विधि-कानून विविधा न्याय व्यवस्था का गिरता हुआ स्तर November 29, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment आज कानून का पालन करने वालों से कानून तोडऩे वालों की प्रतिष्ठा अधिक है। इतना ही नहीं, कानून तोडऩे की ‘क्षमता’ ही लोगों की आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक ‘प्रतिष्ठा’ का मापदंड बनती जा रही है। वैसे तो सभी राजनीतिक पक्ष ऐसी संपूर्ण स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय प्रणाली चाहते हैं, जिन्हें सिर्फ उनके ही पक्ष में निर्णय पाने की स्वतंत्रता रहे। इस हालात में किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखों में आंसू आएंगे ही। उन आंसूओं में प्रायश्चित और वेदना की अहमियत है, जो व्यवस्था को शक्ति प्रदान कर सकती है। Read more » Featured गिरता हुआ स्तर न्याय व्यवस्था
विधि-कानून #संविधान दिवस विशेष: ‘क्या आज भी उतना ही प्रासंगिक है संविधान ?’ November 27, 2016 by अनुज हनुमत | Leave a Comment आज समूचा देश 26 नवंबर के दिन अपना संविधान दिवस मना रहा है और इसकी शुरूआत 2015 से हुई क्योंकि ये वर्ष संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के जन्म के 125वें साल के रूप में मनाया गया था। आज संविधान को अंगीकृत किये हुए देश को 66 वर्ष का समय हो गया है लेकिन मौजूदा समय में सबसे बड़ा प्रह्न यह है कि क्या आज भी हमारा संविधान उतना ही प्रासंगिक है या फिर राजनीतिक बेड़ियों में जकड़ कर नेताओ द्वारा अपने हिसाब से प्रयोग किया जा रहा है Read more » #संविधान दिवस Constitution Day Featured
विधि-कानून विविधा काला धन पर लगाम लगना शुरू November 10, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment पांच सौ और हजार रुपए के नोट के चलन पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का लोगों ने स्वागत किया है। देश से कालाधन समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का लोगों ने हमेशा समर्थन किया है। मध्यवर्ग, किसानों, व्यवसायियों, छात्र, गृहिणियों की समस्या को देखते हुए पुराने करेंसी नोट के बदले नए करेंसी नोट का प्रचलन प्रभावी तरीके से जल्द होना चाहिए। ज Read more » Featured काला धन काला धन पर लगाम
आर्थिकी विधि-कानून विविधा एक मजबूत अर्थव्यस्था के स्तंभ – कुछ अनछूए पहलू (व्यंग्य) November 9, 2016 / November 9, 2016 by कुंज बिहारी जोशी | Leave a Comment सभी सकारात्मक पहलूओं के बावज़ूद एक वाइरस ऐसा है जो किसी देश की अर्थव्यवस्था को चुपचाप ही घुन की तरह खाये जाता है जिसका किसी देश की जनता तो क्या सरकारों को भी पता नहीं चल पाता – वह है “चाइना बाज़ार”. इसके उत्पाद घरेलू(स्वदेशी) उत्पादों की कीमतों की तुलना में अत्यधिक सस्ते होते हैं और दिखने में सुंदर! जिससे घरेलू उत्पाद बिकना बंद हो जाते हैं. Read more » demonetization Featured features of strong economy अर्थव्यस्था एक मजबूत अर्थव्यस्था के स्तंभ
आर्थिकी उत्पाद समीक्षा विधि-कानून विविधा खाद्य सुरक्षा कानून देशभर में लागू November 6, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment अनाज वितरण की विसंगतियों के चलते राज्य सरकारें आबंटित कोटा वक्त पर नहीं उठातीं हैं। क्योंकि पीडीएस के अनाज का ढुलाई खर्च उन्हें उठाना होता है। दरअसल अब सरकारों को भण्डारण के इंतजाम पंचायत स्तर पर करने की जरूरत है। यदि ऐसा होता है तो अनाज का दोतरफा ढुलाई खर्च तो बचेगा ही, इस प्रक्रिया में अनाज का जो छीजन होता है उससे भी निजात मिलेगी। Read more » Featured Food Security Bill खाद्य सुरक्षा कानून खाद्य सुरक्षा कानून देशभर में लागू
राजनीति विधि-कानून बच्चा चुराने वालों को अब आजीवन कारावास November 6, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment इस विधेयक के पास हो जाने के बाद यह संभव हो सकेगा कि मानव तस्करी के गंभीर मामलों में जो दोषी पाए जाएंगे उन्हें हत्या करने या उसके प्रयासों के लिए दी जाने वाली सजा के समकक्ष तक माना जा सकेगा। साथ ही मानव तस्करी रोधी विधेयक के माध्यम से यह भी एक श्रेष्ठ निर्णय लिया जा रहा है कि इसमें बंधुआ मजदूर से लेकर भीग मंगाने के उद्देश्य से बच्चों का इस्तेमाल कर रहे लोगों एवं शादी के लिए बिना उसकी इच्छा और स्वीकारोक्ति के किसी महिला की तस्करी या उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाये जाने जैसे अपराध को भी सम्मिलित किया गया है। Read more » Featured आजीवन कारावास बच्चा चुराने वालों को अब आजीवन कारावास
