शख्सियत साहित्य तस्लीमा नसरीन को १६ वीं सदी छोड़कर २१ वीं में आ जाना चाहिए ! October 23, 2015 by श्रीराम तिवारी | 3 Comments on तस्लीमा नसरीन को १६ वीं सदी छोड़कर २१ वीं में आ जाना चाहिए ! यद्द्पि तस्लीमा नसरीन अपने मादरे -वतन ‘बांग्ला देश ‘ में वहाँ के अल्पसंख्यक हिन्दुओं -ईसाइयों के सामूहिक कत्लेआम की गवाह रहीं हैं।उन्होंने नस्लीय और मजहबी उन्मादियों के हिंसक हमलों को भी अनेक बार भुगता है।ऐंसा लगता है की उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में हिन्दुओं की दुर्दशा को बहुत नजदीकी से देखा है। इसीलिये नियति ने उन्हें […] Read more » Featured Tasleema Nasrin तस्लीमा नसरीन
टेक्नोलॉजी समाज डिजिटल इंडिया की डगर October 23, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment शुभम श्रीवास्तव मानव सभ्यताओं के लाखों वर्षों से चले आ रहे क्रम में आज हम एक ऐसे मुहाने पर आ कर खड़े हो गए है जहाँ से भौतिकी दुनिया के विकास से इतर हम एक ऐसी आभासी दुनिया में पाँव जमाने जा रहे हैं जो आने वाले समय के लिहाज़ से एक क्रांतिकारी कदम साबित […] Read more » Featured डिजिटल इंडिया डिजिटल इंडिया की डगर
टेक्नोलॉजी समाज जंगल मे मोर नाचा तो किसने देखा?? October 23, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment पंकज कसरादे विदेश नीति के रंग डिजिटल इंडिया ,मेक इन इंडिया,स्किल इंडिया में हम इतने सराबोर हो चुके है कि हमारे आंतरिकता में स्थित देश की पहचान जो गाँवो से है , किसानो से है ,खेतो से है ,जंगलो से है ,मज़दूरों से है उसे लगभग भूल चुके है। यह पहल सही है की विदेश […] Read more » Featured जंगल मे मोर नाचा
खेत-खलिहान विविधा दाल की महंगाई में फंसी केंद्र सरकार October 23, 2015 by पियूष द्विवेदी 'भारत' | Leave a Comment पीयूष द्विवेदी कहावत है कि घर की मुर्गी दाल बराबर; लेकिन इन दिनों दाल की कीमतें जिस तरह से आसमान छू रही हैं, उसने इस कहावत को मजाक बना दिया है। आलम यह है कि अब दाल मुर्गे यानी नॉन वेज से ज्यादा महँगी हो गयी है। मुर्गा जहाँ १५० से १८० रूपये किग्रा के […] Read more » Featured केंद्र सरकार दाल की महंगाई दाल की महंगाई में फंसी केंद्र सरकार
राजनीति आप तो ऐसे न थे मुनव्वर राणा October 21, 2015 by अनुज अग्रवाल | 4 Comments on आप तो ऐसे न थे मुनव्वर राणा ” दंगे का समय था | मुल्क में हवा भी डर कर बह रही थी | पर मेरा दरवाजा सुबह ४ बजे खुलता है | किसी ने मुझसे कहा कि आजकल मुल्क का माहौल ठीक नहीं है | आप अपने घर का दरवाजा बंद रखा कीजिये | मैंने जबाब दिया “आप चिंता मत कीजिये जनाब […] Read more » Featured आप तो ऐसे न थे मुनव्वर राणा मुनव्वर राणा
जन-जागरण विविधा साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना ठीक नहीं October 21, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना ठीक नहीं सुरेश हिन्दुस्थानी हमारी भारतभूमि ने अनेक प्रेरणादायी साहित्यकारों को जन्म दिया है। विश्व के अनेक देश साहित्य की गहराई में उतरने के लिए भारत की तरफ मुखातिब होते हैं। वास्तव में भारत साहित्य की जननी है। लेकिन वर्तमान में साहित्य को विकृत रूप देने वाले साहित्यकार अपनी स्वयं की प्रतिभा पर ही बहुत बड़ा सवाल […] Read more » Featured साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना ठीक नहीं
