राजनीति आस्था को आहत करती विद्वेष की राजनीति June 6, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी स्वतंत्रता मिलने के बाद भारत की राजनीति का वास्तविक स्वरुप क्या होना चाहिए? इस बात का अध्ययन करने से जो स्थिति सामने आती है, उससे वर्तमान स्थिति पूरी तरह से भिन्न दिखाई दे रही है। आज की राजनीति को देखकर ऐसा लगता है कि देश के महापुरुषों ने आजादी के बाद जैसे भारत […] Read more » Featured केरल केरल में कांगे्रस नेताओं द्वारा दी गई बीफ पार्टी केरल में बीफ पार्टी बीफ पार्टी
राजनीति बाबरी ढांचा का गिरना साजिश कैसे हो गया ? June 6, 2017 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment 1992 विवादित ढंचे के भस्मिभूत हो जाने के बाद जिस तरह का फैसला इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को सुनाया था, उसमें भी विवादित स्थल के दो हिस्से निर्मोही अखाड़ा और रामलला के ‘मित्र’ को दिए गए और एक हिस्सा मुसलमानों को, दिया गया था जिनका प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश का सुन्नी सेंट्रल बोर्ड करता है। जब हाईकोर्ट के इस फैसले में यह माना गया है कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार मस्जिद के गुंबद के नीचे की जगह रामलला की जन्मस्थली है, इसलिए वह हिंदुओं को मिलनी चाहिए। एक बड़ा प्रश्न यह भी है कि अयोध्या के जिस स्थान को भारत की बहुसंख्यक जनता अपने आराध्य श्रीराम का जन्म स्थल मानती है, वहां उनका भव्य मंदिर नहीं होगा तो कहां होगा ? Read more » demolish of babri structure Featured बाबरी ढांचा बाबरी ढांचा का गिरना
विविधा विरोध का गिरता स्तर गोवध June 6, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment क्यों अन्य पशुओं जैसे भैंस बकरी ऊँटनी के दूध में मातृत्व के पूरक अंश नहीं पाए जाते? क्या गाय के अलावा किसी अन्य जीव के मल मूत्र में औषधीय गुण पाए जाते हैं? जब ईश्वर ने स्वयं गाय का सृजन मनुष्य का पालन करने योग्य गुणों के साथ किया है और आधुनिक विज्ञान भी इन तथ्यों को स्वीकार कर चुका है तो फिर वह गाय जो जीते जी उसे पोषित करती है तो क्यों हम उसे माँ का दर्जा नहीं दे पा रहे ? राजिस्थान हाई कोर्ट की सलाहानुसार अपने पड़ोसी देश नेपाल की तरह क्यों नहीं हम भी गाय को अपना राष्ट्रीय पशु घोषित कर देते उसे मारकर उसके ही माँस से पोषण प्राप्त करने की मांग कहाँ तक उचित है? Read more » Featured गोवध
विविधा कल्याणकारी योजनाओं में आधार का पेंच June 6, 2017 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस 2007 में शुरू की गई मिड डे मील भारत की सबसे सफल सामाजिक नीतियों में से एक है, जिससे होने वाले लाभों को हम स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बाल पोषण के रूप में देख सकते हैं. आज मिड डे मील स्कीम के तहत देश में 12 लाख स्कूलों के 12 करोड़ बच्चों को […] Read more » Featured आधार आधार की अनिवार्यता मिड डे मील
राजनीति कांग्रेस का एक ही गलती को बार-बार दोहराना ? June 5, 2017 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment कांग्रेस की नई राजनीतिक अलोचना की शुरूआत यहीं से होती है। जब भाजपा एवं अन्य राजनीतिक-सामाजिक संगठनों ने इस विषय को लेकर कांग्रेस को घेरा तो उसने सफाई दी कि यह प्रिंट की गलती है। क्या कांग्रेस जैसी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी से यह अपेक्षा की जा सकती है कि वह इस प्रकार की गलतियां करने की गुंजाइश अपने यहां रखे, जबकि उसे पता है कि उसके एक नेता पं. नेहरू की गलती जम्मू-कश्मीर मामले पर इतनी भारी पड़ी है कि देश आजतक उसे भुगत रहा है। Read more » Congress and kashmir Featured कांग्रेस
समाज सार्थक पहल मुचकुंद दूबे के लालन शाह June 5, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment प्रो. मुचकुंद दूबे ने हिंदी में वह काम कर दिखाया है, जो रवीन्द्रनाथ टैगोर ने लालन शाह फकीर के लिए बांग्ला में किया था। लालन शाह एक बाउल संत थे, जिनका जन्म 1774 में हुआ माना जाता है और निधन 1890 में याने उन्होंने 116 साल की उम्र पाई। आज बांग्लादेश के घर-घर में उनके […] Read more » Featured Hindi Translation of Bengali Songs of Lalan Shah Fakir Muchkund Dubey Shri Pranab Mukherjee receiving a copy of the book of Hindi Translation of Bengali Songs of Lalan Shah Fakir by Prof. Muchkund Dubey and a DVD of the Songs The President मुचकुंद दूबे लालन शाह
