विविधा मजदूरों के विस्थापन का मई दिवस April 30, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भः- मई दिवस के अवसर पर – प्रमोद भार्गव जो मई दिवस दुनिया के मजदूरों के एक हो जाने के पर्याय से जुड़ा था,भूमण्लीकरण और आर्थिक उदारवादी नीतियों के लागू होने के बाद वह किसान और मजदूर के विस्थापन से जुड़ता चला गया। मई दिवस का मुख्य उद्देश्य मजदूरों का सामंती और पूंजी के शिकंजे […] Read more » Featured मई दिवस
शख्सियत सिनेमा विनोद खन्नाः अभियन की स्कूल के प्रिसिंपल … .!! April 29, 2017 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment 80 के दशक के शुरूआती वर्षों तक अभियन के इन दो धुरंधरों की टक्कर जारी रही। अक्टूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद अमिताभ बच्चन राजनीति में चले गए और इलाहाबाद से सांसद निर्वाचित होकर संसद भी पहुंच गए। तब विनोद खन्ना के लिए सुपर स्टार के रूप में उभरना आसान था। हालांकि फिल्म से दूरी के बावजूद अमिताभ बच्चन के प्रशंसकों के लिए किसी अन्य हीरों को सुपर स्टार के तौर पर स्वीकार करना मुश्किल था। Read more » Featured Vinod Khanna विनोद खन्ना
विविधा धर्माधारित आतंकवाद –एक सच्चाई” April 29, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment सन 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि तालिबान व अलक़ायदा आदि जिहादी संगठन पाक व अफगानिस्तान की सीमाओ पर अनेक छोटे छोटे बच्चों को धन देकर व जन्नत का वास्ता देकर "फिदायींन" बनाते है। तालिबान ने "फिदायीन-ए-इस्लाम" नाम से वजीरिस्तान में तीन ऐसे प्रशिक्षण शिविर तैयार किये हुए है जिसमें हज़ारो की संख्या में कम आयु (10 से 13 वर्ष) के मासूम मुस्लिम बच्चे प्रशिक्षण पा रहें है। अफगानिस्तान की तत्कालीन सरकार के अनुसार इन बच्चों को चौदह हज़ार से साठ हज़ार डॉलर में खरीदा जाता है और इनके माँ-बाप को समझाया जाता है कि धन के अतिरिक्त आपका बेटा इस्लाम के लिये शहीद होकर सीधे जन्नत पहुँचेगा। Read more » Featured religion based terrorism आतंकवाद धर्माधारित आतंकवाद
राजनीति फर्क डी.एन.ए. का है April 28, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment संघ का डी.एन.ए. सौ प्रतिशत भारतीय है। उसने अपने प्रतीक और आदर्श भारत से ही लिये। भगवे झंडे को गुरु माना। देश, धर्म और समाज की सेवा में अपना तन, मन और धन लगाने वाले सभी जाति, वर्ग, क्षेत्र, आयु और लिंग के महामानवों को अपने दिल में जगह दी। हिन्दू संगठन होते हुए भी अन्य मजहब या विचार वालों से द्वेष नहीं किया। उन्हें समझने तथा शिष्टता से अपनी बात समझाने का प्रयास किया। शाखा के साथ-साथ निर्धन और निर्बल बस्तियों में सेवा के लाखों प्रकल्प खोले। अतः संघ धीरे-धीरे पूरे भारत में छा गया और लगातार बढ़ रहा है। Read more » Featured RSS Swayam Sevak Sangh कम्यूनिस्ट जाधवपुर वि.वि. जे.एन.यू. फर्क डी.एन.ए. फर्क डी.एन.ए. का वामपंथी संघ का डी.एन.ए. सौ प्रतिशत भारतीय
समाज ‘न्यू इंडिया’ और गांवों की समृद्घि का रास्ता April 28, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अब पुन: 'न्यू इंडिया' को भी अंग्रेजी में अभिव्यक्ति देना जंचता नहीं है। फिर भी 'न्यू इंडिया' अर्थात 'नव भारत' के निर्माण में गांव की भूमिका पर हम केन्द्र सरकार और राज्य सरकार दोनों से निवेदन करेंगे कि इस कार्य के लिए गांव को गंवारों का या पिछड़े लोगों का झुण्ड मानने की मानसिकता से इस देश के शिक्षित वर्ग को निकालने का प्रयास किया जाए। गांव के विकास की बात यहीं से प्रारंभ हो। देश का शिक्षित वर्ग आज भी गांव के लोगों से और गांव के परिवेश से वैसी ही घृणा करता है जैसी अंग्रेज किया करते थे। विदेशी शिक्षा को देश में लागू करोगे तो ऐसे ही परिणाम आएंगे। गांव के प्रति ऐसी घृणास्पद मानसिकता के परिवर्तित करने के लिए शिक्षा का भारतीयकरण किया जाए। Read more » 'नव भारत' 'न्यू इंडिया' Featured उत्तर प्रदेश गांव की भूमिका ग्रामोन्मुखी विकास प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. शिक्षा के भारतीयकरण
