जन-जागरण टॉप स्टोरी विविधा समाज शराबियों को कौन रोकेगा? April 2, 2016 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment सुरा एवं सुंदरी दो चीजें अनादी काल से राजा-महाराजा व धनपतियों के लिए मनोरंजन का सर्वोतम साधन रहा है| मदिरा ने घनानंद जैसे शक्तिशाली राजा को भी अंपने नशे में इतना चूर कर दिया की वह सबकुछ खो बैठा| खैर ये सब तो इतिहास की ज्ञात हकीकत है की शराब पहले अहंकार को जन्म देती […] Read more » ban of alcohol in Bihar Featured बिहार में 1 अप्रैल से शराबबंदी शराबबंदी शराबियों को कौन रोकेगा
विविधा लहू पतला हो गया है March 31, 2016 by हिमांशु तिवारी आत्मीय | Leave a Comment ई ‘गोला’ पर ही कउनो ‘फिरकी’ ले रहा है जाति और धर्म पर उंगलियां उठाते हुए ई गोला पर कउनो फिरकी ले रहा है। कउनों भिड़ाने की कोशिश कर रहा है। वो किसी अउर गोला से नहीं, इसी गोला से है। अब कउन है ये आप समझो। हालांकि है आपके आस-पास ही, हुई सकत है […] Read more » communal death of Dr. Narang Death of dentist Dr. Narang death of Rohith Vemula अखलाक की हत्या लहू पतला हो गया है
जन-जागरण विविधा शिक्षा व रोटी से पहले मिले स्वच्छ पेयजल का अधिकार March 31, 2016 by निर्मल रानी | 1 Comment on शिक्षा व रोटी से पहले मिले स्वच्छ पेयजल का अधिकार निर्मल रानी हमारे देश की विभिन्न राजनैतिक दलों की सरकारें आम लोगों के अधिकारों के लिए लडने का दावा करती सुनाई देती हैं। और समय-समय पर ऐसी लोकलुभावनी योजनाओं का श्रेय लेने में भी राजनेताओं में होड़ मची नजर आती है। कभी जनता को सूचना के अधिकार मिलने की खबर सुनाई देती है तो कभी […] Read more » Featured right to get clean water मिले स्वच्छ पेयजल का अधिकार शिक्षा स्वच्छ पेयजल
पर्यावरण विविधा केरल की पम्पा और दिल्ली की यमुना March 30, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment डॅा नीलम महेंद्र तारीख 11/3/2016 से 13/3/2016 आर्ट ऑफ लिविंग के अन्तर्गत श्री श्री रवि शंकर द्वारा वर्ल्ड कलचरल फेस्टिवल अर्थात विश्व सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया गया स्थान -दिल्ली में यमुना नदी के किनारे।यह भारत के लिए गर्व का पल था जिसमें सम्पूर्ण विश्व के 155देशों के 35 लाख से ज्यादा लोगों ने भाग […] Read more » Art of Living Featured NGT केरल की पम्पा दिल्ली की यमुना
विविधा समाज सार्थक पहल पहाड़ी कोरवा की जिंदगी में नई सुबह March 30, 2016 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार यह शायद पहला मौका होगा जब पहाड़ी कोरवा आदिवासियों के जीवन में इतनी सारी खुशी उनके हिस्से में आयी है. अब से पहले तक उपेक्षा और तकलीफ के सहारे उनकी जिंदगी बसर हो रही थी. जंगलों पर निर्भर रहने वाले ये पहाड़ी कोरवा की चिंता करती तो हर सरकार दिखती लेकिन कागज पर […] Read more » Chattisgarh Raman Singh Government Featured आदिवासी बच्चियों के लिए शिक्षा का रास्ता पहाड़ी कोरवा की जिंदगी में नई सुबह
जन-जागरण विविधा निजीकरण के दौर में सरकारी स्कूल March 30, 2016 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस सरकारी स्कूल हमारे देश के सावर्जनिक शिक्षा वयवस्था की बुनियाद हैं, ये देश के सबसे वंचित व हाशिये पर पंहुचा दिए गये समुदायों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. देश की शिक्षा वयवस्था के निजीकरण और इसे मुनाफा आधारित बना डालने का मंसूबा पाले लोगों के रास्ते में भी सरकारी […] Read more » Featured government schools in the row of privatization निजीकरण के दौर में सरकारी स्कूल सरकारी स्कूलों के निजीकरण
