जन-जागरण विविधा खल्क खुदा का, जैव विविधता इंसानी शिकंजे में May 22, 2015 / May 23, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर विशेष- -अरुण तिवारी- पहले मैं दिल्ली के जिस मकान में रहता था, वह मकान छोटा था, लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था। क्योंकि वह मकान नहीं, घर था। उसमें चींटी से लेकर चिड़िया तक सभी के रहने की जगह थी। अब मकान थोड़ा बड़ा हो गया है। अब इसमें इंसान के अलावा […] Read more » Featured खल्क खुदा काः जैव विविधता इंसानी शिकंजे में जैव विविधता
परिचर्चा विविधा समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न May 21, 2015 by निर्मल रानी | 2 Comments on समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न -निर्मल रानी- हमारे देश की सामाजिक न्याय व्यवस्था भी क्या अजीबो-गरीब है कि यहां गंदगी फैलाने वालों को तो उच्च जाति का समझा जाता है जबकि उनके द्वारा फैलाई जाने वाली गंदगी को साफ करने वाले को नीच अथवा दलित जाति का समझा जाता है। धर्मशास्त्रों में सदियों से दुष्प्रचारित की गई इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था […] Read more » Featured दलित दलित उत्पीड़न समाज का नासूर: दलित उत्पीड़न
विविधा समलैंगिक विवाहः आधुनिक सभ्यता का सर्वाधिक असभ्य रूप May 19, 2015 / May 21, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on समलैंगिक विवाहः आधुनिक सभ्यता का सर्वाधिक असभ्य रूप -डॉ. कौशलेन्द्र मिश्र- अप्राकृतिक मैथुन के वशीभूत हो जब एक कामी पुरुष दूसरे कामी पुरुष से विवाह करके अपने छद्म गृहस्थ्य जीवन में प्रवेश करने का उत्सव मनाने लगे तो एक व्यक्तिगत अनैतिक कृत्य सामाजिक अनैतिक कृत्य के अपराध में रूपांतरित होने लगता है, और ऐसा कृत्य यदि किसी प्रधानमंत्री द्वारा किया जाय तो निश्चित […] Read more » Featured समलैंगिक समलैङ्गिक विवाह समलैङ्गिक विवाह – आधुनिक सभ्यता का सर्वाधिक असभ्य रूप
विविधा साध्वी को लेकर हिटलरशाही रवैया May 19, 2015 / May 19, 2015 by विनोद कुमार सर्वोदय | 1 Comment on साध्वी को लेकर हिटलरशाही रवैया -विनोद कुमार सर्वोदय- सुदर्शन चैनल ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर हो रहे सरकारी अत्याचारों का जो दर्दनाक रहस्य उजागर किया है उसने देश क्या संपूर्ण दुनिया को भी झकझोर दिया है । सुदर्शन चैनल इसके लिए बधाई का पात्र है ,जबकी उससे अधिक सामर्थ वाले सैकड़ों इलेक्ट्रॉनिक चैनल व हज़ारों पत्र पत्रिकाएं भरे हुए हैं, […] Read more » Featured प्रज्ञा ठाकुर प्रज्ञा पर अत्याचार साध्वी साध्वी को लेकर हिटलरशाही रवैया
विविधा मरना कठिन है, पर जीवित रहना उससे अधिक कठिन होता है May 19, 2015 by गंगानन्द झा | 4 Comments on मरना कठिन है, पर जीवित रहना उससे अधिक कठिन होता है -प्रो. गंगानन्द झा- मूल्य-बोध धारण किए रहने वालों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती रहती है, इसलिए उनका जीना और भी अधिक कठिन हो जाया करता है। हमारे पिता के जीवन में कठिनाइयों का अभाव कभी भी नहीं रहा ; मरना भी सहज और यन्त्रणा-रहित नहीं रहा । कठिनाइयाँ तो औसत आदमी के जीवन में […] Read more » Featured जिंदगी जीवन मरना कठिन है पर जीवित रहना उससे अधिक कठिन होता है
विविधा सरस्वतीः भूगर्भ में अंगड़ाई लेती नदी May 16, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on सरस्वतीः भूगर्भ में अंगड़ाई लेती नदी -प्रमोद भार्गव- वैदिक कालीन नदी सरस्वती के अस्तित्व और उसकी भूगर्भ में अंगड़ाई ले रही जलधारा को लेकर भूगर्भशास्त्री, पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकारों में लंबे समय से मतभेद बना है। यह मतभेद सैटेलाइट मैंपिग के बावजूद कायम रहा। यहां तक कि 6 दिसंबर 2004 को भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री ने संसद में […] Read more » Featured नदी सरस्वतीः भूगर्भ में अंगड़ाई लेती नदी
