राजनीति विश्व मंचों पर सम्मानित होते मोदी और उनकी नीतियां April 15, 2019 / April 15, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य संभवत: यह पहली बार है जब हमारे देश के प्रधानमंत्री को दूसरे देश अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने मेंस्वयं को गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। अलग – अलग देश यह अवसर ले लेना चाहते हैं कि श्री मोदी उनके देश के इस सर्वोच्च अलंकरण को प्राप्त करें । वास्तव में यह मोदी की […] Read more » ‘चैंपियन ऑफ द अर्थ’ pradhanmantri jan dhan yojna आइएमएफ जीएसटी और नोटबंदी धानमंत्री उज्ज्वला योजना नोटबंदी सियोल शांति पुरस्कार 2018’ स्वच्छ भारत अभियान
राजनीति इन तीनों को अब दिल्ली लाइए December 19, 2018 / December 19, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 2 Comments on इन तीनों को अब दिल्ली लाइए डॉ. वेदप्रताप वैदिकमैं पहले ही लिख चुका हूं कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के भाजपा मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्य में काफी अच्छे काम किए थे लेकिन उनकी हार का बड़ा कारण नोटबंदी, जीएसटी, अनुसूचित संशोधन कानून, फर्जिकल स्ट्राइक, सीबीआई और रफाल-सौदे आदि की बदनामियां रही हैं। सच्चाई तो यह है कि उन्हें उम्मीद से ज्यादा […] Read more » अनुसूचित संशोधन कानून जीएसटी नोटबंदी फर्जिकल स्ट्राइक मध्यप्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ वसुंधरा राजे और रमन सिंह शिवराज चौहान सीबीआई
राजनीति शिवसेना के ‘अयोध्या दांव’ के निहितार्थ November 29, 2018 / November 29, 2018 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी गत् 25 नवंबर की तारीख एक बार फिर पूरे देश के लिए तनाव की स्थिति पैदा करने वाली प्रतीत हो रही थी। खासतौर पर दलाल व बिकाऊ टीवी चैनल्स द्वारा चारों ओर ऐसा वातावरण पैदा किया जा रहा था गोया 6 दिसंबर 1992 की पुनरावृत्ति होने वाली हो। एक ओर तो उद्धव ठाकरे […] Read more » उद्धव ठाकरे जीएसटी डीज़ल-पैट्रोल नोटबंदी महंगाई महाराष्ट्र राम मंदिर निर्माण शिवसेना
राजनीति मोदी को कोई गाली कमजोर नहीं कर सकती December 10, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- पिछले लम्बे दौर से हमारे नेता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दर्शन, उनके व्यक्तित्व, उनकी बढ़ती ख्याति व उनकी कार्य-पद्धतियांे पर कीचड़ उछाल रहे हैं अमर्यादित भाषा का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें गालियां देकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस तरह कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी […] Read more » Featured अरविन्द केजरीवाल इमरान मसूद दिग्विजय सिंह नोटबंदी प्रमोद तिवारी मणिशंकर राशिद अल्वी राहुल गांधी सोनिया गांधी
आर्थिकी विविधा मोदी के आर्थिक सुधारों पर अंतर्राष्ट्रीय मोहर November 23, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment “कालखंड या समय या इतिहास को हम दो भागों में विभाजित करते हैं, एक bc अर्थात बिफोर क्राइस्ट और दुसरे dc अर्थात एन्नो डोमिनी. इस प्रकार स्वातंत्र्योत्तर भारत कीअर्थव्यवस्था अब दो कालखंडो से जानी जायेगी एक नरेंद्र मोदी/नोटबंदी के पूर्व की अर्थव्यवस्था और दुसरी नरेंद्र मोदी द्वारा इस प्रतिबंध के बाद की अर्थव्यवस्था”. 