विविधा गाय की रक्षा पर बहस क्यों ? April 4, 2017 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment वास्तव में गाय को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने की बजाय राजनीति से जोड़ दिया गया है, जिसके कारण इसे जबरन बहस का विषय बना दिया गया. गाय सबके लिए उपयोगी है. इसलिए गाय पर बहस करने की बजाय इसके संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए. सरकार को चाहिए कि वह सड़कों पर विचरती गायों के लिए गौशालाओं का निर्माण कराए. Read more » Featured गाय गाय की रक्षा गाय की रक्षा पर बहस
टेक्नोलॉजी विविधा शारीरिक अक्षमताओं की चुनौतियों पर खरा उतरते कृत्रिम हाथ-पैर और रोबोटिक अंग April 4, 2017 by डॉ. शुभ्रता मिश्रा | 1 Comment on शारीरिक अक्षमताओं की चुनौतियों पर खरा उतरते कृत्रिम हाथ-पैर और रोबोटिक अंग त्वचा की तरह कवर से ढंके होने के कारण ये दिखने में भी वास्तविक लगते हैं। हाथ व पैर वाले अधिकांश कृत्रिम अंगों में अनुलग्नकों की आवश्यकता होती है। आजकल इसी पर आधारित ओसिओ-एकीकरण नामक अस्थि-संयोजन प्रक्रिया का काफी उपयोग किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में अस्थिमज्जा में कृत्रिम अंग को प्रत्यारोपित कर जैविक प्रतिक्रिया का संचालन कराया जाता है। इस तरह जैव संगत प्रत्यारोपण द्वारा बाहरी कृत्रिम अंग और भीतरी जीवित ऊतक के मध्य इंटरफेस जैव गतिविधि के माध्यम से एक सशक्त व दीर्घावधिक स्थायी संबंध जैव एकीकरण से स्थापित किया जाता है। Read more » Council for Social Development Disability Featured Movement Disability prosthesis ऑर्थोटिस्ट कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण प्रक्रिया गणित और सैद्धांतिक भौतिकी के प्रोफ़ेसर दिव्यांग सामाजिक विकास परिषद स्टीफन हॉकिंग
विविधा उद्योगों के लाभ से ज्यादा जरूरी है मानव स्वास्थ्य April 3, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment वाहन प्रदूषण की वजह से लोगों में गला,फेफड़ें और आंखों की तकलीफ बढ़ रही हैं। कई लोग मानसिक अवसाद की गिरफ्त में भी आ रहे हैं। हालांकि हवा में घुलता जहर महानगरों में ही नहीं छोटे नगरों में भी प्रदूषण का सबब बन रहा है। कार-बाजार ने इसे भयावह बनाया है। यही कारण है कि लखनऊ, कानपुर, अमृतसर, इंदौर और अहमदाबाद जैसे शहरों में भी प्रदूषण खतरनाक स्तर की सीमा लांघने को तत्पर है। उद्योगों से धुंआ उगलने और खेतों में बड़े पैमाने पर औद्योगिक व इलेक्ट्रोनिक कचरा जलाने से भी इन शहरों की हवा में जहरीले तत्वों की सघनता बढ़ी है। इस कारण दिल्ली दुनिया के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शामिल है। वैसे भी दुनिया के जो 20 सर्वाधिक प्रदूषित शहर हैं,उनमें भारत के 13 शहर शामिल हैं। Read more » Featured बीएस-3 बीएस-3 वाहन बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर रोक
विविधा गोमांस के निर्यात से पशुधन पर गहराया संकट April 3, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर तालाबंदी से यह आशय लगाया जा रहा है कि केंद्र और उप्र में सत्ता में आई भाजपा सरकारें गोमांस के विक्रय पर रोक लगाने की दृष्टि से ऐसा कर रही हैं। सोलहवीं लोकसभा चुनाव में गुलाबी क्रांति मसलन गाय-भैंस […] Read more » Featured गोमांस गोमांस निर्यात पशुधन पर गहराया संकट
