आर्थिकी आर्थिक मंदी में चुनावी तड़का April 15, 2014 / April 15, 2014 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- भारत में फिलहाल मंदी के आलम पर निर्वाचन का पर्दा डल गया है, लेकिन हकीकत यह है कि मजबूत अर्थव्यवस्था के दावे ढोल में पोल हैं। सरकारी मतदाताओं को लुभाने के दृष्टिगत केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की जो घोषणा की हैं और अंतरिम बजट रोजगार योजनाओं के मद में आगामी वित्तीय […] Read more » election twist in economic crisis आर्थिक मंदी में चुनावी तड़का
आर्थिकी सच ही तो कह रहे हैं रिजर्व बैंक के गवर्नर April 12, 2014 by रमेश पांडेय | Leave a Comment -रमेश पाण्डेय- रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का यह कहना कि किसी भी देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, उस देश को अपने बाह्य झटकों से पूरी तरह नहीं बचा सकता। यह उनकी सही और सटीक दृष्टि है। हाल ही में वाशिंगटन के ब्रूकिंग्स इंस्टीच्यूशन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में राजन ने कहा […] Read more » Raghuram Rajan RBI governor सच ही तो कह रहे हैं रिजर्व बैंक के गवर्नर
आर्थिकी ‘मुहावरा रह गई दाल-रोटी’ February 28, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -भरतचंद्र नायक- हर मुल्क का आत्मदर्शन, प्रतिबद्धताएं और वर्जनाएं होती हैं जो कौम की दिशा निर्देश बनती है। भारत में दाल रोटी की पूर्ति करने के लिए आजीविका चलते रहना हमारे परम संतोष का विषय रहा है। इसलिए खेती को आजीविका के बजाय धर्म और संस्कृति के रूप में आत्मसात किया गया है। आाजदी के […] Read more » ‘मुहावरा रह गई दाल-रोटी’ Agriculture condition in India
आर्थिकी बिहार में गैरबराबरी की बढ़ती खाई February 26, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment आलोक कुमार विकास दर के आँकड़ों में वृद्धि दर्शाने के बावजूद बिहार में ग्रामीण जनता की जरुरत के हिसाब से मुठ्ठी भर भी नए रोजगार का सृजन नहीं हो पाया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बदहाली , ग्रामीण इलाकों के कुटीर और शिल्प उद्योगों का ठप्प पड़ना, घटती खेतिहर आमदनी और मानव-विकास के सूचकांकों से मिलती खस्ताहाली […] Read more » बिहार में गैरबराबरी की बढ़ती खाई
आर्थिकी महंगाई के कारण यह भी हैं! October 26, 2013 / October 28, 2013 by कन्हैया झा | Leave a Comment भारत में पिछली शताब्दी के प्रारम्भ से ही अनाज के व्यापार में आढती शामिल हो गए थे. फसल आने से पहले ही ये किसानो से तथा खाद्यान प्रोसेसर जैसे कि बिस्कुट आदि के उत्पादक, आदि से सौदा कर लेते थे. इससे किसानों को भी उचित दाम मिल जाता था तथा खाद्यान प्रोसेसर भी निश्चित मूल्य […] Read more » Featured महंगाई
आर्थिकी भूमि अधिग्रहण बिल और विकास समस्या September 18, 2013 / September 18, 2013 by कन्हैया झा | 2 Comments on भूमि अधिग्रहण बिल और विकास समस्या कन्हैया झा भूमि अधिग्रहण बिल केंद्र सरकार ने 5 सितम्बर 2013 में पास कर दिया है. जिस प्रकार खाद्य सुरक्षा बिल के पीछे सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की प्रतिष्ठा जुडी थी उसी प्रकार भूमि अधिग्रहण बिल से राहुल गांधी की प्रतिष्ठा जुडी है. पिछले कुछ समय से वे कुछ किसानों के […] Read more » भूमि अधिग्रहण बिल