9 नवम्बर2016 को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सनसनीखेज ढंग से घोषित की गई नोटबंदी के तत्काल बाद एक समाचार पत्र हेतु लिखी गई अपनी त्वरित टिप्पणी में जब मैंने यह उपरोक्तवाक्य लिखा था तब इस वाक्य पर मैं स्वयं केवल दृढ़ था किंतु मेरे इस कथन पर आज मैं दृढ़ से एक कदम आगे बढ़कर सुदृढ़ हूँ. इस संदर्भ में एक कथन और स्मरण कराता हूँ किदेश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रम पद पर आसीन होने के बाद कहा था कि –“ हम कारोबारी सुगमता में विश्व बैंक की रेटिंग को 50 वें स्थान से नीचें ले जायेंगे”. मोदी जी कायह वचन व संकल्प पूर्णता की ओर बढ़ता दिखाई पड़ रहा है. विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के बाद यह विश्वास व्यक्त किया जाने लगा था कि अब विश्व व्यापार जगत में भारत कीस्थिति में सुधार होगा व अन्तराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग की मूडीज व फ्लीच जैसी संस्थाएं भारत की क्रेडिट रेटिंग में खासा सुधार कर सकती हैं. अब मध्य नवंबर, 2017 तक यहसंभावना तथ्य में बदल गई है और मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग सुधार कर देश के ठीक ठाक चल रहे आर्थिक मूड को प्रसन्नचित्त व तेजी के मूड में बदल दिया है. इस क्रेडिटरेट में सुधार से पूर्व भारत की रेटिंग दयनीय स्थिति में पहुँच गई थी और “जंक स्टेटस” से मात्र एक कदम दूर थी. भारत के संदर्भ में यह रेटिंग सुधार पिछले 13 वर्षों में पहलीबार हुआ है. इस रेटिंग सुधार ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत हेतु केंद्र में एक ईमानदार व स्पष्ट बहुमत धारी सरकार कितना महत्त्व रखती है. नोटबंदी व जीएसटी जैसे बड़े व क्रांतिकारी निर्णयों के बाद मोदी सरकार कई बार दबाव में दिखती थी व प्रतीत होता था कि आलोचनाएँ उसे कुंठित करेंगी किंतु सरकारइन दुराशाओं को झुठलाया व सतत अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही. इस संदर्भ में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी उसकी महत्वाकांक्षी योजनाओं ने सरकारी धन के तथाकथितलीकेज को एकदम बंद कर दिया अरबों रुपया यथोचित आवश्यकता वाले व्यक्तियों तक सीधा पहुँचने लगा. कालेधन की समानान्तर अर्थव्यवस्था बड़े स्तर प प्रभावित हुई वदेश का राजस्व बढ़ने लगा है. इस बढ़े राजस्व से केंद्र की मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं को निर्बाध चला सकती है व चला भी रही है. नोटबंदी के नवम्बर 2016 के बाद पहली नवम्बर 2017 को विश्व बैंक ने कारोबारी सुगमता विषयक एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ डुइंगबिजनस लिस्ट ) की इस रिपोर्टिंग में विश्व बैंक ने भारत की रेटिंग में 30 अंकों का सुधार करते हुए भारत को 130 वें स्थान से सुखद रूप से 100 वें स्थान पर ला खड़ा किया.रेटिंग के इस सुधार ने दुसरे ही दिन सेंसेक्स और एनएसई में आई उछाल से अपना महत्त्व स्पष्ट कर दिया था. यद्दपि इस रेटिंग के निर्धारण में नोटबंदी को वैश्विक सन्दर्भों मेंअपवाद घटना मानकर निर्णायक तथ्यों से अलग रखा गया है तथापि नोटबंदी का, अनिवार्यतः जो प्रभाव समूची अर्थव्यवस्था पर पड़ा, उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष दोनों हीस्थितियों में विश्व बैंक की रेटिंग के संदर्भ में अलग नहीं रखा जा सकता है. मेरा कथन बड़ा ही स्पष्ट है कि चालू वर्ष में जबकि नोटबंदी व जीएसटी के बाद के कई सुधार अपनाव्यापक प्रभाव बताने लगे हैं. यह निश्चित लग रहा है कि ये प्रभाव इस रेटिंग को और श्रेयस्कर स्तर पर ले जाने में खासे सफल होंगे. अमेरिकी रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने भारत कीसॉवरन क्रेडिट रेटिंग्स को एक पायदान ऊपर कर दिया. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत सरकार के स्थानीय और विदेशी मुद्रा जारी करनेवाली रेटिंग्स ‘Baa3′ से बढ़ाकर’Baa2’ कर दी और रेटिंग आउटलुक को स्थिर से बढ़ाकर सकारात्मक कर दिया. यहां यह बड़ी ही उल्लेखनीय बात है कि देश के तीन वित्तीय विशेषज्ञ माने जाने वाले तीन पूर्ववित्त मंत्री मनमोहन, चिदंबरम व यशवंत सिन्हा बड़े ही दुराशयी, मिथ्या व तर्कहीन सिद्ध हो गए. नोटबंदी व जीएसटी के ये तीन बड़े आलोचक जो आर्थिक क्षेत्रों के बड़ेजानकार माने जाते हैं, उनकी आलोचना के मुख्य बिंदु ही धराशायी हो गए. विपक्ष के हाथों से आर्थिक आलोचना