राजनीति सुपरफस्ट योगी सरकार! April 28, 2017 by शिव शरण त्रिपाठी | Leave a Comment कार्यालयों में तम्बाकू खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के फ रमान के साथ योगी सरकार ने कार्यालयों को साफ -सुथरा रखने के लिये सख्त निर्देश जारी कर दिये। मुख्यमंत्री ने जहां अपने कैबिनेट के मंत्रियों को स्वच्छता अभियान की शपथ दिलाई वहीं ऐसा ही फ रमान सारे विभागों को जारी कर दिया। सरकारी कार्यालयों में चौपट हो चुकी कार्यसंस्कृति को पुन: बहाल करने की दृष्टि से मुख्यमंत्री ने जहां सभी कार्यालयों में बायोमैट्रिक हाजिरी लगाने की व्यवस्था करने के निर्देश जारी कर दिये वहीं मंत्रियों को औचक निरीक्षण करने के भी आदेश जारी कर दिये। नि:संदेह उनके सभी सहयोगियों ने अपना काम शुरू भी कर दिया चाहे कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही हो, चाहे खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचौरी अथवा वक्फ मंत्री श्री मोहसिन रजा ताबड़तोड़ छापों से लापरवाह व कामचोर अधिकारियों/कर्मचारियों को समय पर आने को मजबूर कर दिया। Read more » 30 days of yogi governence Featured कार्यसंस्कृति को पुन: बहाल बूचडख़ानों के खिलाफ सख्त कार्यवाही योगी सरकार लाल बत्ती
राजनीति पैमान-ए-क़ाबिलियत: जनप्रतिनिधि बनाम लोक सेवा अधिकारी April 28, 2017 by निर्मल रानी | Leave a Comment कहीं शौचालय बनाए जा रहे हैं तो कहीं खुले में शौच करने पर जुर्माना लगाया जा रहा है। परंतु देश की मध्यप्रदेश 1994 बैच की एक काबिल प्रशासनिक अधिकारी दीपाली रस्तोगी ने अपने एक लेख में प्रधानमंत्री की स्वच्छ भारत योजना पर कुछ सवाल खड़े किए हैं। सरकार ने दीपाली रस्तोगी के सवालों का जवाब देने के बजाए उन्हें अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम 1968 के उन प्रावधानों का उल्लेख करते हुए एक नोटिस जारी की है जिसके तहत सरकार की नीति योजना तथा सरकारी निर्णयों की कोई भी अधिकारी आलोचना नहीं कर सकता। Read more » beurocrat Featured less educated politicians जनप्रतिनिधि पैमान-ए-क़ाबिलियत लोक सेवा अधिकारी
विविधा शख्सियत सिनेमा समर्पित अभिनेता और राजनेता की तरह हमेशा याद किये जाएंगे विनोद खन्ना April 28, 2017 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment विनोद खन्ना ने अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत भाजपा से की। विनोद खन्ना 1997 में पहली बार पंजाब के गुरदासपुर क्षेत्र से भाजपा की ओर से सांसद चुने गए। इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में गुरदासपुर लोकसभा से ही दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे। विनोद खन्ना को 2002 में अटल बिहारी वाजपेई सरकार में संस्कृति और पर्यटन के केंद्रीय मंत्री बनाया गया। 6 महीने के बाद उनका विभाग बदलकर उनको अति महत्वपूर्ण विदेश मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री बना दिया गया। 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने गुरदासपुर लोकसभा सीट से फिर से चुनाव जीता। हालांकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में विनोद खन्ना को हार का सामना करना पड़ा। लेकिन एक बार फिर 2014 लोकसभा चुनाव में विनोद खन्ना गुरदासपुर लोकसभा से चैथी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। Read more » Featured Vinod Khanna विनोद खन्ना