आर्थिकी महत्वपूर्ण लेख वैश्विक उन्नति का मापदण्ड और उसके प्रभावक पहलु। September 18, 2013 / September 18, 2013 by डॉ. मधुसूदन | 19 Comments on वैश्विक उन्नति का मापदण्ड और उसके प्रभावक पहलु। डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश: शीर्षक देने में, कुछ कठिनाई, अनुभव कर रहा हूँ। यदि प्रश्न उठाए जाएंगे, तो और उत्तर ढूंढने का प्रामाणिक प्रयास किया जाएगा।वैसे यह विषय एक से अधिक आलेखों के लिए उचित है। आ.गङ्गानन्द जी के,अनुरोध पर , इस आलेख में, “पश्चिमी सभ्यता (संस्कृति?) के उन पहलुओं पर रोशनी डालनेका प्रयास किया […] Read more » वैश्विक उन्नति का मापदण्ड
आर्थिकी गरीबी का इलाज मुट्ठी भर दाना नही है। September 11, 2013 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment जावेद उस्मानी भूख और गरीबी राष्ट्रीय चिंता का विषय है। इस बीमारी से मुक्ति के लिए लंबे अर्से से प्रयास जारी है लेकिन जमीनी उपायों के अभाव में यह समस्या मंहगार्इ की तरह दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। भूख एक अति संवेदनशील मसला है जिसके मूल में गरीबी है। […] Read more » गरीबी का इलाज मुट्ठी भर दाना नही है।
आर्थिकी राजनीति कोलगेट गलत नहीं तो फार्इलें गुम क्यों हुर्इं ? September 11, 2013 / September 11, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव संसद में प्रधानमंत्री डा. मनमोहनसिंह ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं जिससे संतुष्ट हुआ जाये। यदि कोयला घोटाले में कुछ गलत नहीं हुआ है तो फार्इलें गुम क्यों हुर्इं ? जाहिर है गायब हुर्इ फार्इलों में कुछ तो ऐसे रहस्य दर्ज हैं जिनके उजागर होने से सरकार में शामिल प्रधानमंत्री से लेकर अन्य […] Read more » कोलगेट गलत नहीं तो फार्इलें गुम क्यों हुर्इं ?
आर्थिकी देश पर आर्थिक संकट…. कैसे निकलें? September 7, 2013 by बीनू भटनागर | 1 Comment on देश पर आर्थिक संकट…. कैसे निकलें? देश की कठिन आर्थिक स्थिति और लगातार कमज़ोर होता रुपया भारत वासियों के लियें चिन्ता का बहुत बड़ा कारण है। मौजूदा सरकार के भ्रष्टचार और घोटालों की वजह से उसकी साख पूरी तरह गिर चुकी है, अगामी चुनाव तक उसपर भरोसा करना हमारी मजबूरी है।विदेशों से काला धन वापिस आजाये तो यह समस्या सुलझ सकती […] Read more » देश पर आर्थिक संकट.... कैसे निकलें?
आर्थिकी अविलम्ब बंद हो तेल के दुरुपयोग का खेल September 7, 2013 by मिलन सिन्हा | 1 Comment on अविलम्ब बंद हो तेल के दुरुपयोग का खेल मिलन सिन्हा डीजल और पेट्रोल के कीमतें निरंतर बढ़ रहीं हैं। रुपये के गिरते मूल्य के कारण खुदरा बाजार में […] Read more »
आर्थिकी रुपये का गिरना : कितना सच, कितना झूठ September 2, 2013 by जगत मोहन | 2 Comments on रुपये का गिरना : कितना सच, कितना झूठ सरकार कंगाल और उधोगपति मालामाल चारों तरफ शोर मचा है रुपया गिर गया। लेकिन क्या वास्तव में रुपया गिर गया है? अगर यह रुपया गिरा है तो किसके लिये गिरा है? क्या इसके बारे में आपको पता है? यदि हाँ, तो क्या जो लोग रुपये के गिरने के कारण बने है उन पर कोर्इ कार्रवार्इ […] Read more » रुपये का गिरना