खान-पान समाज पूर्वोत्तर भारत के आदिवासी समुदाय का खान – पान August 15, 2017 / September 22, 2017 by वीरेन्द्र परमार | Leave a Comment वीरेन्द्र परमार भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार और तिब्बत – पाँच देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम – इन आठ राज्यों से बना समूह पूर्वोत्तर कहलाता है। यह क्षेत्र भौगोलिक, पौराणिक, ऐतिहासिक एवं सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है । संस्कृति, […] Read more » north eastern adiwasi the fooding habit of north eastern adiwasi आदिवासी समुदाय का खान – पान
समाज स्वराज्य प्राप्ति व देश की आजादी के प्रथम उद्घोषक एवं प्रेरक ऋषि दयानन्द August 15, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment देश की आजादी की 70वीं वर्षगाठ पर मनमोहन कुमार आर्य हमारे देश को आठवीं शताब्दी व उसके बाद मुसलमानों ने गुलाम बनाया था और उसके बाद अंग्रेजों की ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने इस पर राज्य किया। वास्तविकता यह है कि सृष्टि के आरम्भ में मनुष्य सृष्टि तिब्बत में हुई थी। सारे विश्व के पूर्वज […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
समाज सावर्जनिक संवाद में गिरावटः सनक में बदलती उत्तेजना August 15, 2017 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने आप में एक समर्थ और ताकतवर नेता हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी सोशल मीडिया एक्टिविस्ट को उनकी मदद की दरकार है लेकिन लोग हैं कि मोदी जी की मदद के लिए मैदान में उतरकर उनकी भी छवि खराब करते हैं। हर बात पर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री न दोषी हो सकता है न ही उन्हें दोष दिया जाना चाहिए। किंतु अगर लोग किन्हीं कारणों से अपने नेता से सवाल पूछ रहे हैं तो उनसे यह हक नहीं छीना जाना चाहिए। लोग अपने चुने गए प्रधानमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों से सवाल कर सकते हैं, यह उनका जायज हक है। आप उन्हें ‘ट्रोलिंग’ करके खामोश करना चाहते हैं तो यह अलोकतांत्रिक आचरण है। एक लोकतंत्र में रहते हुए संवाद-विवाद की अनंत धाराएं बहनी ही चाहिए, भारत तो संवा Read more » Featured lack of communication lynching अनियंत्रित भीड़ उत्तेजना मुख्यधारा का मीडिया सनक संवाद में गिराव सावर्जनिक संवाद
समाज सुखी जीवन के उपाय स्वाध्याय, साधना और सदाचार August 14, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में जितने भी प्राणी है वह सब सुख की कामना करते हैं, दुःख की कामना कोई भी नहीं करता। ईश्वर भी किसी को अपनी ओर से दुःख देना नहीं चाहता। उसने यह सारी सृष्टि मनुष्य आदि सभी प्राणियों के सुख के लिए बनाई है। फिर भी सभी प्राणी सुख व दुःख […] Read more » सदाचार साधना सुखी जीवन के उपाय स्वाध्याय
समाज सेवा हमारी और मौत उनकी August 14, 2017 / August 18, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment दिल्ली के एक मलकूप (सेप्टिक टैंक) को साफ करने में दो सगे भाइयों की बलि कैसे चढ़ गई, यह सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जैसे ही जहांगीर और एजाज़ मलकूप में घुसे, जहरीली गैस ने उनका दम घोंट दिया। उन्हें देखने के लिए उनके पिता युसुफ ने उस टैंक में उतरने की कोशिश की […] Read more » सेवा
समाज क्या आप जानते हैं इन अंधविश्वासों के वैज्ञानिक कारण—- August 13, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment प्रिय पाठकों,हमारे पूर्वजो द्वारा बनाए गए इन रिवाजों पीछे विज्ञान काम करता है। जी हां हर अंधविश्वास के पीछे छुपा है एक वैज्ञानिक तथ्य। आएये जानते है | हमारे देश भारत में अधंविश्वास से जुड़ी बातों को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है आज के समय में भी लोग अंधविश्वासों को मानने में पीछे नहीं […] Read more » 13 का अंक भी मानते हैं अशुभ-- Featured अंधविश्वासों के वैज्ञानिक कारण सूर्य को जल चढाने का वैज्ञानिक कारण