विविधा यादव सिंह की चहेती फर्मों का नया ठिकाना एलडीए ! October 21, 2015 by प्रणय विक्रम सिंह | 2 Comments on यादव सिंह की चहेती फर्मों का नया ठिकाना एलडीए ! प्रणय विक्रम सिंह अदब का शहर लखनऊ अब भ्रष्टाचार के राष्ट्रीय हस्ताक्षर बन चुके यादव सिंह की चहेती कंपनियों का ठिकाना बनने जा रहा है। बात यहां तक होती तो शायद इतना बड़ा सवाल न खड़ा होता किंतु चर्चा तो यह है कि सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अति महत्वाकांक्षी योजना चक गजरिया आईटी […] Read more » Featured एलडीए
महत्वपूर्ण लेख समाज संघ के 90 वर्षों का सफर और सेवा कार्य October 21, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment 1925 को विजयादशमी के पावन पर्व पर डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ रूपी जिस बीज का रोपण किया था, वह अब वट वृक्ष बन चुका है। 90 वर्षों की अपनी यात्रा में संघ; उपेक्षा और विरोध की स्थितियों को पार कर अब क्रमशः स्वीकार्यता की ओर बढ़ रहा है। सामान्य समाज, संघ के संबंध […] Read more » Featured RSS Sangh संघ के 90 वर्षों का सफर संघ के सेवा कार्य
विविधा तमिल छात्र, आज, हिन्दी चाहता है। October 21, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 9 Comments on तमिल छात्र, आज, हिन्दी चाहता है। डॉ. मधुसूदन सारांश: *****तमिलनाडु के विश्वविद्यालयीन छात्र हिन्दी के पक्ष में। *****आज का तमिल छात्र हिंदी सीखने में उदासीन नहीं हैं। *****जानिए, आज तमिल छात्र क्या सोचता है? ****९५ % प्रतिशत छात्र हिन्दी के पक्ष में। ****किसी प्रादेशिक भाषा की अपेक्षा हिन्दी सर्वाधिक बोली जानेवाली भाषा है। **** पर सुझाव है, कि, तमिलों पर, पर […] Read more » Featured tamilians wat to learn hindi तमिल छात्र तमिल छात्र हिन्दी चाहता है
धर्म-अध्यात्म अज्ञान और अंधविश्वास आध्यात्मिक उन्नति में बाधक October 21, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन का उद्देश्य सांसारिक एवं आध्यात्मिक उन्नति करना है। यदि कोई मनुष्य आध्यात्मिक उन्नति की उपेक्षा कर केवल सांसारिक उन्नति में प्रयत्नशील रहता है तो यह उसके लिए एकांगी होने से घातक ही कही जा सकती है। आध्यात्मिक उन्नति से मनुष्य सुख व शान्ति के साथ आत्मा की जन्म जन्मान्तरों […] Read more » Featured अज्ञान अंधविश्वास आध्यात्मिक उन्नति में बाधक
राजनीति विधि-कानून समान नागरिक संहिता के पेंच ? October 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- समान नागरिक संहिता पर सर्वोच्च न्यायालय का राजग सरकार को निर्देश- सर्वोच्च न्यायलय ने एक बार फिर चिंता जताई है कि ‘समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में केंद्र सरकार का क्या रुख है। अपनी स्पष्ट राय तीन सप्ताह के भीतर न्यायालय के सामने रखे।‘ दरअसल संविधान में दर्ज नीति-निर्देशक सिद्धांत भी […] Read more » Featured समान नागरिक संहिता समान नागरिक संहिता के पेंच ?
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म विविधा शख्सियत रक्ष संस्कृति का नायक था रावण October 21, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव राम प्रत्येक भारतीय के आराध्य देव हैं और वे भारत के कण-कण में रमें हैं। वे आदर्श पुरूष हैं, मर्यादा पुरूषोत्तम हैं। उनकी तुलना में रावण को राक्षस, कुरूप, अत्याचारी, अतिकाई, आतताई आदि विकृति के विभिन्न प्रतीक रूपों में प्रस्तुत किया जाता है। लेकिन क्या यह संभव है कि समृद्ध, वैभवपूर्ण विशाल राष्ट्र […] Read more » Featured रक्ष संस्कृति का नायक रक्ष संस्कृति का नायक था रावण रावण