्य करता है […] Read more » Justification of the dacoit museum in Chambal चम्बल में डाकू म्यूजियम
लेख ‘अभिव्यक्ति’ को सलाखें नहीं ‘आजादी’ चाहिए ? February 24, 2021 / February 24, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जलवायु एक्टिविस्ट दिशा रवि को एक लाख के निजी मुचलके पर चर्चित ‘टूलकिट’ मामले में तिहाड़ जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस खुद कटघरे में खड़ी हो गई है। सवाल उठता है कि क्या सरकार के खिलाफ बोलना, लिखना देशद्रोह […] Read more » अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जलवायु एक्टिविस्ट दिशा रवि टूलकिट
कविता भाई बहिन का रिश्ता February 24, 2021 / February 24, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment भाई बहिन का ये रिश्ता,कैसा अजीब है ये रिश्ता।लड़ते झगड़ते है ये आपस मे,फिर भी टूटता ना ये रिश्ता।। लड़ झगड़ कर एक हो जाते,एक दूजे के बिन रह न पाते।जब हो जाते एक दूजे से नाराज,बिन मनाएं ये रह नहीं पाते।। भाई बहिन एक खून का रिश्ता,जो बनता है दो खूनो से रिश्ता।वैसे तो […] Read more » भाई बहिन का रिश्ता
कविता कोई भी कृति राम चरित्र की पूर्णाहुति नहीं है February 23, 2021 / February 23, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायककोई भी कृति राम चरित्र की पूर्णाहुति नहीं है,वाल्मीकि के पूर्व रामकथा लौकिक आस्था थी! नारद की मौलिक पत्रकारिता को वाल्मीकि नेरामायण नाम से काव्यात्मक अभिव्यक्ति की! आगे कालिदास, भवभूति, तुलसी लेखनी चली,किन्तु राम की महिमा अब भी बहुत अनकही! रामचरित्र पर एक आक्षेप है शूद्रहन्ता होने का,कितना झूठ, कितना कल्पित, कितना है […] Read more » No work is full of Ram Charitra राम चरित्र
कविता बड़ी खूबसूरत है जिंदगी February 23, 2021 / February 23, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment बड़ी खूबसूरत है ये ज़िंदगी…..इसी ने मुझे संघर्ष करना सिखायाहंसना सिखाया,रोना भी सिखायाकभी अपने को कम समझना नहीं हैंये सिलसिला भी ज़िंदगी ने सिखाया….. कठिन से कठिन को आसान बनानाये हौसला भी ज़िंदगी से ही आयाकभी हार जाओ, उदासी न लानाये मुस्कान भी ज़िंदगी से ही आया…. समझते हैं ख़ुद को बड़े ही नादानज्ञान की […] Read more » बड़ी खूबसूरत है जिंदगी
लेख शख्सियत समाज संत रैदास की अनूठी भक्ति एवं सिद्धि February 23, 2021 / February 23, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – महामना संत रैदास भारतीय संत परम्परा और संत-साहित्य के महान् हस्ताक्षर है, दुनियाभर के संत-महात्माओं में उनका विशिष्ट स्थान है। क्योंकि उन्होंने कभी धन के बदले आत्मा की आवाज को नहीं बदला तथा शक्ति और पुरुषार्थ के स्थान पर कभी संकीर्णता और अकर्मण्यता को नहीं अपनाया। ऐसा इसलिये संभव हुआ क्योंकि रैदास […] Read more » Saint Raidas's unique devotion and accomplishment संत रैदास संत रैदास की अनूठी भक्ति एवं सिद्धि