समाज बदलते भारत में बदलती शिक्षा March 28, 2017 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment उच्च शिक्षा के संबध में लोगो की राय जानने के लिए दिल्ली स्थित गैर सरकारी संगठन चरखा ने कुछ छात्रों से बात की। इस संबध में जम्मू विश्वविद्यालय के छात्र जफर कहते हैं कि "विश्वविद्यालय में एडमिशन के बारे पिछड़े क्षेत्रों में जागरूकता की कमी है। उनके पास जानकारी नहीं है कि कब प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है। हालांकि सरकार कई योजनाएं लाती है, लेकिन छात्रों को इन योजनाओं के बारे में सूचित करने का कोई रास्ता नहीं है। जम्मू जैसे क्षेत्र में कभी कभी सूचना इतनी देर से पहुंचती है कि छात्र उसके लाभ से वंचित रह जाते है”। Read more » changing education in India Featured भारत भारत में बदलती शिक्षा
ज्योतिष विविधा जानिए आप कैसे अपना बुरा समय बदल सकते हैं घड़ी की स्थिति (पॉजिशन) से — March 28, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment घड़ी कभी भी दक्षिण दिशा वाली दीवार पर नहीं लगाएं। दक्षिण दिशा को फेंगशुई एवं वास्तु दोनों में ही शुभ नहीं माना गया है क्योंकि यह यम की दिशा होती है। विज्ञान के अनुसार इस दिशा में निगेटिव एनर्जी होती है। दक्षिण दिशा की दीवार पर घड़ी होने से बार-बार आपका ध्यान इस दिशा की ओर जाएगा। इससे बार-बार दक्षिण दिशा की नकारात्मक उर्जा आप प्राप्त करेंगे। Read more » Featured wall clock on home घड़ी की स्थिति घड़ी को कहां पर लगाएं
व्यंग्य सोशल मीडिया के रास्ते प्रसिद्धी के वैकल्पिक सौपान March 28, 2017 by अमित शर्मा (CA) | Leave a Comment सिद्धी की इतनी सहज उपलब्धता ने कई लोगो को असहज बना दिया है । प्रसिद्ध लोग जब अपनी 1000-2000 लाइक वाली किसी पोस्ट पर किसी कमेंट का रिप्लाई करते है तो अपने शब्दों से ऐसा आभामंडल रचते है मानो कमेंट नहीं कर लाखो लोगो की सभा को संबोधित कर रहे हो। हालाँकि अपनी हर पोस्ट पर 1K/2K लाइक लेने वाले इन सेलिब्रिटीज के सारे पोस्ट्स चोरी "के" होते है। Read more » Featured प्रसिद्धी के वैकल्पिक सौपान
कला-संस्कृति विधि-कानून नवसंवत्सर एक नये सफर की शुरूआत March 27, 2017 / March 27, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment नवसंवत्सर 'न्यू ईयर' जैसे केवल 12 महीने का समय नापने की एक ईकाई न होकर खगोलीय घटनाओं के आधार पर भारतीय समाज के लिए सामाजिक सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक तरीके से जीवन पद्धति का पथ प्रदर्शक है। यह केवल एक नए महीने की एक नई तारीख़ न होकर पृथ्वी के एक चक्र को पूर्ण कर एक नए सफर का आरंभ काल है। यह वह समय है जब सम्पूर्ण प्रकृति पृथ्वी को इस नए सफर के लिए शुभकामनाएँ दे रही होती है। जब नए फूलों और पत्तियों से पेड़ पौधे इठला रहे होते हैं , जब मनुष्य को उसके द्वारा साल भर की गई मेहनत का फल लहलहाती फसलों के रूप में मिल चुका होता है ( होली पर फसलें कटती हैं ) और पुनः एक नई शुरुआत की प्रेरणा प्रकृति से मिल रही होती है। Read more » Featured gudi padwa एक नये सफर की शुरूआत नवसंवत्सर
