टॉप स्टोरी विविधा बेजां हंगामा मचा रहे शिक्षामित्र September 24, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | 1 Comment on बेजां हंगामा मचा रहे शिक्षामित्र पीयूष द्विवेदी इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यूपी के १.७५ लाख शिक्षामित्रों की बतौर सहायक अध्यापक नियुक्तियां रद्द क्या कर दीं गईं कि ये शिक्षामित्र ऐसे हंगामा मचाने लगे जैसे उनके साथ कोई बड़ा अन्याय हो गया हो, जबकि वास्तविकता ये है कि इन शिक्षामित्रों में से अधिकांश शिक्षामित्र ऐसे हैं जिनकी शैक्षिक योग्यता शिक्षामित्र होने […] Read more » Featured शिक्षामित्र
मीडिया विविधा आइए बनाएं एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया September 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जन्मशती वर्ष प्रसंग ( जयंती 25 सितंबर ) संजय द्विवेदी पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वयं बहुत बड़े पत्रकार और संचारक थे। अपनी विचारधारा को पुष्ट करने के लिए पत्रों का संपादन, प्रकाशन, स्तंभलेखन, पुस्तक लेखन उनकी रूचि का विषय था। उन्होंने लिखने के साथ-साथ बोलकर भी एक प्रभावी संचारक की भूमिका का निर्वहन किया है। उनकी […] Read more » Featured आइए बनाएं एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया एकात्म मानवदर्शन एकात्म मानवदर्शन पर आधारित मीडिया मीडिया
विविधा भ्रष्टाचार का शिकार -परमवीर चक्र विजेता का परिवार September 24, 2015 by निर्मल रानी | 1 Comment on भ्रष्टाचार का शिकार -परमवीर चक्र विजेता का परिवार निर्मल रानी हमारे देश में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं यह बात किसी से छुपी नहीं है। राजनीति,न्यायपालिका,मीडिया,लाल फीता शाही आदि कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जिसे भ्रष्टाचार ने अपने शिकंजे में न ले रखा हो। भारतीय सेना जिसे भ्रष्टाचार के विषय में अपवाद समझा जाता था इस विभाग से भी भ्रष्टाचार संबंधी […] Read more » परमवीर चक्र विजेता का परिवार भ्रष्टाचार का शिकार
विविधा शख्सियत दीनदयाल उपाध्याय होने का मतलब September 24, 2015 / September 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जन्मशती वर्ष पर विशेष (जयंती 25 सितंबर) संजय द्विवेदी राजनीति में विचारों के लिए सिकुड़ती जगह के बीच पं. दीनदयाल उपाध्याय का नाम एक ज्योतिपुंज की तरह सामने आता है। अब जबकि उनकी विचारों की सरकार पूर्ण बहुमत से दिल्ली की सत्ता में स्थान पा चुकी है, तब यह जानना जरूरी हो जाता है कि […] Read more » Featured दीनदयाल उपाध्याय दीनदयाल उपाध्याय होने का मतलब
विविधा नेपाल की धर्मनिरपेक्षता पर सवालियाँ निशान September 23, 2015 / September 24, 2015 by आदर्श तिवारी | Leave a Comment विश्व का एक मात्र हिन्दू राष्ट्र नेपाल अब धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य हो गया है.तकरीबन सात साल के जद्दोजहद के बाद नेपाल में भी राजतंत्र के पतन के बाद गणतंत्र का उदय हुआ है.239 साल पुराना राजवंश 2008 में खत्म कर दिया गया था.तब से ही नेपाल को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था.नए संविधान […] Read more » Featured नेपाल की धर्मनिरपेक्षता पर सवालियाँ निशान
जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख विविधा शिक्षा-माध्यम के बदलाव का प्रबंधन September 23, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on शिक्षा-माध्यम के बदलाव का प्रबंधन डॉ. मधुसूदन (एक) क्रान्तिकारी प्रगति का मूल: शिक्षा के माध्यम का बदलाव, भारत की क्रान्तिकारी प्रगति का सशक्त मौलिक कारण मानता हूँ। यह ऐसा धुरा है, जिस पर सारे राष्ट्र की प्रगति का चक्रीय (Merry Go Round) हिण्डोला आधार रखता है, और कुशलता पूर्वक चतुराई से, प्रबंधन करनेपर, प्रचण्ड गति धारण कर सकता है; सपने […] Read more » Featured शिक्षा-माध्यम के बदलाव का प्रबंधन
