Category: विविधा

विविधा

भारत के आखिरी गांव माणा में प्रधानमंत्री की दिवाली

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गणेश जब महाभारत लिख रहे थे तो सरस्वती बड़ा शोर करते हुए बह रही थी। गणेश ने उससे शोर कम करने को कहा लेकिन सरस्वती नहीं मानी। इससे क्रोधित होकर गणेश ने सरस्वती को विलुप्त होने का श्राप दे दिया था। इस तरह से यह नदी अपने उदगम से कुछ मीटर बहने के बाद ही विलुप्त हो जाती है लेकिन आज भी भीमपुल के पास वह पूरी गर्जना के साथ बहती है। कहा जाता है कि यह नदी आगे जाकर प्रयाग में गंगा और यमुना से मिलती है लेकिन वहां पर भी यह दिखती नहीं है। भीमपुल में संभलकर चलें तो बेहतर है क्योंकि इस पुल से नीचे गिरने का मतलब जान से हाथ धोना है।

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कला-संस्कृति विविधा

इस दीवाली को वास्तु अनुसार कैसे बनाये लाभकारी—

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घर के दरवाजे पर मां लक्ष्मी के पैर का चिन्ह जरूर लगाने चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पैर की दिशा अंदर की तरफ होनी चाहिए। घर के दरवाजे पर चांदी का स्वस्तिक लगाना बेहद शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार इससे घर में बीमारी नहीं आती। ---- पानी में नमक मिलाइये और इसे पूरे घर के कोने-कोने में छिड़किये। वास्तु के हिसाब से नमक घर की बुरी ऊर्जा को सोख लेता है। --- घर में उत्तर दिशा को कुबेर स्थान बोला जाता है। सुनिश्चित करें कि माता लक्ष्मी की मूर्ति यही पर रखी जाए और गणेश जी की मूर्ति उनके दाहिने साइड में हो। इसके अलावा मूर्तियों को लाल रंग के कपडे़ में सजाइये।

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एयर इंडिया की पत्रिका शुभयात्रा में जगन्नाथ मंदिर पर लिखे लेख में मांसाहार के उल्लेख पर एयर इंडिया की माफी

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द्दा यह बनता है कि जो मंदिर प्रसाद की पवित्रता को लेकर इतना संजीदा माना जाता है, उसके लिए इस तरह के शब्द लिख पाना त्रुटिवश नहीं लगते। दूसरा प्रश्न यह भी उठता है कि जब कभी भी इस तरह के धार्मिक संवेदनाओं से जुड़े लेख लिखे जाते हैं, तब विशेषरुप से लेख के प्रकाशन के पूर्व प्रूफरीडिंग सावधानीपूर्वक की जाती है और जिस पर शुभयात्रा जैसी पत्रिका में इस तरह की गलती का होना एक बहुत बड़ी लापरवाही की श्रेणी में आता है।

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विविधा

आज की आवश्यकता है एकात्म मानवदर्शन

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जिस समय न केवल दुनिया में बल्कि भारत में भी इन विचारधाराओं का वर्चस्व था, खासकर साम्यवादी विचारधारा का, तब संघ के द्वितीय संघचालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह प्रकृति के अनुकूल विचारदर्शन प्रस्तुत करें। इसके बाद ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानवदर्शन जैसा सम्पूर्ण विचारदर्शन दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। एकात्म मानवदर्शन में परस्पर निर्भरता की बात कही गई। सबको एक-दूसरे के साथ एकात्म मानकर विचार किया गया।

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विविधा

मानव तस्‍करी से मुक्‍ति के लिए केंद्र के प्रयास

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इन दिनों जिस तरह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मानव तस्करी रोधी विधेयक के मसौदे को कैबिनेट के पास भेजा है। उसे देखते हुए यह कहने में कोई संकोच नहीं कि भारत सरकार इस विषय और इससे जुड़े अपराध को जड़ से समाप्त करने के लिए संकल्पित हो उठी है। संसद में इस बिल पर मोहर लग जाने के बाद उम्मीद यही की जा सकती है कि इसके सख्त कानून के दायरे में आने से अपराधियों में भय व्याप्त होगा और वे छोटी-मोटी सजा के बजाय लम्बी एवं जीवनभर की सजा पाने के भय से इस अपराध से दूर रहेंगे।

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