विधि-कानून विविधा एक जज का मुअत्तिल होना! May 1, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment ओ.पी. मिश्रा नामक इस जज को इसलिए मुअत्तिल किया गया है कि उसने उप्र के एक पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को जमानत पर छोड़ दिया था। प्रजापति आजकल जेल में है। उस पर कई अपराधिक मुकदमे तो चल ही रहे हैं लेकिन जज मिश्रा ने उसे बलात्कार के एक बहुत चर्चित मामले में जमानत दे दी थी। अमेठी से विधायक रहे इस प्रजापति पर आरोप है कि उसने और उसके दो साथियों ने एक औरत के साथ बलात्कार किया और बेटी के साथ भी जोर-जबर्दस्ती की। Read more » जज का मुअत्तिल होना
विधि-कानून विविधा “समान नागरिक संहिता” क्यों आवश्यक है…? April 23, 2017 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment "समान नागरिक संहिता" ऐसी होनी चाहिये जिसका मुख्य आधार केवल भारतीय नागरिक होना चाहिये और कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म, जाति व सम्प्रदाय का हो सभी को सहज स्वीकार हो। जबकी विडम्बना यह है कि एक समान कानून की मांग को साम्प्रदायिकता का चोला पहना कर हिन्दू कानूनों को अल्पसंख्यकों पर थोपने के रुप में प्रस्तुत किया जाने का कुप्रचार किया जा रहा है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 1947 में हुए धर्माधारित विभाजन के पश्चात भी हम आज लगभग 70 वर्ष बाद भी उस विभाजनकारी व समाजघाती सोच को समाप्त न कर सकें बल्कि उन समस्त कारणों को अल्पसंख्यकवाद के मोह में फंस कर प्रोत्साहित ही करते आ रहे है। हमारे मौलिक व संवैधानिक अधिकारो व साथ में पर्सनल लॉ की मान्यताए कई बार विषम परिस्थितियां खड़ी कर देती है , तभी तो उच्चतम न्यायालय "समान नागरिक संहिता" बनाने के लिए सरकार से बार-बार आग्रह कर रहा है। Read more » Featured uniform civil code समान नागरिक संहिता
विधि-कानून विविधा शख्सियत बाबासाहेब – एक अनुकरणीय व्यक्तित्व April 13, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment पूना पैक्ट की पीठ तक की यात्रा तक में बाबा साहेब भारत की एक बड़े दलित राजनैतिक केंद्र और संस्था के रूप में स्थापित हो चुके थे. ब्रिटिशर्स और गांधी दोनों के ही प्रति जातिगत व्यवस्थाओं में परिवर्तन को लेकर उदासीनता को लेकर वे खिन्नता प्रकट करते थे. दलितों और अछूतों की स्वतंत्र राजनैतिक परिभाषा और पहचान को लेकर वे संघर्ष को तीक्ष्ण कर रहे थे उस दौर में बाबा साहेब ने गांधी के प्रति यह नाराजगी भी प्रकट किया था कि वे दलितों को हरिजन कहनें के पीछे जिस प्रकार का भाव प्रकट करते हैं उसमें दलित देश में एक करुणा मात्र की वस्तु बन कर रह गएँ हैं. Read more » baba saheb ambedkar Featured पूना पैक्ट बाबासाहेब महाड़ आन्दोलन
विधि-कानून विविधा अब निर्वाचन आयोग में सुधार की बारी March 29, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment अरुण तिवारी आज़ाद भारत का पहला चुनाव 1952 में हुआ था। किंतु भारत के निर्वाचन आयोग की शक्तियों का एहसास जनता को पहली बार तब हुआ, जब 1990 में टी. एन. शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त हुए। इसके बाद से निर्वाचन आयोग ने हर चुनाव में अपने को बेहतर करने की कोशिश की; बावजूद इसके हर […] Read more » Featured improvement in election commission आदर्श आचार संहिता उल्लंघन पर कार्रवाई निर्वाचन आयोग निर्वाचन आयोग के अधिकार निर्वाचन आयोग में सुधार
कला-संस्कृति विधि-कानून नवसंवत्सर एक नये सफर की शुरूआत March 27, 2017 / March 27, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment नवसंवत्सर 'न्यू ईयर' जैसे केवल 12 महीने का समय नापने की एक ईकाई न होकर खगोलीय घटनाओं के आधार पर भारतीय समाज के लिए सामाजिक सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक तरीके से जीवन पद्धति का पथ प्रदर्शक है। यह केवल एक नए महीने की एक नई तारीख़ न होकर पृथ्वी के एक चक्र को पूर्ण कर एक नए सफर का आरंभ काल है। यह वह समय है जब सम्पूर्ण प्रकृति पृथ्वी को इस नए सफर के लिए शुभकामनाएँ दे रही होती है। जब नए फूलों और पत्तियों से पेड़ पौधे इठला रहे होते हैं , जब मनुष्य को उसके द्वारा साल भर की गई मेहनत का फल लहलहाती फसलों के रूप में मिल चुका होता है ( होली पर फसलें कटती हैं ) और पुनः एक नई शुरुआत की प्रेरणा प्रकृति से मिल रही होती है। Read more » Featured gudi padwa एक नये सफर की शुरूआत नवसंवत्सर