कला-संस्कृति विविधा सृष्टि की रचना का पहला दिन March 27, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रचीन भारत और मघ्यअमेरिका दो ही ऐसे देश थे, जहां आधुनिक सैकेण्ड से सूक्ष्मतर और प्रकाशवर्ष जैसे उत्कृष्ठ कालमान प्रचलन में थे। अमेरिका में मय सभ्यता का वर्चस्व था। मय संस्कृति में शुक्रग्रह के आधार पर कालगणना की जाती थी। विश्वकर्मा मय दानवों के गुरू शुक्राचार्य का पौत्र और शिल्पकार त्वष्टा का पुत्र था। मय के वंशजो ने अनेक देशों में अपनी सभ्यता को विस्तार दिया। इस सभ्यता की दो प्रमुख विशेषताएं थीं, स्थापत्य कला और दूसरी सूक्ष्म ज्योतिष व खगोलीय गणना में निपुणता। रावण की लंका का निर्माण इन्हीं मय दानवों ने किया था। प्रचीन समय में युग,मनवन्तर,कल्प जैसे महत्तम और कालांश लधुतम समय मापक विधियां प्रचलन में थीं। समय नापने के कालांश को निम्न नाम दिए गए Read more » Featured gudi padwa गुड़ी पड़वा 29 मार्च सृष्टि सृष्टि की रचना का पहला दिन
राजनीति नया पिछड़ा आयोग गठन की तैयारी March 27, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव केंद्रीय मंत्रीमंड़ल ने राष्ट्रीय पिछड़ वर्ग आयोग की जगह नया आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। पिछडे़पन के आधार पर आरक्षण की बढ़ती मांग को देखते हुए यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अघ्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इसे संवैधानिक दर्जा भी दिया जाएगा। मौजूदा आयोग […] Read more » Featured नया पिछड़ा आयोग नया पिछड़ा आयोग गठन
राजनीति भाजपाः वैचारिक हीनग्रंथि से मुक्ति का समय March 27, 2017 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment लंबे समय के बाद भाजपा में अपनी वैचारिक लाइन को लेकर गर्व का बोध दिख रहा है। असरे बाद वे भारतीय राजनीति के सेकुलर संक्रमण से मुक्त होकर अपनी वैचारिक भूमि पर गरिमा के साथ खड़े दिख रहे हैं। समझौतों और आत्मसमर्पण की मुद्राओं के बजाए उनमें अपनी वैचारिक भूमि के प्रति हीनताग्रंथि के भाव कम हुए हैं। अब वे अन्य दलों की नकल के बजाए एक वैचारिक लाइन लेते हुए दिख रहे हैं। दिखावटी सेकुलरिज्म के बजाए वास्तविक राष्ट्रीयता के उनमें दर्शन हो रहे हैं। मोदी जब एक सौ पचीस करोड़ हिंदुस्तानियों की बात करते हैं तो बात अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक से ऊपर चली जाती है। यहां देश सम्मानित होता है, एक नई राजनीति का प्रारंभ दिखता है। एक भगवाधारी सन्यासी जब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है तो वह एक नया संदेश देता है। वह संदेश त्याग का है, परिवारवाद के विरोध का है, तुष्टिकरण के विरोध का है, सबको न्याय का है। Read more » bjp Featured भाजपा वैचारिक हीनग्रंथि से मुक्ति का समय
राजनीति समाज मैकाले-पद्धति को शीर्षासन कराता महर्षि अरविन्द का शिक्षा-दर्शन March 27, 2017 / March 27, 2017 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment “ वास्तविक शिक्षण का प्रथम सिद्धान्त है- ‘कुछ भी न पढ़ाना’ , अर्थात् शिक्षार्थी के मस्तिष्क पर बाहर से कोई ज्ञान थोपा न जाये । शिक्षण प्रक्रिया द्वारा शिक्षार्थी के मस्तिष्क की क्रिया को सिर्फ सही दिशा देते रहने से उसकी मेधा-प्रतिभा ही नहीं, चेतना भी विकसित हो सकती है, जबकि बाहर से ज्ञान की घुट्टी पिलाने पर उसका आत्मिक विकास बाधित हो जाता है ।” Read more » “उदात्त सत्य का ज्ञान” Featured Integral view of life) Realization of the sublime Truth) है जो “समग्र जीवन-दृष्टि” महर्षि अरविन्द महर्षि अरविन्द का शिक्षा-दर्शन मैकाले-पद्धति मैकाले-पद्धति को शीर्षासन कराता
