लेख विधि-कानून एबीसी कंसल्टेंट्स प्रा. Ltd. – NCLAT के आदेश पर दिवालिया कार्यवाही होगी December 2, 2022 / December 2, 2022 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment कोरोना काल में हजारों कर्मचारियों के साथ बुरा बर्ताव करने वालों के खिलाफ फैसला नई दिल्ली, 1 दिसंबर। एडवोकेट परवेश खन्ना के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक फैसला हुआ है। परवेश खन्ना के नेतृत्व में एनसीएलएटी ने एबीसी कंसल्टेंट्स के एक पूर्व कर्मचारी ए.के.अग्रवाल द्वारा दायर दिवाला आवेदन को स्वीकार किया है। परवेश खन्ना ने बताया […] Read more »
लेख विधि-कानून धार्मिक शिक्षा के कारण शक्तिशाली बना कायर व कायर बना शक्तिशाली November 30, 2022 / November 30, 2022 by दिव्य अग्रवाल | Leave a Comment दिव्य अग्रवाल अभी तक चीरहरण होने वाली न द्रोपदीयो की संख्या रुकी, न चीरहरण करने विधर्मियो वालो की , संख्या रुकी तो सिर्फ रक्षा करने वाले गोविंदा की । क्योंकि सनातनियो को कायर बनाने के षड्यंत्र के चलते सर्वश्रेष्ठ धर्मयोद्धा योगिराज श्री कृष्ण भगवान् के योध्य स्वरूप को रसिक रूप में परिवर्तित करने वाली विधर्मी नीति का अनुशरण क़र आज […] Read more » a coward became powerful and a coward became powerful. Because of religious education
राजनीति विधि-कानून कब तक धर्म विशेष के कानून से शोषण होगा November 28, 2022 / November 28, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग –आजादी के अमृत महोत्सव मना चुके भारत देश के सभी धर्मों के नागरिकों के लिये एक समान धर्मनिरपेक्ष कानून होना चाहिये। संविधान के संस्थापकों ने राज्य के नीति निदेशक तत्त्व के माध्यम से इसको लागू करने की ज़िम्मेदारी बाद की सरकारों को हस्तांतरित कर दी थी। लेकिन पूर्व सरकारों ने वोट बैंक […] Read more » पाक्सो कानून भारत में मुस्लिमों के लिए शरीयत कानून
राजनीति विधि-कानून संविधान के प्रति आरएसएस का दृष्टिकोण November 26, 2022 / November 26, 2022 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment – लोकेन्द्र सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत का प्रभावशाली सांस्कृतिक संगठन है। उसके विचार एवं गतिविधियों से समाज का मानस बनता और बदलता है। इसलिए अकसर विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा चलती है कि उन विषयों पर संघ का विचार क्या है? कई बार ऐसा भी होता है कि भारतीयता विरोधी और विदेशी विचार से अनुप्राणित समूह […] Read more » RSS's Approach to the Constitution संविधान के प्रति आरएसएस का दृष्टिकोण
राजनीति विधि-कानून संविधान की तिहत्तर वर्षों की विकास यात्रा November 26, 2022 / November 26, 2022 by श्याम सुंदर भाटिया | Leave a Comment संविधान दिवस पर विशेष डॉ. हरबंश दीक्षित आज संविधान दिवस है । तिहत्तर वर्ष पहले 26 नवम्बर 1949 हमने अपने संविधान को अधिनियमित तथा अंगीकृत किया था । किसी राष्ट्र के जीवनकाल में यह बहुत बड़ा कालखण्ड नहीं माना जाता, किन्तु इन वर्षों में उस राष्ट्र के भविष्य की पीठिका तैयार हो जाती है। संविधिक […] Read more » Seventy three years development journey of the constitution संविधान की तिहत्तर वर्षों की विकास यात्रा
राजनीति विधि-कानून भारतीय संविधान के 73वर्ष November 26, 2022 / November 26, 2022 by श्वेता गोयल | Leave a Comment – श्वेता गोयल26 नवम्बर को देश में प्रतिवर्ष संविधान दिवस मनाया जाता है। हालांकि वैसे तो भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था लेकिन इसे स्वीकृत 26 नवम्बर 1949 को ही कर लिया गया था। डा. भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों के कारण ही भारत का संविधान ऐसे रूप में सामने आया, जिसे […] Read more » भारतीय संविधान
