कविता
तो कोरोना क्यों होय ||
/ by आर के रस्तोगी
साबुन से सब धोइये,अपने दोनों हाथ |कोरोना से छूट जायेगा,तुम्हारा साथ || जनता कर्फ़यु लगाईये,आगामी रविवार |कम हो जायेगा तुम पर,कोरोना का वार || डॉक्टर्स,नर्स का करो तुम प्रगट आभार |ये लोग सदा करते ,तुम्हारा ही उपकार || बुजर्गो को मत भेजिए,घर से तुम बाहर |झेल न पात है,ये कोरोना का तीखा वार || करो […]
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