राजनीति आखिर क्या है अराजकता का मापदंड? January 27, 2014 / January 27, 2014 by तनवीर जाफरी | 1 Comment on आखिर क्या है अराजकता का मापदंड? -तनवीर जाफरी- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गत् 20-21 जनवरी को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों तथा आम आदमी पार्टी के विधायकों के साथ नई दिल्ली में रेल भवन के पास दिल्ली पुलिस के विरुद्ध धरने पर बैठे। इन दो दिनों में जहां केजरीवाल के धरने को लेकर तरह-तरह के विचार व्यक्त किए गए, वहीं इन […] Read more » AAP Anarchy AAP ? Arvind Kejrival आखिर यह क्या हैः अराजकता का मापदंड?
राजनीति गणतंत्र पर सत्ता परिवर्तन हेतु अश्वमेध यज्ञ की तैयारी January 27, 2014 / January 28, 2014 by राकेश कुमार आर्य -राकेश कुमार आर्य- कांग्रेस का कर्णधार (पीएम पद का प्रत्याशी) आगामी चुनावों में कौन होगा? इस पर पार्टी मोदी के सामने अपने युवराज को लाने से बचने का बहाना बना रही है। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस में पीएम पद का प्रत्याशी घोषित करना उसकी परंपरा नहीं रही है। बात तो सही है। […] Read more » Congress republic day गणतंत्र पर सत्ता परिवर्तन हेतु अश्वमेध यज्ञ की तैयारी
राजनीति ‘हाथ’ में ‘झाड़ू’ January 25, 2014 / January 25, 2014 by जगमोहन ठाकन | Leave a Comment -जग मोहन ठाकन- सिर पर टोपी लाल, हाथ में रेशम का रूमाल, होये तेरा क्या कहना। आम नत्थू की खास चाय की दुकान पर यह गाना बज रहा था । मोहल्ले में घर की चाय से असंतुष्ट प्रबुद्धजनों का जमावड़ा रोज की तरह नत्थू की दुकान पर लगा हुआ था। चुनावों पर टिप्पणी पर […] Read more » 'हाथ' में 'झाड़ू' AAP Congress
राजनीति बिहार में विकास पर हावी जाति की राजनीति January 25, 2014 / January 25, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- बिहार में अहम राजनीतिक मुद्दों की बात की जाए तो जातिवाद बहुत ही हावी है। हर पार्टी एक खास जाति को साथ लेकर चलती है और ज्यादातर मामलों में उसी जाति को सहयोग देती नजर आती है। ऐसा यहां एक पार्टी नहीं बल्कि सभी पार्टियां करती हैं। लालू जहां यादवों के हितों […] Read more » Bihar politics बिहार में विकास पर हावी जाति की राजनीति
राजनीति आखिर आप कब बोलेंगे January 25, 2014 / January 25, 2014 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | Leave a Comment -डॉ. अरविन्द कुमार सिंह- वर्तमान राजनिति की दिशा और दशा कही से ये आभास नहीं देती की वो राष्ट्रीय सोच की दिशा में काम करती है। राजनैतिक दल उस प्राइवेट फर्म की तरह काम कर रहे हैं, जिनकी सोच मात्र व्यक्तिगत फायदे तक सिमित है। राष्ट्रीय नेता ( तथाकथित ) राष्ट्रीय मसलो पर सकारात्मक भाषा […] Read more » Indian Politics आखिर आप कब बोलेंगे
राजनीति कश्मीरियत का सबसे बड़ा दुश्मन हुर्रियत January 25, 2014 / January 25, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -वीएसके- जम्मू कश्मीर में इन दिनों एक अलग तरह का विरोध दिखाई दे रहा है। यह विरोध है अपनी भाषा की उपेक्षा का विरोध। बिल्कुल अंग्रेजियत अंदाज में जम्मू कश्मीर सरकार इन दिनों राशनकार्ड का फार्म भरवा रही है। फार्म स्थानीय कश्मीर की भाषाओं में न होकर अंग्रेजी में हैं। जिसे लेकर जम्मू कश्मीर […] Read more » kashmir politics कश्मीरियत का सबसे बड़ा दुश्मन हुर्रियत
राजनीति ‘अंदाज-ए-लालू’ January 24, 2014 / January 24, 2014 by आलोक कुमार | 1 Comment on ‘अंदाज-ए-लालू’ आलोक कुमार- लालू की एक अपनी ही अनूठी शैली है। आजकल जिस अंदाज में लालू दिख रहे हैं लगता ही नहीं कि ये वही शख्स है जो 75 दिनों से ज्यादा जेल में रहकर आया है ! वही पुरानी हंसी-ठिठोली, मसखरापन, मुंह में खैनी भी और ऊपर से पान भी, हाथों में माईक, भीड़ का चिर-परिचित अंदाज में नियंत्रण और अभिवादन। हाल ही में जमानत पर छूटने के बाद एक साक्षात्कार के क्रम में एक चीज जो पहली बार देखने को मिली कि लालू लोगों का अभिवादन लगातार ‘प्रणाम’ कहकर रहे थे। शायद जेल में पढ़ी गयी “गीता ” का असर हो या फिर ‘मद्धिम पड़ चुकी लालटेन की रोशनी को तेज करने का नया तिकड़म’! एक बात तो तय है कि लालू की मौजूदगी चुनावी राजनीति को रोचक तो बनाएगी ही, साथ ही कुछ नए राजनीतिक समीकरणों को भी जन्म देगी। लालू की राजनीतिक पहचान भी यही है किउन्होंने हमेशा राजनीतिक विश्लेषकों के दावों के उल्ट कुछ अलग ही कर के दिखाया है। आगामी लोकसभा चुनावों में शायद कांग्रेस नीतीश की महत्वाकांक्षाओं कीअपेक्षा लालू की मसखरी पसंद करे ! लालू ने यूपीए की पहली पारी को जिस जतन से संजोया था, शायद कांग्रेस उसे भूली नहीं होगी ! मुझे तो लगता है कि कांग्रेस और लालू के आंतरिक गठजोड़ की भनक राजनीतिक महारथियों को भी लग ही चुकी है। इन सब से इतर एक बात मैं निःसंकोच कह सकता हूं कि बिहार की चुनावी सियासत में अगर व्यक्तिगत तौर पर किसी एक राजनेता का सबसे बड़ा और खुद काबनाया हुआ वोट-बैंक है तो लालू का है, भले ही लालू ने इसका दुरुपयोग किया और खुद का नाश खुद ही किया। बिहार मेँ कोई लालू के पक्ष मेँ रह सकता है, कोई विपक्ष मेँ लेकिन लालू को नजरअंदाज कर बिहार की राजनीति नहीं की जा सकती है। लालू समर्थकों, लालू की पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के आगामी लोकसभा चुनाव के प्रति उत्साह को देखकर लगता है कि किसी भी राजनीतिक दल ने आगामी चुनाव के मद्देनजर लालू को अगर हलके ढंग से लिया तो ये उनकी राजनैतिक भूल होगी। लालू और उनका कैडर पिछली बार की अपेक्षा इस बार के चुनाव को ज्यादा गंभीरता से ले रहा है। गौरतलब है कि जिस दिन लालू को सजाहुई थी, उसी दिन जद(यू) के शिवानंद तिवारी का मीडिया में बयान आया था कि “लालू के आधार वोट पर किसी तरह […] Read more » 'अंदाज-ए-लालू' Lalu prasav yadav RJD
राजनीति दंगा पीड़ितों के नाम पर मुआवजे की लूट January 24, 2014 / January 24, 2014 by आर. के. गुप्ता | 1 Comment on दंगा पीड़ितों के नाम पर मुआवजे की लूट -आर.के. गुप्ता- मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में हुई साम्प्रदायिक हिंसा के बाद प्रदेश सरकार द्वारा एक धर्म विशेष के लोगों (मुस्लिमों) को एकतरफा मुआवजा देने की होड़ सी मच गई है। इस मुआवजा वितरण में मुस्लिम खुलकर ‘मालेगनीमत’ (लूट के माल) का मजा उठा रहे हैं। क्योंकि प्रदेश सरकार सिर्फ मुस्लिम समाज को मुआवजा देकर […] Read more » communal violence in Uttar Pradesh दंगा पीड़ितों के नाम पर मुआवजे की लूट
राजनीति मकसद में पड़ गईं दरारें January 23, 2014 / January 23, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on मकसद में पड़ गईं दरारें – आलोक कुमार- दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद से आम आदमी पार्टी के अति-उत्साहित नेताओं के सम्बोधन व बयानों को सुनने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि एक दिशाहीन कुनबा है , जिस के पास जनता से मिले अपार समर्थन का जोश तो है, मगर कोई राजनीतिक सोच एवं रणनीति नहीं है । […] Read more » AAP Arvind Kejrival मकसद में पड़ गईं दरारें
राजनीति असलियत “आप” की January 23, 2014 / January 23, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 3 Comments on असलियत “आप” की -आलोक कुमार- ‘कांग्रेस-भाजपा से समर्थन न लेंगे, न देंगे’ का ताल ठोंककर नेतागिरी करने आए और फिर कांग्रेस की गोद में जा बैठे। राजनीति की इस नयी ‘सर्कस -मण्डली”आप’ ने जबरदस्त नौटंकी का जाल बिछा रखा है। जिसमें बेचारी जनता ठगी जा रही है। मीडिया इस नाटक का लुत्फ़ उठा अपनी टीआरपी बढ़ा रही […] Read more » reality of AAP असलियत "आप" की
राजनीति सनसनी का नया एंकर January 22, 2014 / January 22, 2014 by नीरज वर्मा | Leave a Comment -नीरज वर्मा- 21 जनवरी को “आम आदमी पार्टी” के ख़ास आदमी, अरविन्द केजरीवाल ने अपना धरना ख़त्म कर दिया! धरने की वज़ह थी- पुलिस के “टेढ़े” पुलिसकर्मियों को सीधा करने के लिए केंद्र सरकार को सीधा करना ! 36 घंटे तक धरना-प्रदर्शन होता रहा ! पत्थर चले-लाठियां भांजी गयीं ! केंद्र सरकार ने अरविन्द को सीधा कर दिया […] Read more » AAP Arvind Kejrival सनसनी का नया एंकर
राजनीति केजरीवाल का धरना: तर्क नहीं, सत्य की कसौटी पर January 22, 2014 / January 22, 2014 by निर्मल रानी | 2 Comments on केजरीवाल का धरना: तर्क नहीं, सत्य की कसौटी पर -निर्मल रानी- देश की राजनीति में नित नए आयाम जोड़ऩे में लगी आम आदमी पार्टी आए दिन कोई न कोई नए ‘कीर्तिमान’ स्थापित करती जा रही है। देश की राजनैतिक, शासनिक व प्रशासनिक व्यवस्था में परिवर्तन करने का हौसला रखने वाली ‘आप’ ने कुछ ही समय पूर्व जहां दिल्ली में तीसरी राजनैतिक शक्ति के […] Read more » Arvind Kejrival केजरीवाल का धरना: तर्क नहीं सत्य की कसौटी पर