राजनीति असाधारण जनादेश के नैतिक दायित्व April 28, 2017 by अतुल तारे | Leave a Comment प्रश्न उठता है कि ऐसा क्या है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में। उत्तर है देश को लंबे समय बाद ऐसा नेतृत्व मिला है जिसकी प्रामाणिकता, परिश्रम एवं निष्ठा पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं है। उत्तर है कि प्रधानमंत्री मोदी उस पार्टी के कार्यकर्ता हैं जिसका अधिष्ठान राष्ट सर्वोपरि है। उत्तर है, भाजपा के पीछे उन हजारों, लाखों, करोड़ों कार्यकर्ताओं एवं जन सामान्य का विश्वास है जो भाजपा के सदस्य नहीं हैं पर यह मानते हैं कि देश के लिए आज भाजपा आवश्यक है। उत्तर है, कि आज भाजपा को उनका भी समर्थन प्राप्त है जो परंपरागत रूप से भाजपा के साथ नहीं रहे हैं। Read more » BJP massive win in MCD election bjp victory Democracy Featured कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
विविधा निजी अनुभवों की सांझ-2 April 28, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment बिजली की चोरी होती है-कर्मचारियों की कृपा से! सरकारी प्रयास होते हैं-मीटर लगाने के, जिससे इसे रोका जा सके। किंतु सारे प्रयास निरर्थक हो जाते हैं। कानून बनाये जाते हैं, मानव की दुष्प्रवृत्तियों को सद्प्रवृत्तियों में परिवर्तित करने के लिए। पर एक समय आता है कि कानून की तनी हुई चादर में से भी छिद्र कर दिये जाते हैं और कानून की ओजोन की परत को तोडक़र मानवीय स्वभाव की पराबैंगनी किरणें सीधे पडक़र मानव को ही तंग व परेशान करती हैं। यह सांप छछूंदर का खेल है, जिसमें कानून व्यक्ति को गलत कार्यों को करने से रोकना चाहता है और व्यक्ति उल्टे कानून के बढ़ते हाथों को (अपनी ओर बढऩे से) रोकना चाहता है। Read more » ‘कमीशन’ Featured अनुभव चिकित्सा राष्ट्र
विविधा महंगी होती चुनावी व्यवस्था April 28, 2017 / April 28, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हमें इस समय अपनी चुनावी प्रक्रिया में व्यापक सुधारों की आवश्यकता है। इसके लिए उचित होगा कि देश में लोकसभा और विधानसभाओं सहित अधिकतर चुनाव एक साथ कराने की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार किया जाए। इससे हम चुनावों पर व्यय होने वाली बड़ी धनराशि को बचा सकते हैं। चुनाव आयोग को बार-बार सरकारी कर्मियों को उनके सरकारी कार्य रूकवाकर उन पर अपना डंडा चलाने का अधिकार अभी लगभग वर्ष भर कहीं न कहीं मिला रहता है। यदि चुनाव एक साथ होते हैं तो चुनाव आयोग सरकारी कर्मियों का कार्य रूकवाने से दूर रहेगा। Read more » election campaign election getting costlier Featured चुनावी व्यवस्था महंगी होती चुनावी व्यवस्था
विविधा नक्सली सफल क्यों होते हैं? April 27, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment सरकार को इस बात का ठीक-ठाक पता होना चाहिए कि नक्सलियों की सफलता का रहस्य क्या है? छत्तीसगढ़ में नक्सली इसलिए सफल हो जाते हैं कि एक तो उन्हें स्थानीय आदिवासियों का समर्थन मिल जाता है और दूसरा, हर हमले के दौरान वे निहत्थे आदिवासियों को आगे करके कवच की तरह इस्तेमाल करते हैं। तीसरा, उनके पास जवानों से छीने हुए बेहतरीन हथियार होते हैं। चौथा, उन्होंने जोर-जबरदस्ती करके पैसों का जखीरा इकट्ठा किया हुआ होता है। नोटबंदी का उन पर कोई असर नहीं हुआ। Read more » chhattisgarh CRPF Dantewada Featured Government Home Minister Naxal attack Sukma छत्तीसगढ़ दंतेवाडा सुकमा