विविधा बॉस्टन, मॅसॅच्युसेट्स, अमरिका में “हिन्दू परम्परा दिवस” की घोषणा May 16, 2015 / May 16, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 3 Comments on बॉस्टन, मॅसॅच्युसेट्स, अमरिका में “हिन्दू परम्परा दिवस” की घोषणा –डॉ. मधुसूदन– (एक) मॅसॅच्युसेट्स के महामहिम राज्यपाल श्री. चार्ल्स डी. बेकर ने, १६ मई २०१५ का दिन, *हिन्दू परम्परा दिवस* घोषित कर, हमारी *॥कृण्वन्तो विश्वं आर्यं॥* की परम्परा को गौरवान्वित किया है। इस गौरव के प्रशस्ति पत्र का अनुवाद नीचे प्रस्तुत करने में लेखक गौरव अनुभव करता है। (दो) घोषणा पत्र का हिन्दी अनुवाद। ——————————————————————————————————- […] Read more » Featured अमरिका में "हिन्दू परम्परा दिवस" की घोषणा बॉस्टन मॅसॅच्युसेट्स हिन्दू परम्परा दिवस
विविधा संस्कृतियों को बचाने के लिए संयुक्त परिवार जरूरी May 16, 2015 by आदर्श तिवारी | 1 Comment on संस्कृतियों को बचाने के लिए संयुक्त परिवार जरूरी –आदर्श तिवारी- महान समाजशास्त्री लूसी मेयर ने परिवार को परिभाषित करते हुए बताया कि परिवार गृहस्थ्य समूह है. जिसमें माता –पिता और संतान साथ –साथ रहते है. इसके मूल रूप में दम्पति और उसकी संतान रहती है. मगर ये विडंबना ही है कि, आज के इस परिवेश में दम्पति तो साथ रह रहें, लेकिन इस […] Read more » Featured परिवार संयुक्त परिवार संस्कृति संस्कृतियों को बचाने के लिए संयुक्त परिवार जरूरी
जरूर पढ़ें विविधा शिया समाज का संकट May 16, 2015 / May 16, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on शिया समाज का संकट -डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री- पिछले दिनों कराची में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एक बस रोक कर उसमें सवार लोगों की निर्मम हत्या कर दी । उनका दोष केवल इतना था कि वे शिया सम्प्रदाय को मानने वाले लोग थे । बस में बैठे बच्चों तक को नहीं बख़्शा गया । पाकिस्तान में यह अपने क़िस्म की […] Read more » Featured इस्लाम शिया शिया समाज शिया समाज का संकट
कला-संस्कृति विविधा समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह May 16, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- मानव की शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक उन्नति के लिए जन्म से मृत्युपर्यन्त भिन्न-भिन्न समय पर अलग-अलग संस्कारों की व्यवस्था प्राचीन ऋषि-मुनियों ने की है। मानव-जीवन की उन्नति मेंं विशिष्ट महत्व रखने वाली सोलह संस्कारों में से एक तेरहवाँ और अतिमहत्वपूर्ण संस्कार विवाह है। विवाह एक धार्मिक संस्कार है, जो धर्म की रक्षा करता […] Read more » Featured विवाह समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह सामाजिक रीति
धर्म-अध्यात्म विविधा सृष्टि में मनुष्य जन्म क्यों होता आ रहा है ? May 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- हम संसार में जन्में हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला प्राणी है। संसार में अनेक प्राणी हैं परन्तु मनन करने वाला प्राणी केवल मनुष्य ही है। मनुष्य का जन्म-माता व पिता से होता है। यह दोनों मनुष्य के जन्म में मुख्य कारण वा […] Read more » Featured पुनर्जन्म ब्रह्मांड मनुष्य का जन्म सृष्टि सृष्टि में मनुष्य जन्म क्यों होता आ रहा है ?
महत्वपूर्ण लेख विविधा हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान May 14, 2015 / May 14, 2015 by निर्मल रानी | 1 Comment on हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान –निर्मल रानी– प्रकृति हालांकि अपने समस्त प्राणियों में लिंग के आधार पर संतुलन बनाए रखती है। परंतु मानव जाति ने अपनी बुद्धि तथा ‘ज्ञान’ का प्रयोग कर इस संतुलन को बिगाड़ने का काम किया है। परिणामस्वरूप भारत जैसे देशों में होने वाली कन्या भ्रुण हत्या के चलते लिंगानुपात में परिवर्तन होने लगा है। और देश […] Read more » Featured बेटी लड़का लड़की सर्वशिक्षा हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान