आर्थिकी सेकुलर दियत……. May 8, 2012 / May 8, 2012 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गाँधी सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर से देश की न्याय प्रणाली को ‘धनशक्ति’ के बल पर मूक-बधिर बनाने के विदेशी षड्यंत्र पर अंकुश लगा दिया. माननीय न्यायधीशों ने केरल उच्च न्यायालय के उस निर्णय को भी भ्रामक करार दिया जिसमें मृतक मछ्वारों के परिवारवालों और इटली सरकार के नुमैन्दों के बीच कोर्ट के बाहर […] Read more » secular donation सेकुलर दियत
आर्थिकी डीज़ल महंगा होने का मतलब समझती है सरकार? April 29, 2012 / April 29, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | 2 Comments on डीज़ल महंगा होने का मतलब समझती है सरकार? इक़बाल हिंदुस्तानी मनमोहन सिंह जिन आर्थिक सुधारों को फिर से लागू करने को उतावले हैं उनसे कांग्रेस की बची खुची छवि पर भी पानी फिरेगा! ऐसा लगता है यूपीए सरकार डीज़ल के दाम बाज़ार के हवाले करके उस नीम हकीम ख़तरा ए जान के नक़्शे कदम पर चलने का फैसला कर चुकी है जो मरीज़ […] Read more » diesel becoming costlier डीज़ल महंगा
आर्थिकी मुसीबत में तंबाकू का गुटखा April 15, 2012 / April 15, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने तंबाकू की पुडि़या की बिक्री पर रोक लगाकर एक साहसिक कदम उठाया है। इसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतना कम है। 1 अप्रैल 2012 से तंबाकू की पुडिया बेचने पर पूरी तरह रोक लगा दी है। यदि वैशिवक युवा तंबाकू सर्वेक्षण रिपोर्ट को सही मानें तो […] Read more » tobbaco गुटखा तंबाकू
आर्थिकी एक और घोटाले ने बढ़ाई केंद्र सरकार की आफत April 13, 2012 / April 13, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 2 Comments on एक और घोटाले ने बढ़ाई केंद्र सरकार की आफत यूपीए-२ को घोटालों की सरकार कहें तो किसी को अचरज नहीं होगा| अपने ढ़ाई वर्ष से अधिक के कार्यकाल में संप्रग सरकार में जितने घोटाले हुए उतने आज़ादी के बाद से अब तक नहीं हुए| सरकार में शामिल मंत्रियों की कारगुजारियों को यूँ तो मीडिया तथा कैग सार्वजनिक करता रहा है तथा उच्च न्यायालय भी […] Read more » central goverment scam केंद्र सरकार की आफत घोटाले
आर्थिकी गरीबी की नई परिभाषा April 1, 2012 / April 1, 2012 by रवि शंकर (CEFS) | Leave a Comment रवि शंकर केन्द्र सरकार ने गरीबी की नई परिभाषा फिर तय की है। योजना आयोग की मानें तो देश की शहरी इलाको में प्रतिदिन 28 रुपये 65 पैसे व ग्रामीण इलाकों में रोज 22 रुपये 42 पैसे खर्च करने वाले व्यक्ति को गरीब नहीं कहा जा सकता। अत्याधिक महंगाई और खाद् पदार्थो की बढ़ती कीमतों […] Read more » poverty Poverty Line गरीबी
आर्थिकी शीर्ष न्यायालय और गरीबी रेखा March 30, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव देश के गरीबी रेखा की खिल्ली उड़ाने के साथ योजना आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय की भी खिल्ली उड़ार्इ है। क्योंकि इसी न्यायालय ने दिशा-निर्देश दिए थे कि गरीबी रेखा इस तरह से तय की जाए कि वह यथार्थ के निकट हो। इसके बावजूद आयोग ने देश की शीर्ष न्यायालय को भी आर्इना दिखा […] Read more » Poverty Line Supreme Court गरीबी रेखा शीर्ष न्यायालय
आर्थिकी खेती-किसानी का बजट March 28, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव उदारवाद के बाद यह पहला बजट है, जिसमें अन्नदाता के प्रभुत्व को फिर से स्वीकारने की शुरुआत हुर्इ है। कृषि, किसान, ग्रामीण विकास, उर्वरक, सिंचार्इ और इनसे जुड़ी तकनीक को विस्तार देने की झलक भी इस बजट में है। खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश को लाने के हठ में सरकार ने […] Read more » budget2012-13 central budget खेती-किसानी का बजट
आर्थिकी रेल किराया वृद्धि पर होती राजनीति? March 16, 2012 / March 16, 2012 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने वर्ष 2012-13 का रेल बजट पेश कर दिया है। चूंकि केंद्र सरकार गठबंधन दलों की सरकार है तथा रेल मंत्रालय सरकार के एक प्रमुख घटक तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में है। और ममता बैनर्जी के पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद उन्हीं की पार्टी के सांसद […] Read more » increased railway charges रेल किराया वृद्धि
आर्थिकी फिर निकला जमीन का जिन्न March 5, 2012 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम झारखंड में एकबार फिर जमीन का जिन्न बाहर निकल आया है। छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी एक्ट) का गड़ा मुर्दा उखाड़कर अस्थिरता का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है। जमीन के नाम पर झारखंड के लोगों को बांटने की साजिश रची जा रही है। इसके पहले भी डोमेसाइल के नाम पर […] Read more » domicile inJharkhand फिर निकला जमीन का जिन्न
आर्थिकी तेल – आधारित अर्थव्यवस्था का विकल्प सोचना ही होगा March 5, 2012 / March 5, 2012 by राजीव गुप्ता | 1 Comment on तेल – आधारित अर्थव्यवस्था का विकल्प सोचना ही होगा राजीव गुप्ता अब यह कहना कि भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्णतः कच्चे तेल पर आधारित हो चुकी है बिलकुल भी अतिश्योक्ति नहीं होगा ! मशीनीकरण के इस आधुनिक युग में लगभग सभी उत्पादन – क्षेत्र ऊर्जा – आधारित है ! भारत में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत “पेट्रोलियम पदार्थ” है ! “पंचलाईट” से लेकर सुपरसोनिक हवाई जहाज़ और […] Read more » oil economy
आर्थिकी फिर हाशिये पर जमीन और किसान February 22, 2012 / February 22, 2012 by हिमांशु शेखर | Leave a Comment हिमांशु शेखर 2006 के आखिरी दिनों में सिंगुर और 2007 में नंदीग्राम में किसानों का आंदोलन खड़ा करके पश्चिम बंगाल में तकरीबन तीन दशक से डटे वाम मोर्चा की सरकार को जब ममता बनर्जी ने बेहद सधे अंदाज में झकझोरा तो एक स्पष्ट सियासी संकेत उभरा कि जमीन और किसान वोट बटोरने के औजार भूमंडलीकरण […] Read more » Farmers Land किसान हाशिये पर जमीन
आर्थिकी चोर चोर चचेरे भाई February 5, 2012 / February 5, 2012 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गाँधी अमेरिका ने अपने देश का काला धन स्विस बैंको में जमा करवाने वालों और जमा करने वाले स्विस बैंको पर कार्रवाही शुरू कर दी है . अमेरीकी सरकार ने ऐसे स्विस बैंकों को देश के टैक्स चोरों का मददगार मानते हुए ..स्विस के सबसे पुराने बैंक के खिलाफ कार्रवाही करते हुए …स्विस बैंक वेग्लिन […] Read more » black money in Swiss Bank corrupt politicians of congress चोर चोर चचेरे भाई