कहानी विविधा शख्सियत दर्द या दवा September 22, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment पांच सितम्बर को भारत में ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। यह हमारे दूसरे राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जो एक श्रेष्ठ शिक्षक भी थे। इस दिन राष्ट्रपति महोदय देश भर के श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करते हैं। शिक्षक होने के नाते मुझे भी इसमें रुचि रहती है कि इस बार कौन-कौन सम्मानित हुआ ? […] Read more » Featured
मीडिया विविधा लोकतंत्र में पत्रकारिता September 21, 2015 / September 21, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | 1 Comment on लोकतंत्र में पत्रकारिता शैलेन्द्र चौहान स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान पत्रकारिता को एक मिशन बनाकर सहभागी के रूप में अपनाया गया था। स्वतन्त्रता के पश्चात भी पत्रकारिता को व्यावसायिकता से जोड़कर नहीं देखा गया, किन्तु वैश्वीकरण, औद्योगीकरण के इस दौर में पत्रकारिता को व्यवसाय बनाकर प्रस्तुत किया गया। इस कारण से देश के बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों में करोड़ों-अरबों की धनराशि लगाकर इसमें अपना सशक्त हस्तक्षेप करना शुरू […] Read more » Featured journalism in democracy पत्रकारिता लोकतंत्र लोकतंत्र में पत्रकारिता
विविधा ‘‘ मैं आपसे बहुत प्यार करती हॅू ’’ September 21, 2015 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | 2 Comments on ‘‘ मैं आपसे बहुत प्यार करती हॅू ’’ डा. अरविन्द कुमार सिंह आज बहुत दिनों के बाद कुछ लिखने के लियेफ् कलम उठाया तो चिन्तन के दौर से गुजर गया। क्या लिख्ूा ? जो लोगों से सुना, जो किताबों में पढा – वो अपने लेखन का विषय बनाऊ ? या फिर जो अनुभव से प्राप्त किया, उसे लेखन का विषय बनाऊ? अनुभव से […] Read more » Featured
पर्यावरण विविधा घट रहे हैं पेड़ September 20, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- वैश्विक वृक्ष गणना प्रमोद भार्गव वैश्विक-फलक पर सबसे अहम् गणना,जनगणना मानी जाती है। हालांकि पालतू-पशु,वन्य जीव और वृक्षों की गिनती भी होती रही हैं,लेकिन इन्हें जनगणना के मुकाबले अहमियत नहीं दी जाती। यही वजह रही कि विश्व स्तर पर वृक्षों की की गई गिनती के निष्कर्शों को समाचार माध्यमों ने उतना महत्व नहीं दिया,जितना […] Read more » Featured घट रहे हैं पेड़
जन-जागरण विविधा हादसे में खाक होती जिंदगी September 20, 2015 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक मध्यप्रदेश राज्य के झाबुआ जिले के पेटलावद कस्बे में रसोई गैस सिलेंडर विस्फोट के उपरांत रेस्टोरेंट की छत गिरने से 90 से अधिक लोगों की मौत और दो सौ से अधिक लोगों का घायल होना प्रमाणित करता है कि एक छोटी-सी लापरवाही किस तरह सैकड़ों लोगों की जिंदगी तबाह कर सकती है। तथ्यों […] Read more » Featured हादसे में खाक होती जिंदगी
विविधा स्वास्थ्य-योग अथर्ववेद के आलोक में आयुर्वेद विमर्श September 19, 2015 / September 19, 2015 by कृष्ण कान्त वैदिक शास्त्री | 1 Comment on अथर्ववेद के आलोक में आयुर्वेद विमर्श कृष्ण कान्त वैदिक शास्त्री शतपथ ब्राह्ममण ने यजुर्वेद के एक मंत्र की व्याख्या में प्राण को अथर्वा बताया है। इस प्रकार प्राण विद्या या जीवन-विद्या आथर्वण विद्या है।1 हमें गोपथ ब्राह्ममण से यह पता चलता है कि ब्रह्म शब्द भेषज और भिषग्वेद का बोधक है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जो अथर्वा है, […] Read more » Featured