आर्थिकी विविधा प्रधानमंत्री से रक्षा बजट पर देश को उम्मीदें December 17, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment हाल ही में आई शोध फर्म आइएचएस मार्किट की जेन्स डिफेंस बजट्स रिपोर्ट 2016 बताती है कि रक्षा पर खर्च करने वाले दुनिया के शीर्ष पांच देशों में अमेरिका, चीन और ब्रिटेन के बाद भारत का चौथा स्थान है। इस साल भारत का रक्षा बजट 50.7 अरब डॉलर (करीब 3.41 लाख करोड़ रुपये) है। जबकि पिछले साल यह 46.6 अरब डॉलर था। इस रिपोर्ट के आंकड़े देखकर एक बात की संतुष्टि तो है कि केंद्र में सत्ता परिवर्तन का लाभ सामरिक मामले में भी हुआ है Read more » Army budget Featured Indian defence budget
आर्थिकी विविधा ‘मेरा भारत महान’, जहाँका ‘जनजन बेईमान’ December 17, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 2 Comments on ‘मेरा भारत महान’, जहाँका ‘जनजन बेईमान’ इस देश के रग-रग में भ्रष्टता है, चाहे वो नोट बंदी में चीखे या न चीखे। मुझे बस एक ही ईमानदार दिखाई दे रहा है। इस कुरुक्षेत्र में वो प्रधान सेवक है, वो बर्बरीक है, जिसने अपने ही हाथों अपनी गर्दन काटकर (भ्रष्टाचार मुक्त करने का संकल्प लेकर) खूब तमाशा देख व दिखा रहा है। उस बर्बरीक ने सबको नंगा करके रख दिया है । अपनों को,गैरों को, मुझको, आपको और सबको।हम यदि उसको सहयोग ना कर सके तो कमसे कम हो-हल्ला करने वालों को रोकने-टोकने वा जनता में उसके सही मैसेज को पहुंचाने का काम तो कर ही सकते हैं। Read more » ‘जनजन बेईमान’ Featured notebandi मेरा भारत’ “महान
आर्थिकी वीडियो बीता साल नोटबन्दी का हाहाकार : क्राइम ग्राफ नीचे December 15, 2016 by अनिल अनूप | Leave a Comment #नोटबंदी के बाद काली कमाई को ठिकाने लगाने के कई दिलचस्प किस्से सामने आए. कहीं जुगाड़ से काले धन को बैंक में जमा करा लिया तो कहीं पर पैसों को दान-दक्षिणा में बांट दिया...लेकिन, जब इतने से भी मामला सेट नहीं हुआ तो धन कुबेरों को पानी में बहाना पड़ा काली कमाई का खजाना. Read more » crime graph down due to notebandi Featured नोटबंदी नोटबन्दी का हाहाकार
आर्थिकी विविधा नीचे के भ्रष्टाचार पर भी कार्यवाही हो December 15, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए केन्द्र सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक प्रकार से आयुर्वेद जैसी उपचार पद्धति अपनाई है। आयुर्वेद उपचार की विशेषता है कि धीरे धीरे ही सही समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी। किसी भी प्रकार की समस्या को इस पद्धति से समाप्त करने के लिए धीरज रखने की आवश्यकता है। देश की जनता जितना धीरज से काम लेगी, उतना ही अ‘छा होगा। इससे देश को तो बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला ही है, लेकिन आम जनता भी आने वाले समय में प्रसन्नता का अनुभव करेगी। Read more » Featured notebandi नीचे के भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार
आर्थिकी विविधा नोटबंदी को पलीता लगाते बैंक December 13, 2016 / December 13, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव पुराने नोटों के बदले नए नोटों के रूप में जिस तरह से कालेधन को सफेद धन में बदलने का काम बैंक कर रहे हैं, उससे साफ है नरेंद्र मोदी की इस पहल को पलीता लगाने का काम देश के सरकारी और निजि बैंक कर रहे हैं। यही वजह है कि बैंकों में कतारें […] Read more » Featured नोटबंदी नोटबंदी को पलीता लगाते बैंक बैंक
आर्थिकी विविधा भारतीय रुपये का इतिहास December 13, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 2 Comments on भारतीय रुपये का इतिहास *डा.राधेश्याम द्विवेदी* रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द ‘रुप्’ या ‘रुप्याह्’ में निहित है, जिसका अर्थ चाँदी होता है और ‘रूप्यकम्’ का अर्थ चाँदी का सिक्का होता है। मुद्राओं के रंग-रूप और मूल्य कई बार बदले गये हैं. उनमें जालसाजी रोकने के लिए सुरक्षा के उपाय किये जाते रहे हैं. भारत में पहले चीन […] Read more » Featured भारतीय रुपये का इतिहास
