लेख भारत : नामकरण एवं परंपरा June 7, 2021 / June 7, 2021 by वीरेन्द्र परमार | Leave a Comment भारत की पुण्य भूमि में जन्म लेना मनुष्य का परम सौभाग्य माना जाता है I देवताओं, ऋषियों और मुनियों ने भी इस पावन भूमि की प्रशंसा की है I भारत भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है, बल्कि यह हजारों वर्षों की ज्ञान परंपरा है, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का उद्घोष है, ऋग्वेद की ऋचाएं हैं, गौतम […] Read more » India: Nomenclature and Tradition नामकरण एवं परंपरा भारत भारत : नामकरण
व्यंग्य स्वास्थ्य-योग बदलाव का प्रतीक है कोरोना June 6, 2021 / June 6, 2021 by नवेन्दु उन्मेष | Leave a Comment नवेन्दु उन्मेष हम जमाने से सुनते आये है कि दुनियां हमेशा से बदलती रही है। अगर दुनियानहीं बदले तो आदमी आगे नहीं बढ़ता है। दुनियां बदलती है तो आदमी भी बदलताहै। दुनिया के बदलने से प्रगति की भी लहर आती है। इसी लिए मेरा मानना हैकि कोरोना भी बदलाव का ही दूसरा रूप है। अब […] Read more » कोरोना
कविता सिद्धार्थ गौतम भगवान बुद्ध June 6, 2021 / June 6, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकब्राह्मणवाद और जातिप्रथा के बैरीअवतारवाद के दुश्मन,अहिंसा की मूर्तिबुद्ध तथागत कोतुमने ही दरेरा मारकरघर से निकाला!उनके अहिंसा दर्शन को चुराकरस्वनाम घोषित किया,प्रबुद्ध बुद्ध/बौद्ध जन को बुद्धू बनाकर!तुम्हारी खोखलीअवतारवाद और पुनर्जन्म कीकपोल कल्पना की पोल खोलते,उन्होंने ही कहा थातुम मृत मानवीय समाधिऔर पाषाण मूर्ति को पूज सकते!किन्तु दीन-दलित जीवंत मानवीयप्रतिमा को छूने से कतराते,तुम […] Read more » Siddhartha Gautama Lord Buddha सिद्धार्थ गौतम भगवान बुद्ध
लेख कोरोना काल में झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे ग्रामीणों का जीवन June 5, 2021 / June 5, 2021 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अमृतांज इंदीवर मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव भले ही धीरे धीरे कम हो रहा है, लेकिन इसका खौफ अब भी शहर से लेकर गांव तक देखा जा सकता है। चारों तरफ चीख, पुकार, मदद की गुहार, सांसों को थामे रखने के लिए जद्दोजहद ने हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख […] Read more » कोरोना काल झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे ग्रामीणों का जीवन
कविता प्रकृति व पर्यावरण June 5, 2021 / June 5, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जब पल पल पेड़ कटते जायेंगे ,तब सब जंगल मैदान बन जायेंगे |मानव तब बार बार पछतायेगा ,जब सारे वे मरुस्थल बन जायेगे || जब पौधे सिमट गए हो गमलो में ,प्रकृति सिमट गयी हो बंगलो में |जब उजाड़ जायेगे घौसले पेड़ो से,तब बन्द हो जायगे पक्षी पिंजरों में || जब गांव बस रहे हो […] Read more » Nature and environment प्रकृति व पर्यावरण
पर्यावरण लेख धरती की सुरक्षा का घेरा है ओजोन परत June 4, 2021 / June 4, 2021 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ. शंकर सुवन सिंह मानव प्रकृति का हिस्सा है। प्रकृति व मानव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के बिना मानव की परिकल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति दो शब्दों से मिलकर बनी है – प्र और कृति। प्र अर्थात प्रकृष्टि (श्रेष्ठ/उत्तम) और कृति का अर्थ है रचना। ईश्वर की श्रेष्ठ रचना अर्थात सृष्टि। प्रकृति […] Read more » Ozone layer Ozone layer is the circle of protection of the earth world environment day
