Category: आर्थिकी

आर्थिकी विविधा

स्वान्त्र्योत्तर भारत का सर्वाधिक बड़ा निर्णय : उच्च मूल्यवर्ग के बैंकनोटों का विमुद्रीकरण

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कल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए 500 और एक हजार रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की और कि अब लोगों के पास मौजूद पांच सौ और एक हजार के नोट बाजार में मान्य नहीं होंगे तो देश भर में गजब का उत्साह छा गया. सम्पूर्ण देश के आम नागरिक इस स्थिति में अपनी विकट व विकराल समस्याओं को भी समझ रहें थे तब जिस प्रकार के प्रसंशा भाव को वे व्यक्त कर रहे थे या देश के नेतृत्व पर जिस प्रकार विश्वास व्यक्त कर रहे थे वह गजब के चरम राष्ट्रवाद के क्षण थे

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आर्थिकी राजनीति

एक निर्णय जो बदल देगा भारत का भविष्‍य

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देखाजाए तो केंद्र सरकार देशभर में फैले भ्रष्‍टाचारियों से सवा लाख करोड़ रुपये का काला धन वापस निकालने में अब तक सफल रही है लेकिन इस एक निर्णय के बाद उम्‍मीद करिए कि 100 प्रतिशत कालाधन जल्‍द ही बाहर आना तय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात में बहुत दम है कि भ्रष्‍टाचार और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जरूरी है। जाली नोटों का जाल देश को तबाह कर रहा है। देश विरोधियों एवं आतंकियों को कहां से पैसा नसीब होता होगा, यह बेहद सोचनीय है।

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आर्थिकी राजनीति

500-1000 के नोट का चलन बंद

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इन सब के पीछे कूटनीतिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा चाहे जो कुछ भी हो, किंतु प्रथम दृष्टया यह आदेश देश में जमा अघोषित नगदी के बारे में पता लगा कर आगामी कार्यवाही करना ही नज़र आ रहा है| भारत की अर्थव्यवस्था की उन्नति में देशवासियों का आय से अधिक खर्च न करने की मानसिकता भी कारगर है इसी को ध्यान में रखते हुई तिजोरियों में जमा अघोषित पूंजी को सामने लाने के लिए भी इस तरह का आदेश लाया जा सकता हैं इसमे कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं|

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