कला-संस्कृति विविधा अयोध्या राम की जन्मस्थली मात्र नहीं आदर्शों की विरासत है ! April 3, 2017 by कीर्ति दीक्षित | Leave a Comment विरासतें इतिहास के संरक्षण के लिए होती हैं, कल जब आपकी अगली पीढ़ी पूछेगी ये राम कौन थे? कहाँ रहते थे? तब आपके पास किताबों के उत्तर सम्भवतः हों लेकिन दर्शन हेतु कुछ नहीं होगा, हालांकि ये किताबी ज्ञान भी धीरे धीरे विलुप्त हो जायेगा, फिर कैसा ज्ञान और कैसे राम! हम कितने ही विलुप्त इतिहास के गवाह हैं जो अब किसी पन्ने तक में दर्ज नहीं । आज जो आख्यान हम किताबों में पढ़ते हैं और जब उन्हें देखने की जिज्ञाशा होती है किसी म्यूजियम में उनके होने का एहसास करने का प्रयास करते हैं लेकिन राम को हम कहाँ पायेंगे? किस अयोध्या को रामराज का साक्षी बतायेंगे ? Read more » अयोध्या अयोध्या राम की जन्मस्थली आदर्शों की विरासत है अयोध्या राम
विविधा नोटबंदी की तरह शराबबंदी भी April 3, 2017 / April 3, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment आज जरुरत इस बात की है कि देश में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। इस प्रतिबंध के बावजूद शराब रुकेगी नहीं, जैसे कि हत्याएं नहीं रुकतीं। इस्लाम में शराब की मनाही है लेकिन इस्लामी देशों के घरों में शराब के भंडार भरे होते हैं। इसीलिए कानून से भी ज्यादा संस्कार की जरुरत है। बचपन से ही यदि शराब या नशाबाजी के खिलाफ संस्कार दिए जाएं तो शराबबंदी के कानून का पालन सही ढंग से हो सकता है। Read more » liquor ban नोटबंदी शराबबंदी
कला-संस्कृति विविधा राम और रामराज्य April 3, 2017 / April 3, 2017 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment गांधीजी कहते थे- ‘‘अपराधी से नहीं अपराध से घृणा होनी चाहिये।’’ कितना भी बड़ा अपराध क्यों न हो, उसे एहसास करनें वाला, लज्जित होने वाला अपराध का परिमार्जन कर देता है। निश्चित रूप से अपराधबोध से ग्रस्तव्यक्ति का व्यक्तित्व भी विभाजित होगा और ऐसे व्यक्ति एक आदर्श समाज बनाने मे सहायक नहीं हो सकते। श्री राम को यह बात अच्छी तरह पता है। यद्यपि सत्ता के लिये निकटतम सम्बंधियों की हत्याओं से इतिहास भरा पड़ा है। मुस्लिमों की परम्पराओं पर इस सम्बंध में अलग से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। वहीं सिंहासन की जगह वनवास दिलाने वाली कैकेयी को श्री राम लज्जित समझकर सबसे पहले उसी से मिलकर उसे अपराध बोध से मुक्त कराते हैं। इस तरह से श्रीराम जैसे उदात्त दृष्टि वाले शासक अथवा अग्रणी व्यक्ति होंगे, तभी इस धरती पर रामराज्य संभव है। Read more » राम राम और रामराज्य रामनवमी रामराज्य
विविधा जनप्रतिनिधि: लाईसेंस समाज सेवा का या गुंडागर्दी का? April 3, 2017 by निर्मल रानी | 1 Comment on जनप्रतिनिधि: लाईसेंस समाज सेवा का या गुंडागर्दी का? क्या हमारे देश की राजनीति जो कभी महात्मा गांधी,पंडित जवाहरलाल नेहरू,सरदार पटेल,लाल बहादुर शास्त्री,डा० राममनोहर लोहिया,बाबा साहब भीमराव अंबेडकर तथा मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जैसे देश के महान नेताओं को आदर्श मानकर चलती थी वही राजनीति अब गुंडों,बदमाशों,अपराधियों,मवालियों तथा समाज में दंगा-फ़साद फैलाने ,हिंसा का मार्ग अपनाने तथा दूसरों को अपमानित करने में अपनी शान समझने वाले लोगों के हाथों जा चुकी है? Read more » Featured एयरइंडिया रविंद्र गायकवाड़
