जन-जागरण समाज तकनीकी ने डाला समाजिक संबन्धों में खलल March 25, 2015 by नीतेश राय | Leave a Comment किसी भी राष्ट्र व पारिवारिक विकास के लिए तकनीकी और शिक्षा दो ऐसे पहिये है , जिनका तेजी के साथ चलना बेहद जरुरी हैं | इस विकास रूपी गाड़ी ने अपनी गति में तेजी के साथ बढ़ोत्तरी की है | इस समय प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिया गया नारा “डिजिटल इंडिया” देशवासियों को तकनीकी के […] Read more » तकनीकी तकनीकी ने डाला समाजिक संबन्धों में खलल समाजिक संबन्धों में खलल
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म समाज विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग March 23, 2015 by अरुण तिवारी | 1 Comment on विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग कितना सुखद संयोग है! 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस के बहाने हम सब की अपनी एक नन्ही घरेलु ङिया की चिन्ता; देशी माह के हिसाब से चैत्री अमावस्या यानी गोदान का दिन। 21 मार्च को चैत्र मासके शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी मौसमी परिवर्तन पर संयमित जीवन शैली का आग्रह करते नव दिन और […] Read more » जल दिवस विश्व जल दिवस विश्व जल दिवस का भारतीय संयोग
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म समाज हमारे माता-पिता और परमात्मा March 21, 2015 / March 21, 2015 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on हमारे माता-पिता और परमात्मा मेरे शरीर के माता-पिता अब इस संसार में नहीं हैं। उनसे मैने देहरादून में आज से लगभग 63 वर्ष पूर्व जन्म पाया था। जन्म ही नहीं अपितु मेरा पालन व पोषण भी उन्होंने किया। माता-पिता निर्धन थे। पिता जी श्रमिक थे। माता धार्मिक गृहिणी परन्तु उन्होंने मेरा इतना अच्छा पालन किया कि आज मैं उन्हें […] Read more » हमारे माता-पिता और परमात्मा
समाज “पॉजिटिव मोटिवेशन” को जीवन का हिस्सा बनायें !!! March 20, 2015 by शिवेश प्रताप सिंह | 1 Comment on “पॉजिटिव मोटिवेशन” को जीवन का हिस्सा बनायें !!! मित्रों, अंधरे में यात्रा करने वाला अपनी यात्रा में अक्सर ही दिशाभ्रम का शिकार हो जाता है | शायद हम भी आज के इस यंत्र प्रधान युग में हर काम हम इतनी तेजी से निपटा रहे हैं फिर भी स्वयं के लिए वक़्त नहीं निकाल पा रहे हैं फिर भी अँधेरे में ही भाग रहे […] Read more » पॉजिटिव मोटिवेशन
आलोचना चिंतन जरूर पढ़ें परिचर्चा महत्वपूर्ण लेख महिला-जगत विधि-कानून समाज स्त्री-पुरुष संबंध: पूर्व और पश्चिम March 14, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 8 Comments on स्त्री-पुरुष संबंध: पूर्व और पश्चिम (एक) साहस भीड पर एक पत्थर मार कर कुछ कहना चाहता हूँ, कि रूको मेरी बात सुनो। आज, मैं तालियों के लिए नहीं लिख रहा । वैसे दुःख पर तालियाँ कैसी? एक दुःसाहस ही करता हूँ। यह मेरा अपना दृष्टिकोण है। आज ही सुन लो; कल देर हो जाएगी। एक सुशुप्त ज्वालामुखी देश में उबाल […] Read more » changing woman gender biased gender discourse gender equality live in relation relationship sexual views woman in the modern world womans world स्त्री-पुरुष संबंध: पूर्व और पश्चिम
मीडिया समाज मीडिया में नारी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता March 11, 2015 by मनोज कुमार | 3 Comments on मीडिया में नारी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मनोज कुमार मानव समाज ने स्वयं को अनुशासित रखने के लिये अधिकार और दायित्व शब्द का निर्माण किया है किन्तु यही दो शब्द वह अपनी सुविधा से उपयोग करता है. पुरुष प्रधान समाज की बात होती है तो अधिकार शब्द प्राथमिक हो जाता है और जब स्त्री की बात होती है तो दायित्व उसके लिये […] Read more » नारी की अभिव्यक्ति नारी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मीडिया में नारी की अभिव्यक्ति
