विविधा साक्षात्कार मध्यप्रदेश में बड़े बदलाव का इशारा!!!! June 30, 2015 by डॉ प्रवीण तिवारी | Leave a Comment अमित शाह की नई टीम में मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को राष्ट्रीय महासचिव पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इस नई जिम्मेदारी के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीति में उनके अगले मुख्यमंत्री के तौर पर सामने आने की सुगबुगाह शुरू हो गई है। मध्य प्रदेश के घोटालों और मोदी सरकार पर […] Read more » Re: मध्यप्रदेश में बड़े बदलाव का इशारा!!!! मंत्री कैलाश विजयवर्गीय
गजल विविधा छलका रहा होगा झलक June 30, 2015 / June 30, 2015 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment छलका रहा होगा झलक, प्रति जीव के आत्मा फलक वह मूल से दे कर पुलक, भरता हरेक प्राणी कुहक । कुल-बिला कर तम- तमा कर, कोई हृदय में सिहा कर; सिमटा कोई है समाया, उमगा कोई है सिधाया । सुध में कोई बेसुध कोई, रुधता कोई बोधि कोई; चलते रहे चिन्ता दहे, चित शक्ति को […] Read more » छलका रहा होगा झलक
खान-पान विविधा सवाल देशवासियों के स्वास्थ्य व जान की क़ीमत का ? June 29, 2015 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री गत् 21 जून को राजधानी नई दिल्ली का राजपथ उस समय योगपथ के रूप में परिवर्तित हो गया जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित हज़ारों लोगों ने एक साथ योगाभ्यास कर पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया। ज़ाहिर है योग जैसी शारीरिक क्रियाओं का सीधा संबंध इंसान के शारीरिक व मानसिक विकास […] Read more » जान की क़ीमत सवाल देशवासियों के स्वास्थ्य
पर्यावरण विविधा मानसून की अस्थिरता के कारण सूखे की आशंका June 29, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” प्राकृतिक अर्थात मौसमीय मार सिर्फ किसानों को नहीं वरन समस्त देश अथवा संसार को रूलाने की क्षमता रखती है और समय-समय पर इसने सबों को रूलाया भी है ।यह एक सर्वविदित तथ्य है कि कभी सूखा, कभी बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदायें न केवल फसलों को क्षति पहुँचाते है, बल्कि गाँव के […] Read more » मानसून मानसून की अस्थिरता सूखे की आशंका
विविधा व्यंग्य सम्मान का गणित June 29, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment शर्मा जी यद्यपि खुद भी वरिष्ठ नागरिक हैं, फिर भी वे बड़े-बुजुर्गों की बात का बहुत सम्मान करते हैं। अवकाश प्राप्ति के बाद सबसे पहले उन्होंने मकान की मरम्मत कराई। इसके बाद कुछ समय आराम किया; पर इस चक्कर में जहां उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा, वहां घरेलू मामलों में बिना बात दखल देने से घर […] Read more » सम्मान का गणित
जन-जागरण विविधा टाइट जींस तथा पश्चिमी सभ्यता के कपङों के नुकसान June 29, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment मयंक गुप्ता ड्रेसेज के मामले में युवाओं की पहली पसंद है जींस। जींस में इतनी वैरायटी आ गयी हैं कि युवाओं का ध्यान किसी और तरफ जाता ही नहीं। लेकिन ज्यादा टाइट जींस पहनने से आप बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं। टाइट कपड़ों से नुकसान- टाइट फिटिंग वाली जींस, स्कटर्स और अन्य ड्रेसेज […] Read more » टाइट जींस पश्चिमी सभ्यता के कपङों के नुकसान:
जन-जागरण विविधा आश्रम का स्थान कैसा हो? June 28, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 7 Comments on आश्रम का स्थान कैसा हो? ज्ञानेश्वरी से अनुवाद: आश्रम का स्थान कैसा हो? डॉ. मधुसूदन यह ज्ञानेश्वरी की अनुवादित पंक्तियाँ है। ध्यान-साधना ध्यान साधना के लिए, मठ या आश्रम का स्थान कैसा हो? इस विषय पर ज्ञानेश्वरी की १९ ओवियाँ मराठी से सरल हिन्दी में, अनुवादित की है। धीरे धीरे कविता प्रस्तुति की शैली में, पढने का अनुरोध है। जिस […] Read more » आश्रम का स्थान कैसा हो?