टेलिविज़न मनोरंजन मीडिया लेख एजेंडा सेटिंग नहीं, लोकमंगल है मीडिया का धर्म June 4, 2021 / June 4, 2021 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -प्रो.संजय द्विवेदी शानदार जनधर्मी अतीत और उसके पारंपरिक मूल्यों ने मीडिया को समाज में जो आदर दिलाया है, वह विलक्षण है। हिंदी पत्रकारिता की नींव में ही संस्कारों का पाठ है और गहरा मूल्यबोध उसकी चेतना में रचा-बसा है। 30 मई,1826 को कोलकाता से जब पं. युगुल किशोर शुक्ल ने उदंत मार्तंण्ड का प्रकाशन प्रारंभ […] Read more » Agenda setting Lokmangal is the religion of media लोकमंगल है मीडिया का धर्म
पर्यावरण लेख विकास की अंधी दौड़ में मनुष्य कर रहा प्रकृति का नाश June 4, 2021 / June 4, 2021 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment हर साल पूरे विश्व में पांच जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पर्यावरण दिवस पर्यावरण के संरक्षण के लिए शपथ लेने का दिन है। सभी लोगों को आज के दिन इस प्रकृति और पर्यावरण को सहेजने की जिम्मेदारी लेनी चाहिये। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित यह दिवस पर्यावरण के प्रति अंतर्राष्ट्रीय […] Read more » world environment day 05 ju विश्व पर्यावरण दिवस 05 जून
पर्यावरण लेख भारतीय धरा हमारी मां है अतः पर्यावरण संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है June 4, 2021 / June 4, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया के अनुसार, पर्यावरण शब्द ‘परि+आवरण’ के संयोग से बना है। ‘परि’ का आश्य चारों ओर तथा ‘आवरण’ का आश्य परिवेश है। पर्यावरण के दायरे में इसलिए वनस्पतियों, प्राणियों और मानव जाति सहित सभी सजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को शामिल किया जाता है। वास्तव में पर्यावरण में जल, अग्नि, वायु, […] Read more » environment day पर्यावरण संरक्षण पर्यावरण संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य
पर्यावरण लेख पर्यावरण की रक्षा में शैक्षिक संगठनों की खास भूमिका June 4, 2021 / June 4, 2021 by प्रो.धीरेंद्र पाल सिंह | Leave a Comment हरित परिसर हेतु लें संकल्प पर्यावरण की सुरक्षा, चिंता और संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए हर साल हम 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 मे की थी। […] Read more » The special role of educational organizations in protecting the environment पर्यावरण की रक्षा में शैक्षिक संगठनों
पर्यावरण लेख बड़ा पर्यावरणीय खतरा है ग्लेशियर का पिघलना June 4, 2021 / June 4, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इंसानों को प्रकृति, पृथ्वी एवं पर्यावरण के प्रति सचेत करने के लिए यह खास दिवस मनाया जाता है, और देश एवं दुनिया में पर्यावरण संरक्षण की याद दिलाई जाती है। यह सर्वविदित है कि इंसान व प्रकृति के बीच गहरा संबंध है। […] Read more » 5 जून Glacier melting is a major environmental threat ग्लेशियर का पिघलना विश्व पर्यावरण दिवस
कविता यदुकुल शिरोमणि भगवान कृष्ण June 4, 2021 / June 4, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकयदुपति कृष्ण की वही गति थीजैसी है पिछड़ों की आजमहा मनस्वी यती-तपी थे,गीता के अमृत वाणी थे,किन्तु तुम्हारी घृणा भाव से,वे भी पानी-पानी थे!तुममें से किसी सहृदय नेउनका अग्रपूजन किया थालगे हाथ तुमने हीउन्हें सौ-सौ गालियां दी थी!आखिर क्या करते,करने चले थे सम्मानितस्वदलित पिछड़े बांधवों कोपर क्या स्वयं अपमानित हो मरते?आखिर क्या करते?समझौता […] Read more » यदुकुल शिरोमणि भगवान कृष्ण