विविधा मणिपुर की स्थिति से उदासीन भारत सरकार July 6, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 4 Comments on मणिपुर की स्थिति से उदासीन भारत सरकार -डॉ0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री मणिपुर में ज्यादातर मैतेयी लोग रहते हैं। मैतेयी वैष्णव सम्प्रदाय के उपासक हैं। वैष्णव में भी वे कृष्ण भगत है। मणिपुर के साथ ही नागालैंड लगता है। मणिपुर में प्रवेष का रास्ता इसी नागालैंड से होकर जाता है। राष्ट्र्ीय राज मार्ग 39 जिसे इम्फाल-दीमापुर राजमार्ग कहा जाता है एक प्रकार से […] Read more » Manipur मणिपुर
विविधा कमरतोड़ महंगाई के मध्य राष्ट्रमंडल खेल July 6, 2010 / December 23, 2011 by तनवीर जाफरी | 2 Comments on कमरतोड़ महंगाई के मध्य राष्ट्रमंडल खेल -तनवीर जाफरी मात्र तीन महीने के बाद अर्थात् आगामी अक्टूबर माह में राजधानी दिल्ली में आयोजित होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों जैसे ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन के बाद भारत विश्व के उन समृध्द,संपन्न तथा इस प्रकार के किसी बड़े आयोजन को करवा सकने वाले दुनिया के कुछ महत्वपूर्ण देशों में गिना जाने लगेगा। खबर है कि […] Read more » Inflation महंगाई
विविधा गोहिंसा के विरुद्ध एक गीतात्मक-प्रतिवाद.. July 6, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 8 Comments on गोहिंसा के विरुद्ध एक गीतात्मक-प्रतिवाद.. अबला गैया हाय तुम्हारी है यह दुखद कहानी.. गिरीश पंकज आलेख के साथ गीत. यानी ”गीतालेख”. गाय की व्यथा-कथा लिखना मुझ जैसे कुछ दीवाने किस्मके लेखकों का शगल भी कहा जासकता है, मैं यहाँ साफ़ कर देनाचाहता हूँ कि मैं कट्टर हिन्दू नहीं हूँ. एक नागरिक हूँ बस. संयोगवश हिन्दू हूँ. गाय का सवाल हिन्दुओं […] Read more » Cow गोहत्या
विविधा बुंदेलों की सरज़मी की बदकिस्मती के लिए जिम्मेदार कौन? July 6, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on बुंदेलों की सरज़मी की बदकिस्मती के लिए जिम्मेदार कौन? – अखिलेश आर्येन्दु ”बुंदेलों हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।” जिन बुंदेलों की वीरगाथाओं की कहानियां, दंत कथाएं और गाथाएं देश में ही नही विदेशों में भी बड़े चाव से सुनी जाती हैं, उन बुंदेलों के इलाके में आज चारों तरफ हाहाकार मचा है। महज […] Read more » Budelkhand बुंदेलखंड
विविधा इंडिया क्लब में एंडरसन July 5, 2010 / December 23, 2011 by आशुतोष | 3 Comments on इंडिया क्लब में एंडरसन – आशुतोष वॉरेन एंडरसन। गोरी चमड़ी और भूरी आंखों वाला अमेरिकी बूढ़ा। उम्र 89 वर्ष। 2-3 दिसम्बर 1984 की रात को गैस रिसाव ने भोपाल में जिस त्रासदी को जन्म दिया उसकी गुनहगार अमेरिकी यूनियन कार्बाइड कंपनी का तत्कालीन चेयरमैन। राज्य की तत्कालीन अर्जुन सिंह सरकार ने जिसे औपचारिक गिरफ्तारी के बाद अपने सरकारी विमान […] Read more » Bhopal Gas Tragedy भोपाल गैस कांड वारेन एंडरसन
विविधा राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव July 5, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव -डॉ. परशुराम गुप्त 1001 ई0 से लेकर 1025 ई0 तक महमूद गजनवी ने भारतवर्ष को लूटने की दृष्टि से 17 बार आक्रमण किया तथा मथुरा, थानेसर, कन्नौज व सोमनाथ के अति समृद्ध मंदिरों को लूटने में सफल रहा। सोमनाथ की लड़ाई में उसके साथ उसके भान्जे सैयद सालार मसूद गाजी ने भी भाग लिया था। […] Read more » National सुहेलदेव
