समाज देश तो देशवासी बनाते हैं August 1, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment “इतिहास केवल गर्व महसूस करने के लिए नहीं होता सबक लेने के लिए भी होता है क्योंकि जो अपने इतिहास से सीख नहीं लेते वो भविष्य के निर्माता भी नहीं बन पाते।“ भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार “मन की बात” कार्यक्रम से पूरे देश से सीधा संपर्क साधा है वो वाकई […] Read more » country is made by its citizens Featured देश
समाज आजादी अपनी सोच में लायें August 1, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment भारत हर साल 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। यह दिन जहां हमारे आजाद होने की खुशी लेकर आता है वहीं इसमें भारत के खण्ड खण्ड होने का दर्द भी छिपा होता है। वक्त के गुजरे पन्नों में भारत से ज्यादा गौरवशाली इतिहास किसी भी देश का नहीं हुआ। लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप से […] Read more » independence independence in thoughts आजादी
समाज माँ के बिना सब शून्य July 30, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी जिसे कोई उपमा न दी जा सके उसका नाम है ‘माँ’। जिसकी कोई सीमा नहीं उसका नाम है ‘माँ’। जिसके प्रेम को कभी पतझड़ स्पर्श न करे उसका नाम है ‘माँ’। ऐसी तीन माँ हैं —1. परमात्मा , 2. महात्मा और 3. माँ। हे जीव, प्रभु को पाने की पहली सीढ़ी ‘माँ’ […] Read more » मां
समाज माँ का ऋण चुकाना कठिन है July 30, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी ऋण का अर्थ है ‘‘कर्ज’’ और कर्ज हर मनुष्य को चुकाना पड़ता है। इसका उल्लेख वेद-पुराणों में प्राप्त होता है। हिंदु धर्म-शास्त्रों के अनुसार मनुष्यों पर तीन ऋण माने गए हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण एवं पितृ ऋण। इन तीनों में पितृ ऋण सबसे बड़ा ऋण माना गया है। इन ऋणों का […] Read more » Featured मां माँ का ऋण
शख्सियत समाज महान क्रांतिकारी : ऊधम सिंह July 30, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 31 जुलाई बलिदान दिवस पर विशेषः- मृत्युंजय दीक्षित जलियांवाला बाग हत्याकांड का प्रतिशोध लेने वाले क्रांतिकारी ऊधम सिंह का जन्म 29 दिसम्बर 1869 को सरदारटहल सिंह के घर पर हुआ था। ऊधम सिंह के माता -पिता का देहांत बहुत ही कम अवस्था मंे हो गया था। जिसके कारण परिवार के अन्य लोगो ने उन पूरा […] Read more » Featured Udham Singh ऊधम सिंह
समाज कट्टरता का हल और अधिक कट्टरता ? July 29, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment सन 2014 में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सरकार बनने के बाद यूनिफार्म सिविल कोड, तीन तलाक और मदरसों पर नियंत्रण जैसे मुद्दे विवादित रूप से विमर्श में बने हुए हैं। धार्मिक आक्रामकता में वृद्धि हुई है। भीड़ के धार्मिक और जातीय व्यवहार की उग्रता ने मासूमों को मृत्यु के मुख में धकेला है। […] Read more » Featured इस्लाम और मुस्लिम समुदाय विश्व के लिए बड़ा खतरा कश्मीर में सामूहिक हिंसात्मक पत्थरबाजी ट्रिपल तलाक ट्रिपल तलाक का समर्थन यूनिफार्म सिविल कोड यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध
समाज भक्तिधारा के महान कवि – गोस्वामी तुलसीदास July 29, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 30 जूलाई पर विशेष:- मृत्युंजय दीक्षित हिंदी साहित्य के महान कवि संत तुलसीदास का जन्म संवत् 1956 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्तमूल नक्षत्र में हुंआ था।इनके पिता का नाम आतमा रामदुबे व माता का नाम हुलसी था। जन्म के समय तुलसीदास रोये नहीं थे अपितु उनके मुंह से राम शब्द निकला था। साथ […] Read more » Featured गोस्वामी तुलसीदास भक्तिधारा के महान कवि
समाज सार्थक पहल पलायन को आईना दिखाती पहाड़ की महिला July 26, 2017 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment पंकज सिंह बिष्ट आज जहाँ एक तरफ पहाड़ के लिए पलायन श्राप बना हुआ है। जिसे रोकना सरकार के लिए एक चुनौती है। ऐसे में इसी पहाड़ की महिलायें अपना उद्यम स्थापित कर स्वरोजगार को अपना रही हैं। यह उन युवाओं को भी एक नई राह और एक नई दिशा दिखाने का काम कर रही […] Read more » पलायन
शख्सियत समाज जीवन की अंतिम सांस तक आजाद रहने वाले क्रांतिकारी:-चंद्रशेखर आजाद July 26, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 23 जुलाई पर विशेष:- मृत्युंजय दीक्षित क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम व ऐतिहासिक योद्धा थे। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को भाबरा गांव में हुआ था। उनके पूर्वज उन्नाव जिले के वासी थे। आजाद के पिता का नाम सीताराम तिवारी तथा माता का नाम जगरानी देवी था। उनका प्रारम्भिक जीवन मप्र […] Read more » चंद्रशेखर आजाद
समाज सार्थक पहल आरती का दम, बेटी नहीं हुनर में कम July 26, 2017 by हेमेन्द्र क्षीरसागर | Leave a Comment हेमेन्द्र क्षीरसागर एक जमाना था जब बेटियों को घर की चार दीवारियों में कैद रखकर चुल्हा-चक्की तक सीमित रखा जाता था, पढाई-लिखाई तो उनके लिए दूर की कौडी थी। धीरे-धीरे समय ने करवट बदली और बेटियां बेटों के साथ पढने लगी। यहां तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चला किन्तुु कौशलता, कारीगिरी तथा तकनीकी दक्षता के […] Read more » हुनर
पर्यावरण समाज 3 फीसद जमीन, 17 फीसद जन July 26, 2017 by हेमेन्द्र क्षीरसागर | Leave a Comment हेमेन्द्र क्षीरसागर बेलगाम बढती आबादी एक विश्वव्यापी समस्या हैं, खासतौर पर अविकसीत और विकासशील देशों के लिए यह और भी अधिक गंभीर हैं। विशेषतः भारत में वृद्धि और विकास को हानि पहॅंुचाते हुए तीव्र गति से बढती जनसंख्या परेशानी का सबक बन चुकी हैं। उधेड़बून में हम 1.30 अरब हो चुके हैं। इतर हमारे पास […] Read more » 17 फीसद जन 3 फीसद जमीन Featured over population in India population control Population Explosion in India:
खेत-खलिहान जन-जागरण समाज सार्थक पहल शुद्ध पियो शुद्ध जियो July 25, 2017 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment सरस्वती अग्रवाल “शद्ध पियो- शुद्ध जियो” ये लाईन किसी उत्पाद के विज्ञापन की नही बल्कि ये वाक्य है उत्तराखण्ड के राज्य जनपद चमोली के गडोरा गांव के 38 वर्षिय निवासी लक्ष्मण सिंह का। जो फलो का जूस बेचकर परिवार चला रहे हैं। इन्होने 12वीं तक पढ़ाई की है। 3 बेटियों- एक बेटे तथा पत्नी को मिलाकर परिवार […] Read more » फल प्रसंस्करण ट्रेड