समाज चिंता का विषय है कुवारों की बढ़ती संख्या March 11, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment कहते है जब सृष्टि की संरचना हुई थी तो एक ही अदृश्य शक्ति पुंज से शिव व शक्ति के दो रूप प्रकट हुए जिससे एक मर्द और दूसरा औरत का रूप सृजित हुआ ताकि वे मनुष्यजाति में वंश वृद्धि कर सके | सृष्टि रचना में दोनों की समान भागीदारी मानी गई तथा […] Read more » अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कुवारों की बढ़ती संख्या घरेलू हिंसा निरोधक दहेज़ उत्पीड़ना बलात्कार सम्बंधी कानून बेटी बचाओ
बच्चों का पन्ना समाज सार्थक पहल स्वास्थ्य-योग स्वस्थ परिवार की 10 आदतेँ February 28, 2015 / March 2, 2015 by शिवेश प्रताप सिंह आज के इस भागदौड़ के जीवन में वास्तविक जीवन से हम बहूत दूर होते जा रहे हैं | हम परिवर्तनों को नहीं रोक सकते परन्तु थोडा जागरूक होकर हम अपने परिवार में एक स्वस्थ वातावरण बना सकते हैं | स्वस्थ परिवार की दस आदतेँ अपनाकर हम बहुत अच्छा बदलाव कर सकते हैं | १. परिवार […] Read more » स्वस्थ परिवार की 10 आदतेँ
महिला-जगत समाज माँ बनने के लिए बच्चा होना काफी नही, माँ में ममता होना जरूरी February 24, 2015 by बी.आर.कौंडल | 1 Comment on माँ बनने के लिए बच्चा होना काफी नही, माँ में ममता होना जरूरी कहते हैं पुत्र कुपुत्र हो सकता है परन्तु माँ कुमाता नही होती | माँ और बच्चे का एक ऐसा रिश्ता है जो खून की डोर से बंधा है | तभी तो कहते है माता-पिता के अधिकतर गुण उनकी संतान में जन्म से आते है व जन्म लेने के उपरान्त कैसे बच्चे की […] Read more » माँ बनने के लिए बच्चा होना काफी नही माँ में ममता होना जरूरी
समाज बदलाव चाहिए, तो जनता भी बदले February 19, 2015 by अरुण तिवारी | 5 Comments on बदलाव चाहिए, तो जनता भी बदले दिल्ली जनादेश-२०१५ को किसी पार्टी के पक्ष अथवा विपक्ष में देखे जाने से ज्यादा जरूरत, जनप्रतिनिधि संस्कारों में बदलाव, बुनियादी जरूरतों की पूर्ति और आत्मसम्मान की जनाकांक्षा के व्यापक उभार के संकेत के रूप में देखे जाने की है। यह संकेत ज्यादा महत्वपूर्ण इसलिए हैं, चंूकि दिल्ली की आबादी अपने आप में भिन्न विचार, वर्ग […] Read more » तो जनता भी बदले बदलाव चाहिए
जन-जागरण समाज स्कूलों में असुरक्षित बच्चे February 17, 2015 / February 17, 2015 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में एक शिक्षक की हैवानियत से गुरु-शिष्य का पावन रिश्ता फिर तार-तार हुआ है। शिक्षक के कुकृत्य से देश-समाज स्तब्ध है और मानवता शर्मसार। समझ से बाहर है कि जब शिक्षा स्थली में ही बच्चे सुरक्षित नहीं हैं तो फिर अन्यत्र उनकी सुरक्षा पर यकीन कैसे किया […] Read more » स्कूलों में असुरक्षित बच्चे
धर्म-अध्यात्म शख्सियत समाज संत रैदास: धर्मांतरण के आदि विरोधी घर वापसी के सूत्रधार February 2, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on संत रैदास: धर्मांतरण के आदि विरोधी घर वापसी के सूत्रधार 3 फर.माघ पूर्णिमा, संत रविदास जयंती पर विशेष – लगभग सवा छः सौ वर्ष पूर्व 1398 की माघ पूर्णिमा को काशी के मड़ुआडीह ग्राम में संतोख दास और कर्मा देवी के परिवार में जन्में संत रविदास यानि संत रैदास को निस्संदेह हम भारत में धर्मांतरण के विरोध में स्वर मुखर करनें वाली और स्वधर्म में […] Read more » घर वापसी धर्मांतरण के आदि विरोधी संत रैदास