का एक बड़ा मुद्दा न केवल खसक गया अपितु अकारण,निराधार व थोथी आलोचना हेतु विपक्ष की भद्द भी पिट गयी. कांग्रेस व भाजपा के ही यशवंत सिन्हा को सिरे से नकारते हुए मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी को एक अच्छाकदम बताया है, साथ ही अन्य कई फैसलों की भी तारीफ की है. मूडीज़ की रिपोर्ट में इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत के द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैंको भी बताया है. भारत को निवेश हेतु बेहतर माहौल वाला देश बताया गया है और मूडीज ने मोदी सरकार द्वारा सरकारी कर्ज को कम करने की प्रवृत्ति को रेटिंग सुधार काएक कारण बताते हुए उसकी प्रसंशा की है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी के कारण तीव्र गति से बढ़ने वाले अंतर्राज्यीय व्यापार से भी बहुत आशाएं व्यक्त की हैं. आधार,डॉयरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम जैसे सुधारों से भी नॉन परफॉर्मिंग लोन और बैंकिंग सिस्टम में आये सुधार की भी प्रसंशा की गई है. मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में भारतीयजीडीपी में आई कमी को तात्कालिक कमी बताया है व मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों को दीर्घकालिक सुधार बताते हुए उनकी प्रसंशा की है और इस आधार पर भारत कीजीडीपी ग्रोथ मार्च 2018 तक 6.7 % होगी, यह अनुमान लगाया है. और इसके भी आगे जाकर 2019 तक जीडीपी एक बार फिर 7.5 फीसदी तक पहुंचेगी इस आशा को भीबलवती बताया है. निश्चित ही विश्व बैंक व मूडीज की रिपोर्टों व प्रसंशा से भारत का आर्थिक माहौल सुधरा है और अब अनेक प्रकार की आशाएं व्यक्त की जाने कगी हैं, जैसे – देश में भीकर्ज सस्ता होगा, भारतीय कंपनियों को सस्ता कर्ज मिलेगा. विदेशी कम्पनिया भारत में अधिक पैसा लगाएंगी. अन्य अन्तराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग कम्पनियां भी भारत की रेटिंग मेंवृद्धि करेंगी. आम जनता, कारोबारियों व उद्योगपतियों का सरकार पर भरोसा बढ़ेगा जिससे सकल उत्पाद बढेगा व इन सबके परिणाम स्वरूप महंगाई कम होगी. शेयर बाजारसुधरेंगे, आम निवेशकों को अधिक रिटर्न देंगे इससे भारतीय मुद्रा रुपया मजबूत होगा और अन्ततोगत्वा सरकार का राजस्व बढ़ेगा जिससे चहुँओर विकास होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहप्रदेश गुजरात में चल रहे चुनाव इस दिशा में निश्चित ही मोदी सरकार को कुछ बढ़त प्रदान करेंगे. व्यवसाइयों के प्रदेश गुजरात के इनचुनावों में कांग्रेस के पास जातिवाद का जहर फैलाने के अतिरिक्त नोटबंदी, जीएसटी और कारोबारी विफलता ही एक मात्र मुद्दा थी. अब स्थिति यह है कि गुजरात की जनताजातिवाद के नाम पर विभक्त हो नहीं रही व मूडीज की सुधरी हुई रेटिंग ने व विश्व बैंक की प्रसंशा ने कांग्रेस से एक बड़ा चुनावी हथियार छीन लिया है. अन्तराष्ट्रीय संस्थानों सेकेंद्र सरकार को और उसके बहुचर्चित निर्णयों को जो मान्यता मिली है इसके दीर्घकालीन व तात्कालिक दोनों ही परिणाम मोदी सरकार को मिलेंगे इतना तय है. Read more » moodys जीएसटी नोटबंदी भारत कीअर्थव्यवस्था मोदी
आर्थिकी मूडीज की मोहर से बदलेगी दिशाएं November 21, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग नोटबंदी एवं जीएसजी के आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिये मोदी सरकार को जिन स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, उन स्थितियों में अर्थव्यवस्था को गति देने के तौर-तरीके खोजे जा रहे हैं, ऐसे समय में मोदी सरकार के लिए एक बेहतर खबर आई है कि अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘मूडीज’ […] Read more » Featured Moody's rating for India increased moodys कमोटिडी मार्केट जीएसटी नोटबंदी मूडीज शेयर मार्केट
