विधि-कानून भारत को आईएएस कल्याणकारी राज्य घोषित कर दिया जावे! April 14, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 2 Comments on भारत को आईएएस कल्याणकारी राज्य घोषित कर दिया जावे! देश के आम व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिन्ता इस देश की सरकार को भी है, इस बात को कागज पर प्रमाणित करने के लिये और जरूरत पडने पर कहीं दिखाने के लिये भी कुछ ऐसे कदम सरकार द्वारा उठाये जाते हैं, जिनका जनता के स्वास्थ्य से कोई सम्बन्ध नहीं होता है। इसी क्रम में गुणवत्तापूर्ण […] Read more » IAS आईएएस
विधि-कानून भारत में न्याय पाने का सफर आसान नहीं March 22, 2010 / December 24, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment ठीक ही कहा गया कि न्याय मिलने में अगर देरी होती है तो वह न्याय नहीं मिलने के समान है। स्वस्थलोकतंत्र की पहचान स्वस्थ न्यायपालिका को माना जाता है, लेकिन हमारे देश की न्याय व्यवस्था इतनी लचर है कि दो-तीन पीढ़ियाँ गुजर जाती हैं, फिर भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है। कायदे से बदतर […] Read more » Court न्याय न्यायपालिका न्यायालय
राजनीति विधि-कानून न्यायपालिका और लोकतंत्र – राजीव तिवारी March 13, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment न्यायपालिका, विधायिका तथा कार्यपालिका का समन्वित स्वरूप ही लोकतंत्र होता है। लोकतंत्र में न्यायपालिका, विधायिका तथा कार्यपालिका एक दूसरे के पूरक भी होते हैं तथा नियंत्रक भी। इसका अर्थ यह हुआ कि इन तीनों में से कोई अंग कमजोर पड़ रहा हो तो शेष दो उसे शक्ति दें और यदि कोई अंग अधिक मजबूत हो […] Read more » Democracy न्यायपालिका लोकतंत्र
विधि-कानून बातचीत नहीं करना क्रूरता एवं तलाक का आधार! March 11, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | 1 Comment on बातचीत नहीं करना क्रूरता एवं तलाक का आधार! हिन्दू विवाह अधिनियम में क्रूरता को तलाक का आधार माना गया है, लेकिन क्रूरता की परिभाषा को लेकर शुरू से ही निचली अदालतों में मतैक्य का अभाव रहा है। इसलिये जब भी क्रूरता का कोई नया मामला सामने आता है तो पक्षकार अन्तिम निर्णय के लिये सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा अवश्य ही खटखटाते हैं। सुप्रीम […] Read more » Hindu Marrige Act हिन्दू विवाह अधिनियम
विधि-कानून आत्मरक्षा का अधिकार February 21, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment कुछ समय पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने आत्मरक्षा के अधिकार से जुडे मामले में अपने निर्णय में कहा था कि कानून का पालन करने वाले लोगों को कायर बनकर रहने की जरूरत नहीं है, खासकर तब, जबकि आपके ऊपर गैरकानूनी तरीके से हमला किया जाए। प्रिण्ट मीडिया ने इसे कोर्ट का अति-न्यायिक सक्रियता दर्शाने वाला निर्णय […] Read more » Right to self defense आत्मरक्षा का अधिकार
विधि-कानून सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक टिप्पणी January 30, 2010 / December 25, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 6 Comments on सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक टिप्पणी पहली पत्नी के रहते कोई भी सरकारी कर्मचारी दूसरा विवाह नहीं कर सकता सुप्रीम कोर्ट की उस ऐतिहासिक टिप्पणी से मुस्लिम महिलाओं को काफ़ी राहत मिलेगी, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी के रहते कोई भी सरकारी कर्मचारी दूसरा विवाह नहीं कर सकता. दरअसल, कोर्ट ने राजस्थान सरकार के उस फ़ैसले को सही […] Read more » Supreme Court मुस्लिम महिला सुप्रीम कोर्ट
