जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख विविधा देवनगरी में रोमन कंकड July 31, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 18 Comments on देवनगरी में रोमन कंकड डॉ. मधुसूदन एक कल-कल छल-छल बहती हिन्दी की नाद मधुर लहर के बीच, कोई मूरख बेढंगे रोमन लोटे में ऊबड खाबड कंकडों को डालकर हिला हिला कर, बजा रहा हो; बस ऐसा ही अनुभव होता है; जब कोई हीन-ग्रन्थि गुलाम बडे नाटकीय पर गौरवान्वित ढंग से बीच बीच में अंग्रेज़ी कंकडों को हिन्दी की मणीमाला […] Read more » देवनगरी रोमन कंकड
विविधा शख्सियत एपीजे अब्दुल कलामः छात्रों को खुद बताई थी अपनी ईमेल आइडी…!! July 31, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on एपीजे अब्दुल कलामः छात्रों को खुद बताई थी अपनी ईमेल आइडी…!! तारकेश कुमार ओझा साधारण डाक और इंटरनेट में एक बड़ा फर्क यही है कि डाक से आई चिट्ठियों की प्राप्ति स्वीकृति या आभार व्यक्त करने के लिए भी आपको खत लिखना और उसे डाक के बक्से में डालना पड़ता है। लेकिन इंटरनेट से मिलने वाले संदेशों में इसका जवाब देने या अग्रसारित करने की […] Read more »
विविधा शख्सियत पं. लेखराम एवं वीर सावरकर के जीवन विषयक सत्य घटनाओं का प्रकाश July 31, 2015 / July 31, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्य अल्पज्ञ है इसलिये उससे अज्ञानता व अनजाने में यदा-कदा भूल व त्रुटियां होती रहती है। इतिहास में भी बहुत कुछ जो लिखा होता है, उसके लेखक सर्वज्ञ न होने से उनसे भी न चाहकर भी कुछ त्रुटियां हो ही जाती हैं। अतः इतिहास विषयक घटनाओं की भी विवेचना व छानबीन होती रहनी […] Read more » लेखराम वीर सावरकर
विविधा शख्सियत मिसाइलमैन कैसे अहिंसा के प्रति आकर्षित हुए? July 30, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध एवं बच्चों के चेहते डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे। एक सच्चा देशभक्त हमसे जुदा हो गया। देह से विदेह होने के क्षणों को भी इस महापुरुष ने कर्ममय रहते हुए बिताया। वे जन-जन के प्रेरणास्रोत थे, विजनरी थे। उन्होंने राष्ट्र को शक्तिशाली बनाने के […] Read more » मिसाइलमैन
विविधा व्यंग्य व्यंग्य बाण : जय बोलो बेइमान की July 30, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on व्यंग्य बाण : जय बोलो बेइमान की शर्मा जी ने तय कर लिया है कि चाहे जो भी हो और जैसे भी हो; पर अपने प्रिय देश भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करके ही रहेंगे। शर्मा जी छात्र जीवन में भी बड़े उग्र विचारों के थे। भाषण और निबन्ध प्रतियोगिताओं में वे भ्रष्टाचार के विरुद्ध बहुत मुखर रहते थे। कई पुरस्कार भी […] Read more » बेइमान
विविधा शख्सियत समाज तुम न जाने किस जहां में खो गए… July 30, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी अबुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम जिन्हें देश डा० एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जानता था की आकस्मिक मृत्यु ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। महात्मा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक देश के महान से महानतम नेताओं तक का विछोह हमारे देश ने देखा है। ऐसे कई नेताओं की मौत […] Read more »
विविधा भारतीय वाङ्मय में गुरु महिमा और गुरु पूर्णिमा July 29, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय संस्कृति और दर्शन की परम्परा से गृहीत भारतीय वाङ्मय में गुरु को ब्रह्म से भी अधिक महत्व प्रदान किया गया है ।गुरु को प्रेरक, प्रथम आभास देने वाला, सच्ची लौ जगाने वाला और कुशल आखेटक कहा गया है, जो अपने शिष्य को उपदेश की वाणों से बिंध कर उसमें प्रेम की […] Read more » गुरु पूर्णिमा गुरु महिमा भारतीय वाङ्मय में गुरु महिमा
जन-जागरण विविधा शख्सियत भारत के रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम July 28, 2015 by शादाब जाफर 'शादाब' | Leave a Comment विनम्र श्रद्धांजलि! चमत्कारिक प्रतिभा के धनी डॉ0 अवुल पकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम भारत के ऐसे पहले वैज्ञानिक थें, जो देश के सब से बडे पद राष्ट्रपति (11वें राष्ट्र पति के रूप में) के पद पर भी आसीन हुए। वे देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति (अन्य दो राष्ट्र पति हैं सर्वपल्लीन राधाकृष्णन और डॉ0 जा़किर […] Read more »
विविधा शख्सियत समाज पूरे देश को रुला गए कलाम July 28, 2015 / July 28, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on पूरे देश को रुला गए कलाम भारत भूमि पर पैदा हुए जाज्वल्यमान नक्षत्रों में शुमार भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आज शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं। उनके चले जाने से पूरे देश में शोक की ऐसी लहर दौड़ी कि हर कोई गमगीन दिखाई दिया। डॉ. कलाम के जाने के जाने से पूरा भारत रो दिया। उनके महानतम कार्यों […] Read more » death of Abdul Kalam कलाम
आर्थिकी विविधा अर्थव्यवस्था की मुसीबत बढ़ाता सोना July 28, 2015 by प्रमोद भार्गव | 2 Comments on अर्थव्यवस्था की मुसीबत बढ़ाता सोना प्रमोद भार्गव सोने के लगातार गिरते भाव भारतीय अर्थव्यस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोने के भाव गिरकर 25,500 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गए हैं। पिछले पांच साल में यह दर सबसे कम है। सोने के दामों में कमी के कई अंतरराष्ट्रिय कारण एक साथ बने हैं। लिहाजा सोने की मांग गिर गई है। […] Read more » अर्थव्यवस्था की मुसीबत सोना
विविधा समाज मीनाक्षी ही नहीं दिल्ली भी मरी है July 28, 2015 by अरविंद जयतिलक | 1 Comment on मीनाक्षी ही नहीं दिल्ली भी मरी है अरविंद जयतिलक समझा जा रहा था कि देश में महिला अत्याचार विरोधी निर्भया कानून लागू होने के बाद दिन के उजाले और रात के अंधेरे में बेटियां महफूज रहेंगी। शासन-प्रशासन की सक्रियता बढ़ेगी और समाजद्रोहियों का हौसला पस्त होगा। लेकिन जिस तरह देश की राजधानी दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में हत्यारों ने बीच सड़क […] Read more » मीनाक्षी
विविधा बैठता जा रहा है बारिश को लेकर लोगों में डर July 27, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” पूर्णतः मानसून पर निर्भर हमारे देश भारत में वर्षा अर्थात बारिश को सदैव से ही ईश्वर की वरदान के रूप में देखा जाता रहा है, परन्तु अब बारिश के बाद शहरों व गांवों में जो हालात पैदा होने लगे हैं उससे यह वरदान अभिशाप साबित होने लगा है और बारिश होने के […] Read more »