जन-जागरण पाक महीने को पाक ही रहने दो …. July 3, 2015 by प्रतिमा शुक्ला | 2 Comments on पाक महीने को पाक ही रहने दो …. प्रतिमा शुक्ला कहते है रमजान के पाक महीने में किसी को मारना गुनाह माना जाता है। रमजान के पाक महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं। इस माह में विश्वास करने वाले लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक खाने, पीने, धूम्रपान करने और सेक्स करने से परहेज करते हैं। जिस तरह आईएसआई जिहाद के नाम पर […] Read more » पाक महीने को पाक ही रहने दो
जन-जागरण राजनीति मदरसों की मान्यता खत्म करना स्वागतयोग्य फैसला ! July 3, 2015 by इफ्तेख़ार अहमद | Leave a Comment मदरसे का मामला हो और उसपर बीजेपी सरकार कोई फैसला ले तो तूफान खड़ा होना लाजमी है। अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान नहीं पढ़ाने वाले मदरसों से स्कूली मान्यता खत्म करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद ठीक हुआ भी ऐसा ही। राजनीतिक दल तो राजनीतिक दल, मुस्लिम रहनुमा भी बिना सोचे-समझे बयान […] Read more » मदरसों की मान्यता मदरसों की मान्यता खत्म करना
जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख चिकित्सा शिक्षा में शामिल होगा योग July 2, 2015 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on चिकित्सा शिक्षा में शामिल होगा योग संदर्भ:- विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल- प्रमोद भार्गव भारत की गुलामी और उससे मुक्ति के बाद शायद यह पहला अवसर है,जब पश्चिमी जगत के ज्ञान की खिड़की पूरब के ज्ञान से खुलने जा रही है। वह भी ज्ञान के ऐसे क्षेत्र में जिसे केवल और केवल अंग्रेजी में ही संभव माना जाता रहा है। […] Read more » चिकित्सा शिक्षा योग
जन-जागरण पर्यावरण तकनीक खींचती मानव के महाविनाश की लकीर July 2, 2015 / July 2, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव अब तक जीव-जंतुओं और कीट पतंगों की प्रजातियों के लुफ्त होने के अनुमान ही देश-विदेश में किए जाने वाले सर्वेक्षणों के निष्कर्ष लगाते रहे हैं,लेकिन ‘सांइस एडवांस‘ नामक जर्नल ने हाल ही में होश उड़ाने वाला अध्ययन छापा है। इसके मुताबिक परिस्थितिकी तंत्र इस हद तक बिगड़ता जा रहा है कि अब मानव […] Read more » तकनीक महाविनाश की लकीर
जन-जागरण टॉप स्टोरी आवास मुहैय्या कराकर गरीबों के सपनों को नई उड़ान देने की कोशिश July 1, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” शहरी भारत का कायाकल्प करने तथा हर परिवार को अपना घर और बेहतर जीवनशैली मुहैय्या कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 जून बृहस्पतिवार को 4 लाख करोड़ रुपये की लागत से 2022 तक सबको आवास योजना, बहुचर्चित 100 शहरों की स्मार्ट सिटी परियोजना, 500 शहरों में शहरी सुधार और […] Read more » आवास गरीबों के सपनों को नई उड़ान
जन-जागरण राजनीति आपातकाल की पुरानी स्मृतियाँ June 30, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on आपातकाल की पुरानी स्मृतियाँ आपातकाल की घोषणा २५ जून १९७५ को हुई थी । रेडियो पर ख़बर आई होगी । मैंने तो नहीं सुनी थी लेकिन सतीश ने सुन ली थी । मैं उन दिनों भारतीय जनसंघ का ज़िला स्तर का अधिकारी था । सतीश के पास भी मंडल स्तर की कोई ज़िम्मेदारी थी । जयप्रकाश नारायण ने सरकार […] Read more » आपातकाल की पुरानी स्मृतियाँ