विधि-कानून कानून सिर्फ गरीबों के लिये अमीरों के लिये नहीं.. January 20, 2010 / December 25, 2011 by हिमांशु डबराल | 2 Comments on कानून सिर्फ गरीबों के लिये अमीरों के लिये नहीं.. ठंड का मौसम, पसरा हुआ कोहरा, सर्द हवाएं, खुला आसमान और उस पर तन पर ना के बराबर कपड़े। जरा सोचिये ऐसी स्थिति में कोई भी आदमी कैसे रह सकता है। लेकिन भारत में लाखों लोग ऐसे है जो इस तरह जीने पर मजबूर है। सर्दी से बचने के नाम पर उनके पास सिर्फ चन्द […] Read more » Cold गरीब ठंड
विधि-कानून निजता का अधिकार और उससे जुड़े हुए सवाल January 19, 2010 / December 25, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment भारत के मुख्य न्यायधीश का कार्यालय भी सूचना के दायरे में आयेगा। सूचना के अधिकार से संबंधित इस फैसले ने पूरे देश में हलचल पैदा कर दी। पर अभी भी सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश इस निर्णय से कत्तई इत्तिफाक नहीं रखते हैं। इसी विषय के तारतम्य में कुछ दिनों पहले केंद्रीय सूचना आयुक्त ने […] Read more » Right to Information निजता का अधिकार सूचना का अधिकार
विधि-कानून शरीयत बड़ी या भारतीय संविधान! January 15, 2010 / December 25, 2011 by राकेश उपाध्याय | 8 Comments on शरीयत बड़ी या भारतीय संविधान! कोलकाता उच्च न्यायालय के एक विवादास्पद फैसले से खड़ा हुआ संवैधानिक संकट कोलकाता उच्च न्यायालय ने एक अजीबोगरीब फैसले में एक नाबालिग हिंदू लड़की के मतांतरण और निकाह को मुस्लिम शरीयाई कानून की तुला पर तौलते हुए विधिमन्य करार दिया है। निर्णय पर विवाद खड़ा हो गया है। जानकारों के अनुसार, निर्णय ने भारतीय संविधान […] Read more » Indian constitution भारतीय संविधान
विधि-कानून सवाल न्यायपालिका की साख का – अमलेन्दु उपाधयाय October 22, 2009 / December 26, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 1 Comment on सवाल न्यायपालिका की साख का – अमलेन्दु उपाधयाय गाजियाबाद के पीएफ धोटाले के मूख्य अभियुक्त आशुतोष अस्थाना की मौत पर दो पंक्तियों में सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है – ‘अधेरों ने हमारे अंजुमन की आबरू रख ली/ न जाने कितने चेहरे रोशनी में आ गए होते।’ दीपावली वाले दिन अस्थाना की गाजियाबाद की जिला जेल में रहस्यमय मौत हो गई थी। […] Read more » Amlendu Upadhyay Integrity of Judiciary Judiciary अमलेन्दु उपाधयाय न्यायपालिका न्यायपालिका की साख
विधि-कानून अनिल ने केंद्र से कहा बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना September 19, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 1 Comment on अनिल ने केंद्र से कहा बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना अनिल अंबानी की कंपनी, आरएनआरएल ने शुक्रवार को मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ अपने गैस विवाद पर सरकार की याचिका को खारिज करने की मांग की है।और कहा है , सरकार इस मुद्दे पर किसी फैसले की मांग नहीं कर सकती है।हाँ, सरकार इस मुद्दे पर अपनी राय दे सकती है। Read more » Ambani Reliance अनिल अंबानी आर्थिक रिलायंस
विधि-कानून न्यायाधीशों द्वारा सम्पत्ति घोषित करने के निहितार्थ : मयंक चतुर्वेदी August 30, 2009 / December 27, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 1 Comment on न्यायाधीशों द्वारा सम्पत्ति घोषित करने के निहितार्थ : मयंक चतुर्वेदी ज्युडिशिअरी पर उठ रहे प्रश्नों को विराम देते हुए जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों ने एकमत होकर सम्पत्ति को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया है। भ’ष्टाचार पर नकेल कसने के लिये इसे स्वागत योग्य कदम माना जाना चाहिए। लम्बे समय से यह माँग चल रही थी कि विधिवेत्ता न्यायाधीश भी अपनी सम्पत्ति का खुलासा […] Read more » Judge न्यायाधीश