विविधा भ्रष्टाचार विरोध यानी मौत को दावत? June 5, 2017 / June 5, 2017 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री हम भारतवासियों के दोहरे चरित्र को उजागर करने वाली यह कहावत पूरे देश में बेहद प्रचलित है कि-‘सौ में से नब्बे बेईमान फिर भी मेरा भारत महान? पूर्व जस्टिस मार्केंडय काटजू तो देश की उस न्याययिक व्यवस्था पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं जिसपर हमारा देश काफी हद तक भरोसा करता […] Read more » anurag Tiwari dead in suspicious conditions death of Anurag Tiwari Featured अनुराग तिवारी आईएएस माफिया कर्नाट्क कर्नाट्क में आईएएस माफिया
समाज धार्मिक आस्था पर आघात की घृणित राजनीति June 5, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment भारतीय संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करके भूमि पुत्र बहुसंख्यक हिंदुओं की आस्थाओं पर निरंतर प्रहार करते रहने की मुगलकालीन परंपरा अभी जीवित है। आज केंद्र में राष्ट्रवादी भाजपानीत राजग सरकार के सशक्त शासन में भी देशद्रोहियों व भारतविरोधियों के षड्यंत्रो पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यह कितना विचित्र है कि जिस “कांग्रेस” ने आरंभ […] Read more » Featured कत्लगाह गाय गाय को "राष्ट्रीय पशु" धार्मिक आस्था बूचड़खाने बैल व बछड़े स्लाटर हाउस
विविधा उत्सव मनायें या रुदन गायें ? June 5, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment चार जून – गंगा दशहरा 2017 अरुण तिवारी कहते हैं कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी जब बोलते हैं, तो उनकी बोली में संकल्प दिखाई देता है। गंगा को लेकर कहे उनके शब्दों को सामने रखें। स्वयं से सवाल पूछें कि गंगा को लेकर यह बात कितनी सत्य है ? गौर कीजिए कि मोदी जी ने […] Read more » Featured गंगा गंगा दशहरा गंगा बेसिन मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा
पर्यावरण विविधा विश्व में विकास की अंधी दौड़ से प्रकृति बढ रही विनाश की ओर June 5, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment आज विवाह, जन्मदिन, पार्टी और अन्य ऐसे समारोहों पर उपहार स्वरूप पौधों को देने की परंपरा शुरू की जाए। फिर चाहे वो पौधा, तुलसी का हो या गुलाब का, नीम का हो या गेंदे का। इससे कम से कम लोगों में पेड पौधों के प्रति एक लगाव की शुरूआत तो होगी। और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी और ईको फ्रेंडली फैशन की भी शुरुआत होगी। Read more » Featured world environment day विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून
विविधा क्या कश्मीर के पत्थर बाजों का असर भोपाल में भी दिखने लगा है ? June 3, 2017 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी कश्मीर सुलग रहा है, सरकार के लाख शांति और सद्भाव के प्रयासों के बाद भी घाटी में ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं जो हाथों में बंदूक, पत्थर या अन्य हथियार उठाकर भारतीय सेना को और उस प्रशासन को मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं, जो उन्हें अब तक आई हर प्राकृतिक […] Read more » Featured stonepelters in bhopal पत्थर बाजों का असर भोपाल में भोपाल
राजनीति पत्थरबाजो! भारत छोड़ो,’ भाग-2 June 3, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा ‘भारत हजारों वर्षों की पराधीनता एक औपनिवेशिक भ्रमजाल’ में बड़े शोधपूर्ण ढंग से हमें बताया गया है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर मुस्लिम और ब्रिटिश शासन की अवधि कितने समय तक रही? इस सारणी को देखकर हमें पता चलता है कि भारत के हिंदू […] Read more » Featured stone pelters leave India पत्थरबाजो! भारत छोड़ो