साहित्य शशि-धरा का लुका-छिपी महोत्सव April 4, 2015 / April 7, 2015 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment शशि- धरा की लुक्का छिपी का महोत्सव है आज . महोत्सव का श्रीगणेश सांय 3.45 पर होगा और सांय ७. १५ तक चलेगा . विश्व के प्राचीनतम प्रेमी इस महोत्सव के मुख्य पात्र हैं. अबकी शशि छिपेंगे और धरा सदैव की भांति ढूँढेंगी .... रवि ने मंच सञ्चालन का जिम्मा सम्हाल लिया है. पिछले कई […] Read more » Earth moon एलआर गाँधी शशि-धरा का लुका-छिपी महोत्सव
व्यंग्य माय चॉइस इज़ राईट चॉइस April 4, 2015 / April 7, 2015 by अमित शर्मा | Leave a Comment मुन्ना आज बहुत खुश था. मैंने पूछा, ‘का हुआ मुन्ना, आज बड़ा खुश दिख रहा है. बात का है? कोई लाटरी-वाटेरी निकल गयी है क्या?’ ‘लो, अब कर लो बात. इनको तो कुछ पता इच नहीं’ मुन्ना मेरे ऊपर झल्लाने वाले अंदाज़ में बोला, ‘आपको कुछ पता बी है क्या? अबी अपनी कंट्री में असली […] Read more » अमित शर्मा दीपिका पादुकोण माय चॉइस माय चॉइस इज़ राईट चॉइस
व्यंग्य एक चप्पल की चाहत April 4, 2015 / April 7, 2015 by रवि कुमार छवि | Leave a Comment दोपहर के लगभग 1.30 बजे हुए थे। दफ्तर में लेट पहुंचने डर माथे पर साफ देखा जा सकता था। ऑटो में बमुश्किल से 8 लोग इस कदर बैठे हुए थे मानो ये दुनिया का आखिरी ऑटो हो। मैं, ऑटो की आगे वाली सीट पर बैठने की क्षीण होती संभावना के बीच विकल्प की तलाश कर […] Read more » auto autoriksha Featured this auto respects woman एक चप्पल की चाहत रवि कुमार छवि
राजनीति व्यंग्य लव सेक्स धोखा और “आप” April 3, 2015 / April 4, 2015 by नीरज वर्मा | 3 Comments on लव सेक्स धोखा और “आप” 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 67 विधायक अरविन्द केजरीवाल के हैं ! ये सबको मालूम हैं ! कमाल का बन्दा है ये केजरीवाल ! क्या सहयोगी, क्या विरोधी ! सबको ठिकाने लगा देता है ! क्या अपने- क्या पराये ! “जो हमसे टकराएगा-चूर चूर हो जाएगा ” के मंत्र का निरंतर जाप करता हुआ […] Read more » aam aadami party infight AAP aap party Featured अरविन्द केजरीवाल नीरज वर्मा लव सेक्स धोखा और आप
व्यंग्य राजनीति का इंजन April 2, 2015 / April 4, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment कुछ लोग देश की अर्थव्यवस्था के संचालन में खेती का प्रमुख योगदान मानते हैं, तो कुछ उद्योगों का। कुछ व्यापार को सर्वाधिक महत्व देते हैं, तो कुछ भ्रष्टाचार को; पर शर्मा जी विवाह को भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन मानते हैं। उनका मत है विवाह के बाद बच्चे होते हैं। उनकी पढ़ाई, लिखाई, दवाई और सुख-सुविधाओं […] Read more » Featured देश की अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था के संचालन राजनीति का इंजन विजय कुमार
कविता तुम्हारी आँखें April 1, 2015 / April 4, 2015 by अनुप्रिया अंशुमान | Leave a Comment —-अनुप्रिया अंशुमान मोहब्बत की दुनिया है तुम्हारी आँखें, चमकता हुआ सितारा है तुम्हारी आँखें । तुम्हारे ही दम से है मेरा ये नसीब, मेरी पहचान है ये तुम्हारी आँखें ॥ आँखें बोलती है तुम्हारे दिल की धड़कन, दिल की धडकनों की आवाज़ है तुम्हारी आँखें । आँखों से बरसता है जहाँ हल्का सा नशा ॥ […] Read more » Featured चमकता हुआ सितारा है तुम्हारी आँखें । तुम्हारे ही दम से है मेरा ये नसीब तुम्हारी आँखें मेरी पहचान है ये तुम्हारी आँखें ॥ मोहब्बत की दुनिया है तुम्हारी आँखें