पर्यावरण विविधा स्वच्छ भारत अभियान : अभियानों से नहीं सुधरेगी व्यवस्था April 1, 2017 by विजय कुमार | 1 Comment on स्वच्छ भारत अभियान : अभियानों से नहीं सुधरेगी व्यवस्था बाजारों में एक अजीब दृश्य दिखता है। लोग सुबह दुकान खोलते समय सफाई करते हैं और फिर कूड़ा सड़क पर डाल देते हैं। घरों में भी प्रायः ऐसा होता है। अब कई जगह नगरपालिकाएं सप्ताह में दो बार कूड़ागाड़ी भेजने लगी हैं; पर लोगों को आज नहीं तो कल समझना होगा कि सफाई करने की नहीं रखने की चीज है। ऐसी वस्तुएं प्रयोग करें, जो फिर काम आ सकें। घर का कूड़ा घर में ही खपाना या नष्ट करना होगा। वरना समस्या बढ़ती ही जाएगी। Read more » clean India Featured mission clean india स्वच्छ भारत स्वच्छ भारत अभियान
कला-संस्कृति विविधा मंदाकिनी रूठी, तो क्या रूठ नहीं जायेंगे श्रीराम ? March 31, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment सरकारी तौर पर नदी-पानी बचाने की जो कुछ कोशिशें शुरु हुईं; वे इतनी अनियोजित व अनिश्चयात्मक रहीं कि नतीजा सिफर रहा। भारत सरकार की रेनफेड अथारिटी का आरोप गलत नहीं कि बुंदेलखण्ड पैकेज का पैसा सही समय पर खर्च नहीं किया गया। सरकार के पास तो नदियों की वस्तुस्थिति के नामवार रिकार्ड भी नहीं है। Read more » Featured ramnavami ramnavami 4th APRIL मंदाकिनी श्रीराम
विविधा डॉ. हरि बाबु बिन्दल को प्रवासी भारतीय सम्मान March 30, 2017 by डॉ. मधुसूदन | Leave a Comment आपकी कुल विशेषताओं में, हिन्दी के पक्षधर पुरस्कर्ता और कवि, पर्यावरण विशेषज्ञ अभियंता, हिन्दुत्व के स्वाभिमानी, और हिन्दी कविताओं में छः पंक्तियों के छन्द लिखने में सिद्धहस्त कवि , ऐसी अनेक उपलब्धियाँ और विशेषताएँ गिनाई जा सकती हैं। मेरे लिए , आपका संपर्क और संबंध प्रोत्साहक है। आप की गणना उन मित्रों में है, जिनसे मिलना मुझे सदैव उत्साह और उष्मा अनुभव कराते हैं। और ऐसे भारतीय संस्कृति ्के और हिन्दी के संवाहक मित्रों में डॉ. हरि बिन्दल मेरे लिए अनोखा स्थान भी रखते हैं। Read more » Dr. Hari Babu Bindal Featured Pravasi Bharatiya Samman to Dr. Hari Babu Bindal डॉ. हरि बाबु बिन्दल प्रवासी भारतीय सम्मान
विविधा भूले नहीं कि एक मां गंगा भी है March 29, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment दरअसल हमने गंगा को अपनी मां नहीं, अपनी लालच की पूर्ति का साधन समझ लिया है; भोग का एक भौतिक सामान मात्र! मां को कूङादान मानकर हम मां के गर्भ में अपना मल-मूत्र-कचरा-विष सब कुछ डाल रहे हैं। अपने लालच के लिए हम मां को कैद करने से भी नहीं चूक रहे। हम उसकी गति को बांध रहे हैं। मां के सीने पर बस्तियां बसा रहे हैं। अपने लालच के लिए हम मां गंगा के गंगत्व को नष्ट करने पर उतारू हैं। हम भूल गये हैं कि एक संतान को मां से उतना ही लेने का हक है, जितना एक शिशु को अपने जीवन के लिए मां के स्तनों से दुग्धपान। Read more » Featured गंगा संवत्सर