टॉप स्टोरी विविधा लखवी पर चीन-पाक का पापपूर्ण गठजोड़ June 27, 2015 / June 27, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment कुछ विशिष्ट कोणों से यदि हम वैश्विक राजनीति का अध्ययन करें, तो दक्षिण एशियाई देशों की राजनीति की छोटी छोटी बातें भी, सम्पूर्ण एशियाई क्षेत्र, या बहुत हद तक विश्व को प्रभावित करनें वाली राजनीति प्रतीत होती है.जकीउर्रहमान लखवी जैसे आतंकवादी के विषय पर पाकिस्तान के स्वक्छंद आचरण को संयमित करनें के उद्देश्य से विशेषतः […] Read more » Featured चीन-पाक का पापपूर्ण गठजोड़ लखवी
धर्म-अध्यात्म विविधा सृष्टि के रहस्यों के ज्ञान का सरलतम उपाय सत्यार्थ-प्रकाश का अध्ययन June 27, 2015 / June 27, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य को ईश्वर ने जो मानव शरीर दिया है वह पांच ज्ञान इन्द्रिय, पांच कर्म इन्द्रिय, मन व बुद्धि सहित अनेक अंगों व उपांगों से युक्त है। बुद्धि व मन दो ऐसे अवयव हैं जो अपना-अपना कार्य करते हैं, अन्य सभी भी स्वतः करते हैं। मन आत्मा के संस्कारों, प्रवृत्तियों व ज्ञान […] Read more » Featured सत्यार्थ-प्रकाश सत्यार्थ-प्रकाश का अध्ययन सृष्टि के रहस्यों के ज्ञान का सरलतम उपाय
धर्म-अध्यात्म विविधा मतलब की दुनिया सारी June 27, 2015 / June 27, 2015 by डॉ प्रवीण तिवारी | Leave a Comment कैफी आजमी साहब की मशहूर गजल देखी जमाने की यारी…. को मैं बहुत पसंद किया करता था उसकी पहली चार पंक्तियां कुछ इस तरह हैं…. देखी जमाने की यारी, बिछड़े सभी बारी बारी क्या लेके मिले अब दुनियाँ से, आँसू के सिवा कुछ पास नहीं या फूल ही फूल थे दामन में, या काँटों की […] Read more » मतलब की दुनिया सारी
धर्म-अध्यात्म विविधा पिण्डदान से ज्यादा जरूरी है जीते जी आसक्ति का त्याग June 27, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य बात अपनी हो या अपने किसी परिजन, ईष्ट मित्र या सहयोगियों की। लागू सभी पर होती है। आमतौर पर हर इंसान की यही इच्छा होती है कि मरने के बाद उसकी उत्तर क्रिया, पिण्डदान, गंगा में अस्थि विसर्जन, तमाम प्रकार के श्राद्ध और तिथियों पर जो कुछ करना है उसमें कहीं […] Read more » Featured आसक्ति का त्याग पिण्डदान
विविधा २५ जून — लोकतंत्र का काला दिवस June 25, 2015 / June 28, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment आज भारतीय लोकतंत्र का काला दिवस है। आज ही के दिन ४० साल पहले हिन्दुस्तान की मक्किका-ए-आज़म, निरंकुश तानाशाह इन्दिरा गांधी ने आपात्काल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटा था। भारत की सारी जनता (कांग्रेसियों, कम्युनिस्टों और चाटुकारों को छोड़कर) के मौलिक अधिकार रातोरात छीन लिए गए थे। लाखों नेता, जनता और छात्र जेल में ठूंस […] Read more » Featured काला दिवस लोकतंत्र का काला दिवस