विधि-कानून विविधा सरकारी भर्तियां: नींद कब खुलेगी? March 25, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment इस नीति के विरुद्ध कुछ प्रबुद्ध सांसदों ने कल राज्यसभा में आवाज उठाई है। उनमें से कुछ सांसद मेरे पुराने साथी हैं। उन्हें मैं बधाई देता हूं। अब से लगभग 25 साल पहले मैंने इस भाषा नीति के विरुद्ध एक जोरदार आंदोलन चलाया था। Read more » Featured UPSC exams to be held in hindi language संघ लोग सेवा आयोग की भर्ती-परीक्षा
राजनीति विधि-कानून चुनाव सुधार : बस, चार कदम चलना होगा February 23, 2017 by अरुण तिवारी | Leave a Comment जनगणना-2011 के अनुसार, कुल भारतीय ग्रामीण आबादी में से 74.5 प्रतिशत परिवारों की आय पांच हजार रुपये प्रति माह से कम है। इसके विपरीत भारत की वर्तमान केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में से 76 करोड़पति हैं। राज्य विधानसभाओं के 609 मंत्रियों में से 462 करोड़पति हैं। स्पष्ट है कि भारत की जनता गरीब है, […] Read more » Featured काॅरपोरेट फंडिग बंद हो चुनाव आयोग चुनाव आयोग को मिलें न्यायिक शक्तियां दलविहीन चुनाव दलविहीन चुनाव शुरु हों स्वयं सुधरे चुनाव आयोग
विधि-कानून विविधा अदालतों से अंग्रेजी को भगाओ February 21, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | 5 Comments on अदालतों से अंग्रेजी को भगाओ कानून और न्याय की संसदीय कमेटी ने बड़ी हिम्मत का काम किया है। उसने अपनी रपट में सरकार से अनुरोध किया है कि वह सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों में भारतीय भाषाओं के प्रयोग को शुरु करवाए। उसने यह भी कहा है कि इसके लिए उसे सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति या सहमति की जरुरत नहीं है, […] Read more » Featured कानून और न्याय की संसदीय कमेटी
विधि-कानून समाज शादी को तमाशा न बनाएं! February 17, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment कांग्रेस की सांसद श्रीमती रंजीत रंजन एक ऐसा विधेयक पेश कर रही हैं, जो अगर कानून बन गया तो सारे देश का बड़ा लाभ होगा। यह ऐसा कानून बनेगा, जिससे सभी जातियों, सभी मजहबों और सभी प्रांतों के लोगों को लाभ मिलेगा। यह विधेयक शादी में होने वाले अनाप-शनाप खर्चे पर रोक लगाने की मांग […] Read more » #Ranjeet Ranjan #डा वेदप्रताप वैदिक कालम Congress marriage bill कांग्रेस कानून रंजीत रंजन शादी को तमाशा न बनाएं
राजनीति विधि-कानून माननीयों को उच्चतम न्यायालय का संदेश February 17, 2017 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारतीय परिवेश में तोहफों का अपना एक महत्व हैं। भारत में ही क्यों दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ, गिफ्ट देने और लेने का अपना आनन्द है, लेकिन जिस तरह इन तौहफों के फेर में स्वार्थी तत्व अपने कार्यों को करवाने में माननीयों से कामयाब हो जाते हैं, तब जरूर […] Read more » Featured आय से अधिक संपत्ति के मामले उच्चतम न्यायालय उच्चतम न्यायालय का संदेश जयललिता जयललिता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले
विधि-कानून विविधा जस्टिस कर्णन लड़ें जरुर लेकिन…. February 13, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक कोलकाता उच्च न्यायालय के चर्चित जज सी.एस. कर्णन ने अब एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। वैसे भी जब वे मद्रास उच्च न्यायालय में थे, तब भी उन्होंने अपनी साथी जजों के विरुद्ध आदेश जारी कर दिए थे। उन्हें सबसे बड़ी शिकायत यह है कि मद्रास हाईकोर्ट के कई जज […] Read more » Justice CS Karnan did not appear before court जस्टिस कर्णन
विधि-कानून विविधा कठघरे में संविधान !? January 28, 2017 by मनोज ज्वाला | 6 Comments on कठघरे में संविधान !? मनोज ज्वाला हमारे देश भारत का संविधान ‘भारतीय संविधान’ नहीं है , यह ‘अभारतीय संविधान’ है । मतलब यह कि जिसे भारतीय संविधान कहा जा रहा है , इसका निर्माण हम भारत के लोगों ने अथवा हमारे पूर्वजों ने हमारी इच्छानुसार नहीं किया है । वैसे कहने-कहाने देखने-दिखाने को तो इस संविधान की मूल प्रति […] Read more » constitution of India Featured Indian constitution कठघरे में संविधान