लेख विधि-कानून न्याय-व्यवस्थाः सुधार के संकेत November 23, 2022 / November 23, 2022 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment – डॉ. वेदप्रताप वैदिकसर्वोच्च न्यायालय में आए एक ताजा मामले ने हमारी न्याय-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है लेकिन उसने देश के सारे न्यायालयों को नया […] Read more » Judiciary: Signs of improvement न्याय-व्यवस्था
राजनीति विधि-कानून न्यायिक अंधेरों में उम्मीद की किरण बनतेे चन्द्रचूड़ November 18, 2022 / November 18, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत की न्याय प्रणाली विसंगतियों एवं विषमताओं से घिरी है। संवैधानिक न्यायालय का गठन बड़ा अलोकतांत्रिक व दोषपूर्ण है। न्याय-व्यवस्था जिसके द्वारा न्यायपालिकाएं अपने कार्य-संचालन करती है वह अत्यंत महंगी, अतिविलंबकारी और अप्रत्याशित निर्णय देने वाली है। ‘न्याय प्राप्त करना और इसे समय से प्राप्त करना किसी भी राज्य व्यवस्था के व्यक्ति का […] Read more » Chandrachud becomes a ray of hope in judicial darkness जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़
राजनीति विधि-कानून नए चीफ जस्टिस के समक्ष है चुनौतियों का अंबार November 16, 2022 / November 16, 2022 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment – योगेश कुमार गोयलजस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने 9 नवम्बर को देश के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) का दायित्व संभाल लिया है। वे देश की सबसे बड़ी अदालत में 10 नवम्बर 2024 तक इस सर्वोच्च पद पर आसीन रहेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहते अयोध्या मामले, आईपीसी की धारा 377 के […] Read more » Justice Dhananjay Yashwant Chandrachud There are many challenges before the new Chief Justice जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़
राजनीति विधि-कानून न्यायपालिका के लिए छुट्टियों की संस्कृति को बंद किया जाना चाहिए? November 7, 2022 / November 7, 2022 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment अवकाश की अवधारणा औपनिवेशिक नियमों से उत्पन्न हुई है। उस समय न्यायाधीश इंग्लैंड से आए थे, भारत की तुलना में ठंडी जगह और भारत की गर्मी उनके लिए असहनीय थी। अदालतों और स्कूलों को छोड़कर देश में कोई भी सरकारी संगठन नहीं है जहाँ छुट्टी होती है। भारतीय अदालतों में 3.1 करोड़ से अधिक मामले […] Read more » न्यायपालिका के लिए छुट्टियों की संस्कृति
राजनीति विधि-कानून हिजाबः हिरन पर क्यों लादे घांस? September 9, 2022 / September 9, 2022 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment आजकल सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है कि कर्नाटक की मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनें या न पहनें? उच्च न्यायालय ने हिजाब पर पाबंदी को उचित ठहराया है। यहां बहस यह नहीं है कि हिजाब पहनना उचित है या नहीं? सिर्फ स्कूल की छात्राएं पहने या न पहनें, यह प्रश्न है। इस मुद्दे पर पहला […] Read more » Hijab hijab row muslim school girls on hijab row muslim students wearing hijab in karnataka
राजनीति विधि-कानून ये न्याय है या मज़ाक ? August 3, 2022 / August 3, 2022 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 1 Comment on ये न्याय है या मज़ाक ? डॉ. वेदप्रताप वैदिक यह शुभ-संकेत है कि भारत की न्याय-व्यवस्था की दुर्दशा पर हमारे प्रधानमंत्री और प्रमुख न्यायाधीशों ने आजकल खुलकर बोलना शुरु किया है। हम आजादी का 75 वाँ साल मना रहे हैं लेकिन कौनसी आजादी है, यह! यह तो सिर्फ राजनीतिक आजादी है याने अब भारत में ब्रिटिश महारानी की जगह राष्ट्रपति और […] Read more » Is this justice or a joke PM on justice system of India