राजनीति विपक्ष के बयान सही या विदेशी रिपोर्टें November 21, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment देश के आम आदमी के मन में इस समय जितने सवाल उठ रहे हैं इतने शायद इससे पहले कभी नहीं उठे। वो समझ ही नहीं पा रहा है कि किस पर यकीन करे, विपक्ष के बयानों पर या फिर विदेशी रिपोर्टों पर। परिणामस्वरूप अखबारों की रोज बदलती सुर्खियों के साथ ही देश के राजनैतिक पटल […] Read more » Featured इंडो पैसेफिक ईज आफ डूइंग बिजनेस जीएसटी ट्रम्प नोटबंदी सीपेक
राजनीति मोदी ने दो नहीं, तीन तारपीडो मारे हैं। November 15, 2017 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment वीरेन्द्र सिंह परिहार जहां तक नोटबंदी का सवाल है इसके पक्ष और विपक्ष में बहुत सारी बहसें हुई हैं। नोटबंदी से उम्मीद यह थी कि करीब तीन लाख करोड़ रुपए का कालाधन रद्द हो जाएगा। पर तकरीबन पूरा-का-पूरा कालाधल वापस आ गया। इस तरह से यदि नोटबंदी की योजना का मूल्यांकन हो तो यह कहा […] Read more » economic reform Featured Modi Narendra Modi notebandi जीएसटी तीन तारपीडो नोटबंदी भारतीय अर्थ व्यवस्था मंदी मोदी
आर्थिकी नोटबंदी : देश हुआ मजबूत November 8, 2017 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा एक वर्ष पूर्व किए गए नोट बदली को जहां भारतीय जनता पार्टी अप्रत्याशित बताते हुए उसके लाभ बता रही है, वहीं विपक्षी दल कांगे्रस इसे त्रासदी के रुप में प्रचारित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जारी किए एक वीडियो में जो बात कही गई है, […] Read more » demonetization effect of GST on common man Featured gst जीएसटी नोटबंदी रेत माफियाओं पर शिकंजा सर्राफा व्यापारियों पर टैक्स हाईवे के किनारों से शराब के ठेकों को उखाड़
राजनीति गुजरात में जाति के चक्रव्यूह में उलझी कांगेस October 28, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव पिछले 22 साल से गुजरात की जनता विकास के मुद्दे पर भाजपा के साथ दिखाई दी है। बावजूद कांग्रेस जातिवादी क्षेत्रीय नेताओं के चक्रव्यूह में उलझती दिख रही है। हालांकि देश में ऐसा कोई दल नहीं है, जो जाति और धर्म के आधार पर जीत का गणित न बिठाता हो। यही वजह है […] Read more » Featured अल्पेष ठाकुर आनंदीबेन पटेल गुजरात जीएसटी दलित नेता जिग्नेष मेवानी नोटबंदी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भाजपा मुस्लिम तुष्टिकरण राहुल गांधी विजय रूपाणी सोनिया गांधी
आर्थिकी राजनीति मोदी युग में आर्थिक बदलावों के दूरगामी परिणाम September 29, 2017 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment : डॉ. मयंक चतुर्वेदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश जिस गति के साथ आर्थिक बदलाव की ओर जा रहा है, उसे लेकर जहां एक ओर उनके कार्यों को अपना समर्थन देनेवालों की कोई कमी नहीं तो दूसरी ओर ऐसे लोगों की भी एक लम्बी सूची है जो मोदी के आर्थिक क्षेत्र में किए जा रहे […] Read more » Featured indian economy in modi era जीएसटी टैक्स चोरी डिजिटल पेमेंट नोटबंदी पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा भारतीय अर्थव्यवस्था भारतीय अर्थशास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भ्रष्टाचार पर अंकुश
आर्थिकी विविधा परेशान सिर्फ गरीब होता है September 29, 2017 by जीतेन्द्र कुमार नामदेव | Leave a Comment देश इन दिनों ऐसे आर्थिक संकट से जूझ रहा है जो बड़े-बड़े अर्थशास्त्री को नजर नहीं आएगा। क्योंकि जो भाषा अर्थशास्त्रीयों को समझ में आती है, वो भाषा एक गरीब मजदूर और किसान की समझ से बहुत दूर है। हाल फिलहाल भाजपा सरकार में रहे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरूण जेटली […] Read more » demonetization effect of GST on common man Featured gst आर्थिक संकट जीएसटी नोटबंदी रेत माफियाओं पर शिकंजा सर्राफा व्यापारियों पर टैक्स हाईवे के किनारों से शराब के ठेकों को उखाड़