विधि-कानून विविधा क्या न्यायपालिका सर्वशक्तिमान है? October 31, 2016 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह कि पारदर्शिता के इस दौर में और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पारदर्शिता की पक्षधर न्यायपालिका अपने लिए पारदर्शिता की पक्षधर नहीं है। वह रंच-मात्र भी जवाबदेह नहीं होना चाहती। वह सबके मामले में हस्तक्षेप कर सकती है, यहां तक कि कानून भी बना सकती है जो संसद का काम है, पर अपने मामले में वह कोई नियंत्रण स्वीकार करने को तैयार नहीं है। Read more » appointment of judges Featured इलाहाबाद हाईकोर्ट काॅलेजियम न्यायपालिका सुप्रीम कोर्ट
विधि-कानून समाज जजों की नियुक्ति एक भ्रमजाल …!! October 31, 2016 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | Leave a Comment मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति किरुबकरन ने एक अवमान मामले की सुनवाई में कहा है कि देश की जनता पहले ही न्यायपालिका से कुण्ठित है अत: पीड़ित लोग में से मात्र 10% अर्थात अतिपीडित ही न्यायालय तक पहुंचते हैं| सुप्रीम कोर्ट के जानमाने वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि भारत में न्याय मात्र 1% ही होता है| समय समय पर लोक अदालतें लगाकर समझौतों के माध्यम से मामले निपटाकर वाही वाही लूटी जाती है जबकि समझौते न्यायपालिका की सफलता न होकर विफलता है क्योंकि समझौते कमजोर पक्ष के हित की बलि देने पर ही संपन्न होते हैं Read more » appointment of judges Featured जजों की नियुक्ति
विधि-कानून विविधा न्यायपालिका के खुद के लिए पैमाने September 9, 2016 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर को इस बात को लेकर गंभीर शिकायत है कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से न्यायपालिका के संबंध में कुछ नहीं कहा। इसके पहले भी प्रधानमंत्री की मौजूदगी में एक समारोह में बोलते हुए वह निहायत ही भावुक अंदाज में जजों […] Read more » colegium system Featured न्यायपालिका
विधि-कानून समाज तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं को क्या न्याय मिलेगा ? September 3, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी अवैधानिक और महिलाओं के अधिकार का उल्लंघन:-मुस्लिम समाज में पति-पत्नी के बीच संबन्ध विच्छेद करने वाली परंपरा ‘तलाक-तलाक-तलाक’ को लेकर भले ही सुप्रीम कोर्ट संवैधानिकता को लेकर अध्ययन कर रहा हो, लेकिन देश की करीब 92 फीसदी मुस्लिम महिलाएं इस मौखिक तलाक के खिलाफ है। केंद्र सरकार की धार्मिक समुदाय और सेक्स […] Read more » Featured ट्रिपल तलाक गैरकानूनी तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं को न्याय मौखिक तलाक के खिलाफ महिलाएं
विधि-कानून समाज आधी दुनिया की एक और सम्मानजनक जीत August 27, 2016 by ललित गर्ग | 1 Comment on आधी दुनिया की एक और सम्मानजनक जीत ललित गर्ग मुंबई की सुप्रसिद्ध हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ कर हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने की तरफ एक बड़ा कदम तो है ही, साथ-ही-साथ नारी के सांविधानिक अधिकारों का हनन को रोकने का भी एक सराहनीय कदम है। […] Read more » Featured धार्मिक भेदभाव मुंबई उच्च न्यायालय शनि शिंगणापुर में महिलाओं के प्रवेश हाजी अली दरगाह में महिलाओं के प्रवेश
विधि-कानून समाज आह! भारतीय मातृत्व सरेआम सरोगेट होने से बच गया….. August 25, 2016 by डॉ. शुभ्रता मिश्रा | Leave a Comment डॉ. शुभ्रता मिश्रा पिछले कुछ सालों से भारतीय समाज में सरोगेट मदर चर्चा का विषय रहा है। फिल्मी हस्तियों के सरोगेटी बच्चों ने इस विषय को अच्छा खासा कौतुहल का विषय बना दिया था। चाहे वह आमिर खान साहब हों, शाहरुख खान साहब हों, या फिर हाल ही में सरोगेसी की सहायता से एक बेटे […] Read more » Featured surrogacy Surrogacy regulation bill 2016 surrogate mother सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2016