राजनीति दिलचस्प दिन March 27, 2017 by गंगानन्द झा | Leave a Comment साठ के दशक के मध्य में अमेरिका में युवा आन्दोलन की एक धारा के रुप में हिप्पी उपसंस्कृति का जन्म हुआ और दुनिया भर के अनेको देशों में फैल गया। हिप्पियों के फैशन और मूल्य-बोध ने संगीत, फिल्म, साहित्य और शिल्प पर गहरा असर डाला। इस हिप्पी संस्कृति के अनेको पहलुओं का दुनिया भर के देशों की आज की संस्कृति की मुख्य धारा में समावेश हो गया है। साठ के दशक में दुनिया के विभिन्न देशों में प्रतिवाद और प्रतिरोध के स्वर गूँजते रहे थे। अमेरिका, यूरोप और एशिया के विश्वविद्यालयों के कैम्पस में छात्र अशान्त और उत्तेजित रहा करते थे। Read more » Featured दिलचस्प दिन
विविधा राम जन्मभूमि का सच March 27, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment माननीय उच्चतम न्यायालय ने मन्दिर मस्जिद विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने का नवीनतम निर्देश जारी किया है। जहां हिन्दू संगठनों ने इस सकारात्मक पहल का स्वागत किया है। कुछ मुस्लिम संगठन भी इसे आपसी रजा मन्दी से हल किये जाने के पक्ष में हैं, परन्तु कुछ कट्टर पंथी लोग इसका समाधान चाहते ही नहीं हैं और न्यायालय के निर्णय को ही प्रमुखता दे रहें हैं। इतना ही नहीं वामपंथी इतिहासकारों ने अयोध्या के मन्दिर मस्जिद मुद्दे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट को गुमराह करने की पहले भी कोशिश की थी। अदालत द्वारा निर्णय दिए जाने के बाद भी इरफान हबीब और उनकी टीम सच मानने को तैयार नहीं रहे। अयोध्या मुद्दे पर राजनेताओं से कृतकत्य होने के चक्कर में इतिहासकारों ने इस स्पष्ट विषय को और विवादित बना दिया है। 6 दिसंबर को ढांचा गिरने के उपरांत जब न्यायालय के संरक्षण में खुदाई हुई, उसमें मंदिरों का मलवा, खंडित मूर्तियां एवं फर्श के अवशेष निकले थे। लेकिन तथाकथित इतिहासकारों ने तब भी विवाद को सुलझने नहीं दिया था। Read more » Featured the truth behind ram janambhoomi अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मन्दिर मस्जिद विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने का नवीनतम निर्देश राम जन्मभूमि राम जन्मभूमि का सच
विविधा संपूर्ण स्वतन्त्रता : सांस्कृतिक स्वतंत्रता की ओर भारतीय समाज March 27, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment क्यों नहीं हम फिर से उस स्थान पर अवस्थित हो सकते जो स्थान हमारा था । हमें पूरा अधिकार है उसे प्राप्त करने का एवं इसी में विश्व का भला है। हमने फिर से उस सांस्कृतिक विरासत को प्राप्त करना है जहाँ स्वय के धर्म, संस्कृति, भाषा साहित्य का सम्मान हो उन पर गर्व हो। जगत यह जान सके कि धर्म प्रतिष्ठा धर्म पर चल कर होती है न कि जिहाद का भय दिखा कर या सेवा के आड़ में धर्म परिवर्तन करा कर भारतीय संस्कृति की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रत्येक भारतीय कटिबद्ध है । Read more » cultural independence Featured India towards cultural independence गंगा गीता गौ भारतीय समाज संपूर्ण स्वतन्त्रता सांस्कृतिक स्वतंत्रता सांस्कृतिक स्वतंत्रता की ओर भारतीय समाज
राजनीति मोदी का पौधा रोपण है योगी March 27, 2017 by अतुल गौड़ | Leave a Comment नरेंद्र दामोदर दास मोदी ये नाम आज कौन नहीं जानता देश दुनिया सब हैरान हैं विपक्ष परेशान है ऐसे में यूपी में योगी की ताज पोशी कोई एक्सपेरिमेंट नहीं बल्कि एक सोचा समझा कदम जान पड़ता है या यूँ कहें की योगी मोदी का पौधा रोपण है तो भी शायद गलत नहीं होगा इस साहस […] Read more » Featured Modi Yogi Yogi CM in Uttar Pradesh पौधा रोपण है योगी मोदी मोदी का पौधा रोपण योगी