महत्वपूर्ण लेख विविधा शब्द झरना संस्कृति का (२) March 30, 2016 by डॉ. मधुसूदन | 10 Comments on शब्द झरना संस्कृति का (२) डॉ. मधुसूदन सारांश: (९)===>गौ के सन्तान-प्रेम का आदर्श, वत्सलता में, स्थापित कर दिया। (१०)===>वत्स,वत्सा, वत्सिका, वत्सलता या वात्सल्य, वत्सला इत्यादि। (११)===>जो व्यक्ति को ऊपर ना उठाएँ, वह संस्कृति नहीं, विकृति है। (१२)===>वत्स से निर्मित शुद्ध शब्दावली (१३)===>वत्स के प्राकृत रूप: (आठ) भाषा की श्रेष्ठता: कुछ पुनरूक्ति का दोष सहकर कहता हूँ। एक ओर गौ के […] Read more » Featured वत्सा शब्द झरना संस्कृति
महत्वपूर्ण लेख विविधा एक शब्द झरना संस्कृति का (१) March 30, 2016 by डॉ. मधुसूदन | 5 Comments on एक शब्द झरना संस्कृति का (१) -डॉ. मधुसूदन सारांश: (१) ===>शब्दों के मूल ढूंढने का छंद बडा मनोहारी होता है। (२)===>गौ के, बछडे को ही वत्स कहा जाता है। (३)===>सरगम के स्वरों में भी रँभाने के स्वर को स्थान दिया है। (४)===>पाषाण-हृदयी जन अभागे हैं। (५)===>संवेदनक्षम कवि ही, इस भाव को समझ सकता है। (६)===>कितने परदेशी भाषा वैज्ञानिक इस मिठास का […] Read more » Featured एक शब्द झरना संस्कृति का भारत की संस्कृति का सत्यानाश शब्द झरना
विविधा भारत का स्वर्णिम अतीत : लार्ड मैकाले March 28, 2016 / March 28, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी भारत का अतीत स्वर्णिम रहा है। आज से 100-150 साल पहले मैकाले के समय की बात है। उससे भी लगभग 1000 साल पहले भारत के इतिहास को देखने से पता चलता है कि इसकी महत्ता और गौरव को विदेशी विद्वानों ने भी सराहा है। इस पर अनेक शोध तथा रिसर्च भी हुए […] Read more » Featured the glorius past of India भारत का स्वर्णिम अतीत लार्ड मैकाले
विविधा जब मौत ”मजहबी” होने लगे तो क्या होता है ? March 27, 2016 / March 27, 2016 by हिमांशु तिवारी आत्मीय | Leave a Comment बदलते भारत का मतलब कभी कोई आजादी की खातिर अचानक ही सक्रिय हो जाता है तो कोई हत्याओं को मजहबी चश्मे से देखने लगता है। मौत में इंसानियत की हत्या नहीं बल्कि दलित की हत्या के तौर पर सुराग जुटाए जाते हैं। आंदोलन होता है, तख्तियां बनती हैं, मरने वाले व्यक्ति के चित्र के […] Read more » Featured
विविधा लेबर कोर्ट में मनोरंजन वस्तु बना लेबर March 27, 2016 by अरूण पाण्डेय | Leave a Comment अरूण पाण्डेय क्या है गरीब, कैसे चलता है उसका जीवन , कैसे पालता है अपने बच्चों को ,जिन्हें सरकारी में बैठे अधिकारी कैसे निगल जाते है इसका ताजा उदाहरण है दिल्ली का लेबर विभाग। इन्हें बाल मजूदर काम करते नही दिखते, लडकियांे का शोषण नही दिखता और यदा कदा अगर कोई इनके पास पगार न […] Read more » Featured लेबर लेबर कोर्ट लेबर कोर्ट में मनोरंजन वस्तु बना लेबर सरकार मौन
उत्पाद समीक्षा खान-पान जन-जागरण विविधा देशी गाय बनाम विदेशी गाय March 26, 2016 by अनिल गुप्ता | Leave a Comment न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों ने १९९३ ई. में डायबिटीज (टाइप-१), ऑटो इम्यून रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी कई बीमारियों की जड़ यूरोपियन गायों का दूध होने का दावा (हाइपोथिसिस)पेश किया है!इस दूध को वे A1 दूध कहते हैं!यूरोपियन गोवंशमें से होल्सटीन, फ्रिजियन, जर्सी, स्विसब्राउन के दूध में BCM 7 जहर होने का मुद्दा उठने के बाद […] Read more » foreigner cows indian cows देशी गाय विदेशी गाय