आर्थिकी आलोचना जिन पर देश बदलने की जिम्मेदारी है वो नहीं बदल रहे तो देश कैसे बदलेगा December 12, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 1 Comment on जिन पर देश बदलने की जिम्मेदारी है वो नहीं बदल रहे तो देश कैसे बदलेगा कभी हमारी सरकार ने सोचा है कि भारत के जिस आम आदमी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपना सब कुछ लुटा दिया था औरतों ने अपने गहने कपड़े ही नहीं अपने बच्चों तक को न्यौछावर कर दिया था , वो आम आदमी जो मन्दिरों में दान करने में सबसे आगे होता […] Read more » currency crisis created by banks Featured money laundering by banks
आर्थिकी राजनीति एसोचैम की बातों को गंभीरता से लेने की जरूरत December 12, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment बड़े नोटों को बंद करने का निर्णय जिस तरह से सामने आया, उसके बाद देशभर से मिली-जुली प्रक्रिया अब तक आ ही रही है। विपक्ष जहाँ इसके लिए सरकार पर कई आरोप लगा रहा है, यहाँ तक कि देश की जीडीपी ग्रोथ गिरने तक की बात करने के साथ इससे जोडक़र अन्ये मुद्दों को भी प्रमुखता से उठा रहा है तो वहीं केंद्र सरकार से लेकर कई ऐसे संगठन भी हैं जो इस निर्णय के पक्ष में नजर आ रहे हैं। Read more » ASSOCHAM Featured एसोचैम
आर्थिकी राजनीति #नोटबंदी की समीक्षा December 12, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on #नोटबंदी की समीक्षा नोटबंदी भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. प्रधानमंत्री ने अपनी ‘मन की बात’ में भी अपनी इस इच्छा को जताया है. नोटबंदी के समर्थकों और आलोचकों दोनों के मन में यह सवाल है कि क्या भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था के लिए तैयार है? एक बहुत बड़ी आबादी इस देश में रहती है जिसके लिए ग्रामीण, अशिक्षित और बैंक अकाउंट्स व स्मार्टफोन के बगैर इस नई व्यवस्था से जूझना काफी मुश्किल है. Read more » #नोटबंदी की समीक्षा Featured नोटबंदी
आर्थिकी विविधा #नोटबंदी के एक माह बाद देश के हालात December 12, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | 3 Comments on #नोटबंदी के एक माह बाद देश के हालात 500 व एक हजार का #नोटबंद होने के बाद एक महीना बीत चुका है। पीएम मोदी ने देशवासियों के सहयोग से #कालेधन और #भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की ऐतिहासिक शुरूआत कर दी है। पीएम मोदी जनसभाओं व कार्यक्रमों में #नोटबंदी को अब तक का सबसे ऐतिहासक कदम बता रहे हैं और विपक्ष नोटबंदी को लेकर लगातार आक्रामक बना हुआ है। Read more » effect of notebandi after one month Featured notebandi नोटबंदी
आर्थिकी विविधा #नोटबंदी से भ्रष्टाचार मुक्त डिजिटल भारत की ओर December 9, 2016 by विनोद बंसल | 1 Comment on #नोटबंदी से भ्रष्टाचार मुक्त डिजिटल भारत की ओर आठ नवम्बर 2016 के आठ बजे की वह घडी भारतीय अर्थ व्यवस्था के शुद्धिकरण के लिए एक ऐतिहासिक पल के रूप में जानी जाएगी। 500 व 1000 रूपए के नोटों को चलन से बंद करने की अचानक घोषणा ने समस्त देश वासियों को हिला कर रख दिया. गत एक माह के अनुभव ने एक बात तो सिखा दि कि हम समस्त भरत वंशियों को अब नकदी के मोह से उबर कर ‘नकदी रहित व्यवहार(कैश लैस ट्रान्जेक्शन)’ का अभ्यास तुरंत प्रभाव से करना पडेगा, जो दुनियाभर के विकसित तथा विकासशील देश पहले से ही सफ़लता पूर्वक कर रहे हैं। Read more » #cashless #cashlesstransactions #भ्रष्टाचार मुक्त डिजिटल भारत Featured कैसे करें बिना नकदी के भुगतान: डिजिटल भारत नोटबंदी
आर्थिकी विधि-कानून विविधा वस्तु एंव सेवा कर : एक लाभकारी कदम December 5, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on वस्तु एंव सेवा कर : एक लाभकारी कदम एक बहुचर्चित विधेयक है जिसमें 01 अप्रैल 2017 से पूरे देश में एकसमान मूल्य वर्धित कर लगाने का प्रस्ताव है। इस कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कहा गया है। यह एक अप्रत्यक्ष कर होगा जो पूरे देश में निर्मित उत्पादों और सेवाओं के विक्रय एवं उपभोग पर लागू होगा। 03 अगस्त 2016 को राज्यसभा में यह बिल पारित हो गया। Read more » Featured जीएसटी जीएसटी का आम जन पर प्रभाव जीएसटी का व्यवसायों पर प्रभाव जीएसटी की चार स्तरीय की दर टैक्स पर टैक्स व्यवस्था समाप्त वस्तु एंव सेवाकर