जन-जागरण विविधा टाइट जींस तथा पश्चिमी सभ्यता के कपङों के नुकसान June 29, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मयंक गुप्ता ड्रेसेज के मामले में युवाओं की पहली पसंद है जींस। जींस में इतनी वैरायटी आ गयी हैं कि युवाओं का ध्यान किसी और तरफ जाता ही नहीं। लेकिन ज्यादा टाइट जींस पहनने से आप बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं। टाइट कपड़ों से नुकसान- टाइट फिटिंग वाली जींस, स्कटर्स और अन्य ड्रेसेज […] Read more » टाइट जींस पश्चिमी सभ्यता के कपङों के नुकसान:
जन-जागरण विविधा आश्रम का स्थान कैसा हो? June 28, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 7 Comments on आश्रम का स्थान कैसा हो? ज्ञानेश्वरी से अनुवाद: आश्रम का स्थान कैसा हो? डॉ. मधुसूदन यह ज्ञानेश्वरी की अनुवादित पंक्तियाँ है। ध्यान-साधना ध्यान साधना के लिए, मठ या आश्रम का स्थान कैसा हो? इस विषय पर ज्ञानेश्वरी की १९ ओवियाँ मराठी से सरल हिन्दी में, अनुवादित की है। धीरे धीरे कविता प्रस्तुति की शैली में, पढने का अनुरोध है। जिस […] Read more » आश्रम का स्थान कैसा हो?
जन-जागरण विविधा अब आ गया आम का आनंद June 22, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित ऋतुओं के देश भारत की विशेषता है कि यहां पर हर ऋतु के अनुकूल फल प्रकृति उपलब्ध कराती है। गर्मी में आवश्यकता के अनुरूप रसीले फलों की प्रचुरता रहती है।इन्हीं रसीले फलों के बीच सजता है फलों का राजा रसीला आम। आम “आम” और ”खास“ सभी का फल है। आम का वैज्ञानिक […] Read more » varietis of mangoes आम आम का आनंद
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म विविधा एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार June 19, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on एक ईश्वर के अनेक नामों का आधार मनमोहन कुमार आर्य जिस प्रकार से नेत्रहीन मनुष्य संसार के दृश्यों के बारे में कल्पनायें करता है उसी प्रकार लगता है कि हमारे अल्पज्ञानी लोगों ने ईश्वर व धर्म के बारे में कल्पायें कीं और अपने ज्ञान के अनुरूप ही ईश्वर का स्वरूप भी निर्धारित किया। ज्ञान की वृद्धि के लिए ज्ञान चर्चा, शंका-समाधान, अनुसंधान […] Read more » Featured अनेक नामों का आधार ईश्वर के अनेक नाम एक ईश्वर
जन-जागरण विविधा पुनर्जागरण में हिन्दी लोक जागरण की स्थिति June 18, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी पुनर्जागरण का तात्पर्य है फिर से जागना। सचेत एवं चेतन्य होना। व्यक्ति, समाज या देश जो पहले जागा हुआ था, जो प्रत्येक क्षेत्र में अपना सर्वांगीण विकास कर रहा था, परंतु किन्हीं कारणों से वह सुषुप्ति की अवस्था में पहुंच गया है, उसका पुन: पहले की भांति सचेत एवं जाग्रत होना। डॉ. […] Read more » Featured पुनर्जागरण में हिन्दी लोक जागरण की स्थिति
जन-जागरण विविधा हास्यास्पद है वैश्विक स्वीकृति प्राप्त योग का विरोध June 18, 2015 / June 18, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” एक ओर जहाँ केन्द्र सरकार ने इक्कीस जून को आहूत अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में से कई मुस्लिम संगठनो के विरोध के बाद सूर्य नमस्कार को हटाने का निर्णय कर लिया है वहीँ दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आनुसंगिक संस्था संस्कार भारती ने केन्द्र सरकार […] Read more » Featured योग योग का विरोध वैश्विक स्वीकृति प्राप्त योग का विरोध