विधि-कानून विविधा कैसे हो जजों की कमी की पूर्ति ??? August 24, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव देश में जजों की कमी पर सर्वोच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश टीएस ठाकुर पहले भी नाराजी जता चुके हैं। अब एक बार फिर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए भाषण को रेखांकित करते हुए कहा है कि डेढ़ घंटे के उद्बोधन में न्यायाधीशों की नियुक्ति का कहीं उल्लेख […] Read more » Featured जजों की कमी की पूर्ति
विधि-कानून विविधा यूजीसी के नए नियम, रैगिंग और अभिभावक August 14, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी रैगिंग शिक्षण संस्थानों में सीनियर छात्र-छात्राओं द्वारा जूनियर विद्यार्थियों को दिया जाने वाला वह जख्म है, जिसके होने के बाद कई बार इंसान अपने को इतना अपमानित महसूस करता है कि वह पढ़ाई छोडऩे से लेकर आत्महत्या करने जैसे आत्मघाती कदम तक उठा लेता है। नवागत विद्यार्थी के आत्म परिचय से आरंभ […] Read more » Anti Ragging Policies Featured parents ragging the new rule of UGC the new rule of ugc for ragging and parents अभिभावक यूजीसी के नए नियम रैगिंग
विधि-कानून विविधा समाज नस्ल-विज्ञान का साम्राज्यवादी औपनिवेशिक विधान July 17, 2016 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला यूरोपीय औद्योगिक क्रांति की कोख से उत्त्पन्न औपनिवेशिक साम्राज्यवाद ने अपनी जडें जमाने के लिए एक से बढ कर एक ऐसे-ऐसे नायाब षड्यंत्रों का आविष्कार-प्रचार और इस्तेमाल किया कि उपनिवेशित देशों की कथित आजादी के बावजूद उसके वो षड्यंत्र आज भी दुनिया भर में जारी हैं । कम से कम एशियायी देशों, विशेष […] Read more » Featured औपनिवेशिक विधान नस्ल-विज्ञान साम्राज्यवादी औपनिवेशिक विधान
विधि-कानून समाज सभी के लिए समान कानून ? July 6, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on सभी के लिए समान कानून ? प्रमोद भार्गव देश में समान नागरिक संहिता को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने एकाएक बड़ा कदम उठाते हुए विधि आयोग से इसे लागू करने को लेकर आ रही दिक्कतों की पड़ताल करने के लिए कहा है। आजादी के बाद यह पहला मौका है जब किसी सरकार ने […] Read more » Featured uniform civil code Uniform Civil Code in India सभी के लिए समान कानून
विधि-कानून विविधा डीजे पर बैन से संविधान प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता का हनन July 5, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी भारतीय संविधान सभी नागरिकों के लिए व्यिक्तिगत और सामूहिक रूप से कुछ बुनियादी अधिकार देता है। इन मौलिक अधिकारों की छह व्यासपक श्रेणियों के रूप में संविधान में गारंटी दी जाती है जो न्यातयोचित और न्यायालय में वाद योग्य हैं। संविधान के भाग 3 में सन्निहित अनुच्छे द 12 से 35 मौलिक […] Read more » ban on dj ban on dj voilates the right to freedom of religion Featured right to freedom of religion डीजे पर बैन धार्मिक स्वतंत्रता का हनन संविधान
विधि-कानून समाज भारत में आवश्यक है समान नागरिक कानून July 4, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 2 Comments on भारत में आवश्यक है समान नागरिक कानून सुरेश हिंदुस्थानी प्राय: कहा जाता है कि कठोर कानूनों के माध्यम से ही देश के अंदर एकता का भाव निर्मित होता है। इसमें सबके लिए एक प्रकार का कानून हो तो इस दिशा में सकारात्मक प्रयास किए जा सकते हैं, लेकिन भारत देश में अंग्रेजों के समय से ही कानूनों को इस प्रकार से बनाया […] Read more » Featured uniform civil code Uniform Civil Code in India आवश्यक है समान नागरिक कानून भारत समान नागरिक कानून