समाज क्यों हम बेटियों को बचाएँ August 11, 2017 / August 18, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment “मुझे मत पढ़ाओ , मुझे मत बचाओ,, मेरी इज्जत अगर नहीं कर सकते ,तो मुझे इस दुनिया में ही मत लाओ मत पूजो मुझे देवी बनाकर तुम ,मत कन्या रूप में मुझे ‘माँ’ का वरदान कहो अपने अंदर के राक्षस का पहले तुम खुद ही संहार करो।“ एक बेटी का दर्द चंडीगढ़ की सड़कों पर […] Read more » Featured save our girl child बेटियों को बचाएँ
समाज संसार में अधिकांश झगड़े, वाद-विवाद और कलह क्लेश हमारी जिह्वा पर हमारा नियंत्रण न होने के कारण होते हैं। August 8, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रसना और वासना व्यक्ति की सबसे बड़ी शत्रु हैं। जिह्वा का नियंत्रण समाप्त हुआ नहीं कि कुछ भी घटना घटित हो सकती है। जिह्वा के विषय में यह भी सत्य है कि- रहिमन जिह्वा बावरी कह गयी आल पताल। आप कह भीतर घुसी जूते खाय कपाल।। वेद का आदेश है :- सक्तुमिव तितउना पुनन्तोयत्र धीरा […] Read more » मधु वाणी वाद-विवाद वेद
समाज बेहतर हो कि हम लोगों की विकृत सोच बदलने पर विचार करें August 8, 2017 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष के बेटे ने चंडीगढ़ में जो हरकत की है, वह सभ्य समाज की मुंह पर कालिख है. चंडीगढ़ में शराब के नशे में टाटा सफारी में घूमते हुए एक युवती का पीछा करना. उसे डरते हुए भागते रहने के लिए मजबूर करना, यह बदतमीजी और ताकत के दंभ की […] Read more » Featured विकास बराला हरियाणा बीजेपी हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष सुभाष बराला हरियाणा बीजेपी उपाध्यक्ष रामवीर भट्टी
पर्यावरण समाज सार्थक पहल धरा को बचाने का संघर्ष कर रहे हैं आदिवासी August 6, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment विगत 100 वर्षों में विकास की सबसे ज्यादा कीमत किसी ने चुकाई है तो वे आदिवासी हैं। किसी को उसके घर से विस्थापित कर दिया जाए, उसकी आजीविका के जरिये छीन लिए जाएं और उसकी पहचान बदल कर इस धर्म या उस धर्म की बना दी जाए तो उससे दुर्भाग्यशाली भला और कौन होगा? आदिवासी […] Read more » adiwasi saving environment Featured आदिवासी
समाज वृद्धांे को जीने की नयी दिशा मिले August 6, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्गः हमारे देश में अन्तर्राष्ट्रीय दिवसों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। अगस्त माह में अनेेक अन्तर्राष्ट्रीय दिवस आयोजित होते हैं जैसे युवा दिवस, मित्रता दिवस, हिरोशिमा दिवस, स्तनपान दिवस, आदिवासी दिवस, मच्छर दिवस, फोटोग्राफी दिवस, मानवीय दिवस आदि-आदि उनमें एक महत्वपूर्ण दिवस है विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस जो 8 अगस्त को पूरी दुनिया […] Read more » Featured old age people जीने की नयी दिशा वृद्धांे
समाज माता-पिता के प्रति सन्तान के कर्तव्य August 6, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 8 Comments on माता-पिता के प्रति सन्तान के कर्तव्य आचार्य राधेश्याम द्विवेदी संसार का सुन्दरतम शब्द “माँ”:- संसार का सबसे सुन्दरतम व प्यारा शब्द “माँ” है? सबसे प्यारा, सबसे सुन्दरतम शब्द संसार में है– “माँ” l इसमें इतनी मीठास भरी हुई है ! माँ का पूरा स्नेह, पूरा प्यार. ! माँ या पिता, यानि दोनों का प्यार l माँ और पिता का जो दर्जा […] Read more » duty of child towards their parents सन्तान के कर्तव्य