विविधा अमरनाथ यात्रा रोकने की साजिश July 3, 2010 / December 23, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 2 Comments on अमरनाथ यात्रा रोकने की साजिश -डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारतीय लोकत्रांतिक शासन व्यवस्था में इस देश के संविधान ने पंथनिरपेक्षता को आत्मसात किया है। सर्वधर्म सम्भाव भारतीय संविधान की आत्मा कही जाए तो कोई अतिशोक्ति नहीं होगी, लेकिन जिस प्रकार भारत में अलगाववादी तत्व इस पंथ निरपेक्षता के सिद्धांत को कमजोर कर तोडने में लगे हैं, यह जरूर आज चिन्ता का […] Read more » Amarnath Yatra अमरनाथ यात्रा
विविधा बहादुर सेना, कमजोर सरकार और बेबस लोग! July 3, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 3 Comments on बहादुर सेना, कमजोर सरकार और बेबस लोग! देशतोड़क राजनीति से सावधान होने की जरूरत – संजय द्विवेदी दिल्ली में क्या इससे कमजोर सरकार कभी आएगी ? कमजोर इसलिए क्योंकि इस सरकार के लिए देश के सम्मान, देश की जनता के जान-माल और हमारे सेना-सुरक्षा बलों की जान की कोई कीमत नहीं है। हो सकता है कि हालात इससे भी बुरे हों। किंतु […] Read more » UPA यूपीए सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा
विविधा महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन July 3, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 2 Comments on महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी महात्मा गांधी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के पितामह थे। यदि उनको अपने समय का अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, दार्शनिक, वैद्य, शिक्षाविद, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, कानूनविद्, साहित्यकार, सौदर्यशास्त्री, संत, संयासी कहा जाय तो उसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अर्थात् वे सबकुछ थे। जब हम संपूर्ण गांधी वाङगमय में गांधी के विचारों मे गोता […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा अलगाव का एहसास और निजी ईमानदारी July 3, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on अलगाव का एहसास और निजी ईमानदारी -हरिकृष्ण निगम आज कभी-कभी लगता है कि भावनाओं के लोक में विचरण करने वाले ही सुखी हैं। यथार्थ की कड़वाहट, जीवन के संघर्ष और मन के मुताबिक कुछ न कुछ होने से हम सब हतास होते रहते हैं। अत्तिशय महत्वाकांक्षी और असंतुष्ट साथी या जो बहुत संवेदनशील है, हर दम लोकलाज की बात करते हैं […] Read more » Integrity ईमानदारी
विविधा मूल्यपरक जीवन का अभाव July 3, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – राजीव मिश्र आज जिंदगी समस्याओं से संकुल बन रही है, क्योंकि भौतिकता प्रधान एवं अध्यात्मिकता गौण हो रही है। आवेश, उत्तेजना एवं चंचलता से जीवन की धारा बदल गई है, इसलिए मन में अशांति बढ़ रही है। इसी कारण सृजन की नवीन दिशाओं का उद्धाटन नहीं हो पा रहा है। साधारणतः हम कार्य तनाव […] Read more » life मूल्यपरक जीवन
विविधा उत्तर आधुनिक आंदोलन क्यों असरहीन हो जाते हैं July 2, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on उत्तर आधुनिक आंदोलन क्यों असरहीन हो जाते हैं -जगदीश्वर चतुर्वेदी यह आयरनी है कि जिस आंदोलन के लिए लोग पागलपन की हद तक दीवाने थे, गलियों-मुहल्लों में वैचारिक मुठभेड़ें हो रही थीं और चारों ओर लग रहा था कि यह आंदोलन मूलगामी परिवर्तनों का वाहक बनेगा। एक अवधि के बाद पाते हैं कि वही आंदोलन और उससे जुड़ा विचार गायब है.मेरा संकेत रामजन्मभूमि-बाबरी […] Read more » Movement उत्तर आधुनिक आंदोलन