विधि-कानून विविधा समान नागरिकता कानून July 2, 2016 / July 2, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी इस कानून का अर्थ:- भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक (सिविल) कानून (विधि) से है। समान नागरिक संहिता एक सेक्युलर (पंथनिरपेक्ष) कानून होता है जो सभी धर्मों के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है। दूसरे शब्दों में, अलग-अलग धर्मों के लिये अलग-अलग सिविल कानून न होना ही […] Read more » 'तीन तलाक' की संवैधानिक वैधता Featured uniform civil code पर्सनल लॉ समान नागरिकता कानून
विधि-कानून विश्व शरणार्थी दिवस : 20 जून June 18, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी उद्देश्य:- विश्व शरणार्थी दिवस दुनिया भर के शरणार्थियों के दुखों और तकलीफों को वैश्विक रूप से सामने लाने का दिन है। शरणार्थियों की शक्ति, हिम्मत और दृढ़ निश्चय को स्वीकृति देने के लिए संयुक्त राष्ट्र 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व शरणार्थी दिवस उन […] Read more » World Refugee Day विश्व शरणार्थी दिवस
विधि-कानून समाज कोर्ट कचहरी का फलता-फूलता न्याय उद्योग का धंधा May 30, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी साधारण बोलचाल की भाषा में कोर्ट कचहरी के धंधे को न्याय और मुकदमे बाजी कहा जाता है। इसकी स्थापना श्री मद भगवत गीता के सूत्र – ‘परित्राणाय साधुनाम विनाशाय दुष्कृताम्, धर्म संस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे ।‘ पर आधारित है।यू पी पुलिस का प्रतीक वाक्य भी यही है। सैद्धांतिक रूप में आदर्श वाक्य होते हुए […] Read more » Featured law law and order कोर्ट कचहरी का फलता-फूलता न्याय न्याय
विधि-कानून विविधा लोकतंत्र में न्यायिक सक्रियता May 29, 2016 by श्याम नारायण रंगा | Leave a Comment भारत में आजादी के बाद लोकतांत्रिक गणराज्य की अवधारणा को लागू किया गया और पूरे देश में व्यवस्था को विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका के रूप में तीन भागों में बांटा गया। इन तीनों अंगों का अपना अपना कार्यक्षेत्र भी निर्धारित किया गया और यह तय किया गया कि कोई भी अंग किसी दूसरे के कार्यक्षेत्र […] Read more » Judicial activism न्यायिक सक्रियता लोकतंत्र
विधि-कानून पुलिस की मुठी में बंद स्वतंत्रता का अधिकार May 22, 2016 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | Leave a Comment सात वर्ष तक सजा के अधिकांश मामलों में व्यक्ति के गायब होने , गिरफ़्तारी को टालने या अपने सामान्य निवास स्थान से भागने की संभावनाएं बहुत कम हैं .ऐसे मामलों में मात्र उपस्थित होने का नोटिस या समन , जैसी भी स्थिति हो , पर्याप्त होना चाहिए .मात्र उन मामलों में जहाँ आशंका हो कि […] Read more » Featured पुलिस की मुठी में बंद स्वतंत्रता का अधिकार
विधि-कानून विविधा सडक़ सुरक्षा के लिए मजबूत कानून की जरूरत May 18, 2016 by अवनीश सिंह भदौरिया | Leave a Comment अवनीश सिंह भदौरिया देश में बढ़ते सडक़ हादसों से होने वाली मौतें गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही हैं। एक ताजा सरकारी आंकड़ें के मुताबिक प्रत्येक 3.6 मिनट में सडक़ हादसों में एक भारतीय की मौत हो रही है। सडक़ हादसों में होनेे वाली मौतों को रोकने के लिए एक मजबूत और प्रभावकारी सडक़ […] Read more » कानून की जरूरत सडक़ सुरक्षा सडक़ सुरक्षा के लिए मजबूत कानून