राजनीति व्यंग्य घमासान के बाद April 1, 2015 / April 4, 2015 by विजय कुमार | 1 Comment on घमासान के बाद आम आदमी पार्टी (आपा) में पिछले दिनों हुए घमासान से शर्मा जी बहुत दुखी थे। उन्होंने सब नेताओं से कहा कि वे मिलकर काम करें; पर जो मिलकर काम कर ले, वह समाजवादी कैसा ? फिर यहां तो समाजवादी के साथ साम्यवादी, अराजकतावादी और अवसरवादी भी थे। यानि ‘करेला और नीम चढ़ा।’ इसलिए पहले जबरदस्त […] Read more » Featured आम आदमी पार्टी (आपा) में पिछले दिनों हुए घमासान घमासान के बाद विजय कुमार
व्यंग्य बुढ़ौती में तीरथ April 1, 2015 / April 4, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment कहते हैं कि अंग्रेजों ने जब रेलवे लाइनें बिछा कर उस पर ट्रेनें चलाई तो देश के लोग उसमें चढ़ने से यह सोच कर डरते थे कि मशीनी चीज का क्या भरोसा, कुछ दूर चले और भहरा कर गिर पड़े। मेरे गांव में एेसे कई बुजुर्ग थे जिनके बारे में कहा जाता था कि उन्होंने […] Read more » Featured तारकेश कुमार ओझा बुढ़ौती में तीरथ
साहित्य संस्कृत व इतर भाषाओं का अध्ययन और महर्षि दयानन्द April 1, 2015 / April 4, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द ने अपने जीवन काल (1825-1883) वा मुख्यतः 10 अप्रैल, 1875 को आर्यसमाज की स्थापना के बाद देश के अनेक लोगों से पत्रव्यवहार किया था। उनके पत्रों का संग्रह व प्रकाशन का मुख्य श्रेय स्वामी श्रद्धानन्द, पं. भगवद्दत्त रिसर्च स्कालर, महामहोपाध्याय पं. युधिष्ठिर मीमांसक एवं महाशय मामराज जी को है। सम्प्रति उनका उपलब्ध समस्त […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द संस्कृत
व्यंग्य कबीरा आप ठगाइये, और न ठगिए कोय ! April 1, 2015 / April 4, 2015 by श्रीराम तिवारी | 1 Comment on कबीरा आप ठगाइये, और न ठगिए कोय ! आज तथाकथित ‘मूर्ख दिवस’ है ! इस अंतर्राष्ट्रीय [अ]पावन [?] पर्व पर कुछ लोग एक दूसरे मंदमति जड़मति[मूर्ख] बनाकर आल्हादित होंगे !जिस तरह पूँजीवादी -लोकतंत्रात्मक राष्ट्रों में आर्थिक सामाजिक , आध्यात्मिक और राजनैतिक क्षेत्र में एक दूसरे को ठगने – पछाड़ने मूर्ख बनाने की गलाकाट प्रवृत्ति पाई जाती है। उसी तरह क्षणिक आंनद के लिए ही सही मानसिक ठगी के रूप में भी कुछ घाघ – […] Read more » Featured और न ठगिए कोय !मूर्ख दिवस कबीरा आप ठगाइये श्रीराम तिवारी
कविता विवशता April 1, 2015 / April 4, 2015 by लक्ष्मी अग्रवाल | Leave a Comment माफ कर देना मुझे गर हो सके तो क्योंकि मेरी लाडो ये दुनिया नहीं है तेरे लिए यहां पग-पग तेरी राहों पर बिछे होंगे कांटे तेरे पैदा होते ही शुरू हो जाएगा चारों ओर मातम। जैसे-जैसे बड़ी होगी तू मेरी रानी शुरू हो जाएगी तेरे जीवन में परेशानी समाज नहीं देगा हक तुझे कोई गर […] Read more » Featured mother's problem लक्ष्मी जायसवाल अग्रवाल विवशता
व्यंग्य खास की तो बात क्या, आम ही बौरा गये! March 30, 2015 / April 4, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment संवत 71 के पूर्वार्द्ध के माधव मास में देश के ‘आम’ ने बौरेपन से उबर कर परिपक्वता का परिचय देते हुए खास को घूल चटाकर फलराज होने का परिचय दिया, और नमो-नमो का जाप करते हुए आम समर्पण भक्ति का परिचायक बना। अभी पूरा वर्ष भी नहीं बीता था 71 के हेमन्त में पतझड़ ने […] Read more » -देवेश शास्त्री Featured खास की तो बात क्या आम ही बौरा गये