Category: विधि-कानून

विधि-कानून विविधा

न्यायपालिका और बढती पेंडेंसी

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 एक समाचार के अनुसार कल सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर के विदाई समारोह में भारी भीड़ को देख कर जस्टिस ठाकुर ने कहा कि सात साल के सर्वोच्च न्यायालय के कार्यकाल में अट्ठाईस विदाई समारोह देखे हैं लेकिन इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी!उन्होंने मनोनीत मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खेहर से कहा कि […]

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आमने-सामने : न्यायाधीशों की नियुक्ति

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उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय के काॅलेजियम द्वारा भेजे गए 77 नामों में से 34 नामों की स्वीकृति केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने से ऐसा लगने लगा था कि न्यायपालिका और सरकार के बीच बर्फ गलने लगी है, और अंतोगत्वा दोनों के बीच जजों की नियुक्तियों को लेकर कोई आम सहमति बन जाएगी। लेकिन 43 नामों को केन्द्र सरकार द्वारा वापस कर दिए जाने और उन नामों को पुनः काॅलेजियम द्वारा केन्द्र सरकार के पास भेजे जाने से ऐसा लगता है कि न्यायपालिका और सरकार आमने-सामने आ गए हैं।

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न्यायपालिका और सरकार में टकराव उचित नहीं

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प्रमोद भार्गव केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच एक बार फिर जजों की नियुक्तियों को लेकर टकराव सतह पर आया है। इस बार सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीष टीएस ठाकुर ने न्यायालयीन ट्रिब्यूनलों की खस्ताहाल स्थिति को भी उजागार किया है। अखिल भारतीय केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट के इसी कार्यक्रम में उपस्थित विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद […]

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